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    Potato Price: यूपी के इस जिले में आलू किसानों को नुकसान का बड़ा डर, देखिए आखिर क्या है वजह?

    Updated: Sat, 02 Aug 2025 01:58 PM (IST)

    हाथरस के आलू किसानों को इस बार नुकसान का डर है क्योंकि दूसरे राज्यों में आलू की बंपर पैदावार हुई है। पिछले साल के मुकाबले इस बार आलू के दाम काफी कम हैं। किसान कोल्ड स्टोर में रखे आलू के भाव बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं। जिले में सबसे ज्यादा आलू सादाबाद मुरसान और सहपऊ में होता है। सरकार ने आलू की जमाखोरी के खिलाफ अभियान चलाया है।

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    प्रस्तुतीकरण के लिए सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।

    जागरण संवाददाता, हाथरस। आलू से पिछले साल अच्छी कमाई कर चुके किसानों को इस बार झटका लगा है। बीते साल की तुलना में इस बार आलू काफी सस्ता बिक रहा है। भाव बढ़ने की प्रतीक्षा में किसान कोल्ड स्टोर से रखे। तीन दिन पहले तक इसकी कीमत 550 रुपये प्रति पैकेट तक पहुंच गईं। इनमें कुछ इजाफा ताे हुआ है, लेकिन कीमत पिछले साल की अपेक्षा आधी ही हैं।

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    पिछले साल आलू का पैकेट 1400 रुपये से प्रति पैकेट से ऊंचा बिका था। इस बार भी अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में किसानों, व्यापारियों ने करीब 80 हजार एमटी आलू शीत गृहों में भंडारित किया। 10 प्रतिशत आलू की ही निकासी हुई है। बाकी आलू कोल्ड स्टोर में ही है।

    ऐसे में किसानों को नुकसान का डर सता रहा है। आलू के सस्ता होने का कारण दूसरे राज्यों में बंपर पैदावार होना बताया जा है। इस कारण यहां का आलू दूसरे राज्यों में नहीं खप सका और न अच्छे दाम मिल पा रहे हैं। ऐसे में आलू के भाव बढ़ने का इंतजार किसान कर रहे हैं।

    सादाबाद, सहपऊ, मुरसान और सासनी में होती है सबसे ज्यादा आलू की पैदावार

    जिले में आलू की पैदावार सबसे अधिक होती है। करीब 52 हजार हेक्टेयर से अधिक यहां के किसान आलू की फसल का रकबा है। सबसे अधिक आलू सादाबाद और मुरसान एवं सहपऊ के अलावा सासनी एवं हाथरस में पैदा होता है। आलू की पैदावार होने के बाद किसान उसे कोल्ड स्टोरेज में तब तक रखे रहते हैं जब तक कि आलू के रेट ठीक-ठाक न हो जाएं। मगर इस बार दूसरे राज्यों में आलू की बंपर पैदावार ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।

    52 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबा, दूसरे राज्यों में आलू की बंपर पैदावार से गिरे हैं दाम

    कई छोटे किसानों के लिए, आलू की कीमतों में बढ़ोत्तरी बेहतर आजीविका और आर्थिक स्थिरता की उम्मीद जगाती है। कोल्ड स्टोरेज पर आलू बिक्री करने आए आलू किसान महाराज सिंह ने बताया कि उन्होंने लगभग 15 एकड़ भूमि पर आलू की खेती की है। पिछले तीन हफ्ते से आलू की कीमतें बहुत कम थीं और उपज 400 से 550 रुपये प्रति पैकेट बिकी थी, लेकिन इन दिनों आलू का रेट थोड़ा सा बढ़कर 700 से 800 रुपये तक पहुंच गया है। कीमतों में और इजाफे की उम्मीद है, जिससे हमें लागत निकालने में मदद मिलेगी और किसानों को भी कुछ बचत होगी। किसानों को उम्मीद है कि आलू के रेट बढ़ेंगे तभी कोल्ड से आलू बाजार में निकालेंगे।

    काेल्ड स्टोरेज संचालकों ने कही ये बात

    कोल्ड संचालकों ने बताया कि ये सही है कि बीते दो तीन हफ्तों में मंडियों में व्यापारियों द्वारा अंधाधुंध लोडिंग की वजह से आलू के रेट तेजी से गिरे। जिन मंडियों में डिमांड 10-20 गाड़ियों की थीं वहां अधिक गाडियां डाली गईं जिससे आलू के दाम मंडियों से अपेक्षित नहीं मिले ।

    सबसे अधिक पैदा होता है यहां आलू

    किसान बताते हैं कि देश में सबसे ज्यादा आलू उत्तर प्रदेश में होता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने आलू की जमाखोरी के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है। इस बात की जांच की जा रही है कि कहीं आगरा के कोल्ड स्टोरेज कीमत बढ़ाने के लिए जमाखोरी तो नहीं कर रहे हैं।

    • 3797 सुपर : 500 से 700
    • सूर्या सुपर: 600-800
    • हाइब्रिड: 250 से 300 गुल्ला
    • 300 से 350, किररी: 50 से 120

    आलू की स्थिति बहुत खराब हो चुकी है। किररी को डेढ़ सौ रुपये में भी खरीदने के लिए तैयार नहीं है। इस समय आलू को खरीदने के लिए कोई भी तैयार नहीं है। इस कारण किसान चिंतित हैं। सत्यवीर सिंह,मुरसान

    आलू निकासी की स्थिति बहुत खराब है। कोल्ड में 80 प्रतिशत आलू का भंडारण है। किसान आलू बेचने ही नहीं आ रहे। भाव भी गिर गए हैं। अभी सही रेट बाजार में आने का इंतजार किया जा रहा है। संजू, आलू व्यापारी, सासनी

    30 बीघा आलू किए थे। अच्छा पैसा न मिलने के कारण कोल्ड स्टोर में आलू रखे हुए हैं। कोल्ड स्टोर स्वामी आलू के कट्टे को निकालने की मांग कर रहा है। करीब पांच लाख रुपये का घाटा है। मुकेश कुमार, किसान रघनियां

    ये सही है कि पिछले साल की तुलना है इस बार किसानों को आलू का भाव नहीं मिल रहा। इसका मुख्य कारण दूसरे राज्यों में आलू की बंपर पैदावार होना है। आने वाले समय में कीमत और बढ़ सकती है। सुनील कुमार, जिला उद्यान अधिकारी।

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