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    यूपी में SIR के दौरान लापरवाही बरतने वाले 60 शिक्षकों का रोका गया वेतन, 352 बीएलओ को FIR की चेतावनी

    Updated: Sun, 23 Nov 2025 05:18 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) के दौरान लापरवाही करने वाले 60 शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है। साथ ही, 352 बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) को कार्यों में लापरवाही बरतने पर एफआईआर दर्ज कराने की चेतावनी दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई कर्तव्यों का पालन न करने के कारण की गई है।

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    SIR के दौरान लापरवाही बरतने वाले 60 शिक्षकों का रुका वेतन।

    जागरण संवाददाता, हरदोई। मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य में लापरवाही अब भारी पड़ने लगी है। निर्वाचन आयोग की सख्ती और लगातार मिल रहे निर्देशों के बावजूद कई कर्मचारी और बीएलओ समय से पत्रक जमा कराने और उनका डिजिटाइजेशन करने में गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं, जिस पर अब कार्रवाई शुरू हो गई हैं।

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    कोथावां, कछौना और बेहंदर क्षेत्र के 60 शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है, जबकि जिन बीएलओ का डिजिटाइजेशन 10 से भी कम पाया गया है, उन्हें एफआईआर की चेतावनी दी गई है।

    उधर, रविवार सुबह से सोमवार की सुबह 10 बजे तक हर एआरओ को 8,000 पत्रकों के डिजिटाइजेशन का लक्ष्य सौंपा गया है, जिसे हर हाल में पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। कम फीसद मिलने पर जिम्मेदार बीडीओ, तहसीलदार, नायब तहसीलदार समेत अन्य जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी।

    एसआईआर के अंतर्गत सभी मतदाताओं को बीएलओ द्वारा दिए गए पत्रकों को सही तरीके से भरवाना, उन्हें वापस लेना और उनका डिजिटाइजेशन करना उच्च प्राथमिकता का कार्य है।

    निर्वाचन आयोग ने भी स्पष्ट निर्देश दे रखे हैं कि 2025 की मतदाता सूची में किसी भी मतदाता का नाम छूटना नहीं चाहिए। इसके बावजूद कई क्षेत्रों से लगातार लापरवाही की शिकायतें सामने आ रही थीं। प्रशासन द्वारा कई बार चेतावनी देने के बाद भी काम में धीमी रफ्तार के कारण अब कार्रवाई करनी पड़ी है।

    बालामऊ विधान सभा के एआरओ की संस्तुति पर कोथावां, कछौना और बेहंदर क्षेत्रों में तैनात 60 शिक्षकों का वेतन तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। ये शिक्षक बीएलओ के साथ मिलकर पत्रक जमा कराने और डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया में लगे थे, लेकिन निर्धारित लक्ष्य का आधा भी कार्य पूरा नहीं कर सके।

    प्रशासन ने स्पष्ट कहा है कि मतदाता सूची पुनरीक्षण कोई साधारण कार्य नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया की नींव से जुड़ा अत्यंत संवेदनशील काम है।

    इसमें लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसी के साथ जिन बीएलओ का डिजिटाइजेशन 10 पत्रकों से भी कम पाया गया है, ऐसे 352 बीएलओ को अंतिम चेतावनी देते हुए कहा गया है कि यदि कार्य में तुरंत सुधार नहीं हुआ, तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। इसके लिए संबंधित एसडीएम और एआरओ को निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।

    प्रशासन ने डिजिटाइजेशन की रफ्तार बढ़ाने के लिए रविवार सुबह से सोमवार सुबह 10 बजे तक हर एआरओ को 8,000 पत्रकों का लक्ष्य भी दिया है।

    सभी एआरओ, बीएलओ और सहयोगी कर्मचारियों को रात-दिन काम करके लक्ष्यों को पूरा करने के निर्देश मिले हैं। कई जगहों पर कंप्यूटर आपरेटरों की संख्या बढ़ाई गई है और विशेष शिविर भी लगाए गए हैं।