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    मौत के प्वॉइंट बन गए ब्लैक स्पॉट, यूपी के इस जिले में 22 महीनों में 370 ने गंवाई जान

    Updated: Mon, 10 Nov 2025 03:17 PM (IST)

    उरई के हाईवे और तहसील क्षेत्रों में 16 ब्लैक स्पॉट हैं, जहाँ 22 महीनों में 370 लोगों की जान गई। झांसी-कानपुर हाईवे पर गोविंदम ढाबा जैसे स्थानों पर सबसे ज्यादा हादसे हुए। इन जगहों पर रिफ्लेक्टर और संकेतक की कमी है। पुलिस अधीक्षक के अनुसार, संकेतक लगाने का काम चल रहा है और लोगों को यातायात नियमों का पालन करने के लिए जागरूक किया जा रहा है।

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    जागरण संवाददाता, उरई। हाईवे के साथ तहसील क्षेत्रों में करीब 16 ब्लैक स्पाट हैं। जहां आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। इसमें कुछ ब्लैक स्पाट पर हाल ही में संकेतांक लगा दिए गए हैं कुछ स्थानों पर अभी भी स्थिति जस की तस है। मौत के प्वाइंट बन चुके इन ब्लैक स्पाट पर 22 महीनों में 370 लोगों ने विभिन्न दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा चुके हैं।

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    झांसी-कानपुर हाईवे पर गोविंदम ढाबा, आटा के आगे भभुआ मजार व उसरगांव सरसेला तिराहा के साथ एट के पास पिंडारी मोड़ पर सर्वाधिक हादसे होते थे।

    इन ब्लैक स्पाट पर रिफ्लेक्टर, मार्ग संकेतक और सड़क पटरियों की मरम्मत भी नहीं कराई गई है। हाल ही में नारायणपुरा मार्ग की पुलिया पर लगातार हादसे होने से वहां पर पटरी का निर्माण कराकर संकेतक लगा दिए गए हैं। ब्लैक स्पाट खत्म न होने से लगातार हादसों से कई लोग जान गंवा रहे हैं।

    यातायात माह के अलावा साल भर वाहनों से चलने वाले लोगों को हादसों से बचाने के लिए कई तरह के नियमों का पालन कराया जाता है। इसके लिए ब्लैक स्पाट पर रेडियम, संकेतांक व जागरूकता करने वाले बोर्ड लगाए जाते हैं जिससे के वाहन चालक इन स्थानों पर अधिक रफ्तार से वाहन न ले जाएं और हार्न बजाकर सामने वाले का ध्यान आकर्षिक करें।

    इससे हादसों में कमी आए और लोगों की जिंदगी बच सके। झांसी-कानपुर हाईवे पर गोविंदम, ढाबा, सोमई-एट मोड़, भभुआ मजार के पास सबसे अधिक हादसे होते हैं। यहां पर कुछ संकेतक तो लगे हैं लेकिन कुछ स्थानों पर कोई भी बोर्ड न होने से वाहन चालकों को ब्लैक स्पाट का पता नहीं चल पाता है और वह हादसे का शिकार होकर जान गंवा देते हैं।

    सड़क हादसों में 22 महीने में गई 370 की जान

    जिले के हाईवे, अंतर राज्यीय व अंतर जनपदीय मार्गों के अलावा जिले के विभिन्न नगर व गांवों को जाने वाली सड़कों में वर्ष 2024 में 384 सड़क हादसे हुए थे। जिसमें 193 लोगों ने अपनी जान गंवाई था। जिसमें बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग भी शामिल थे।

    इसी तरह वर्ष 2025 में अब तक सड़क हादसों में 177 लोग जान गंवा चुके हैं। जिसमें कई तो सामान्य रूप से सड़क हादसे हुए जिसमें वाहन चालक या तो शराब के नशे में रहे या फिर गलत साइड से वाहन चलाते मिले।

    कई स्थानों पर लगेे संकेतांक

    पिछले महीने में जालौन से नारायणपुरा जाने वाली सड़क में दो दिन में दो हादसों में तीन की मौत हुई थी। इसके बाद से लोगों ने सड़क पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया था। जिससे कि नारायणपुरा नहर पर बनी पुलिया का रेलिंग बनवाई जाए। हादसों के बाद विभाग ने रेलिंग बनवाने के साथ वहां संकेतक भी लगवा दिए हैं।

    वाहन चालकों को हमेशा यातायात नियमों का पालन करके वाहन चलाने के लिए जागरूक किया जाता है। जिससे कि हादसों में कमी आ सके। लगातार अभियान चलाया जा रहा है।

    डा. दुर्गेश कुमार, पुलिस अधीक्षक

    सड़कों की तीव्र मोड़ व ब्लैक स्पाट पर संकेतक व जागरूक बोर्ड लगाने के लिए हमेशा काम चलता है। जिले की सड़कों पर कुछ जगह संकेतक व बोर्ड लगवाने के लिए विभाग से बजट मांगा गया है।

    सुनील कुमार रोड सेफ्टी इंचार्ज पीडब्ल्यूडी