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    पैंटून पुल का निर्माण न होने से नाव से नदी पार कर रहे लोग, 30 की जगह 80 किलोमीटर की तय कर रहे दूरी

    Updated: Wed, 26 Nov 2025 11:57 AM (IST)

    हरदोई में पैंटून पुल का निर्माण न होने से लोगों को नाव से नदी पार करनी पड़ रही है। इस कारण उन्हें 30 किलोमीटर की जगह 80 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ रही है, जिससे उन्हें काफी असुविधा हो रही है। पुल न होने से ग्रामीण जोखिम भरी यात्रा करने को मजबूर हैं।

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    पैंटून पुल का निर्माण न होने से नाव से नदी पार कर रहे लोग।

    संवादसूत्र, हरपालपुर। कटियारी क्षेत्र को जनपद कन्नौज से जोड़ने वाले गांव चियासार के पास गंगा नदी पर आवागमन के लिए पैंटून पुल का निर्माण न होने से क्षेत्र के लोगों का जीवन खतरे में डाल नाव से नदी को पार करना पड़ रहा है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में गंगा नदी पर शासन ने 63 लाख की लागत से पैंटून पुल के निर्माण को स्वीकृति प्रदान की थी। स्वीकृत के बाद पुल का निर्माण किया गया था।

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    निर्माण के बाद निर्धारित समय पर पुल को हटा लिया गया था। बाढ़ की आशंका पर पुल 15 जून को हटाने और गंगा नदी में पानी कम होने पर 15 अक्तूबर को पुल से आवागमन शुरू करना था। विगत वर्ष निर्धारित समय पर पुल हटा तो लिया गया, लेकिन विगत वर्ष निर्धारित समय पर पुल तैयार नहीं हो सका।

    लोगों को नाव के सहारे ही पूरे वर्ष आवागमन हुआ। पैंटून पुल न बनने और नाव का संचालन शुरू न होने से कटियारी क्षेत्र ग्रामीणों को गंगा पार के क्षेत्र में आवागमन को 30 की जगह 80 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ रही है।

    गंगा की तलहटी में बसे जीवनपुरवा, जवाहरपुरवा, दहेलिया, सुलखामऊ, बेहटालाखी, निकामदपुर, बारामऊ, ढकपुरा समेत दो दर्जन से अधिक गांव के लोगों इससे प्रभावित है। पैंटून पुल न बनने व नाव का संचालन न होने से लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

    नाव का संचालन भी हुआ बंद

    गंगा नदी की प्रमुख धारा जलस्तर घटने के बाद तीन धाराओं ने विभाजित हो गई, जिससे नव का संचालन भी बंद हो गया हैं। गंगा पार जाने के लिए ग्रामीणों को 30 किलोमीटर की जगह कुसुमखोर तथा फर्रुखाबाद के रास्ते 80 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ रहा है।

    व्यापारिक गतिविधियां हो रही प्रभावित

    गंगा पार तट पर स्थित चियासर प्राचीन घाट है। इस घाट पर च्वयन ऋषि का आश्रम है। मान्यता है कि च्वयन ऋषि ने यहां पर च्वयनप्राश निर्मित किया था। च्व गुरसहायगंज कस्बा से कटियारी क्षेत्र के इलेक्ट्रिक सामान का अधिकांश व्यापार होता है। पुल के न होने से व्यापार पर भी असर पड़ रहा है।