UP Flood Alert: उरई सहित आसपास खतरे के निशान से चार मीटर ऊपर बह रही यमुना, कालपी की बिजली बंद
UP Flood Alert उरई और आसपास के इलाकों में बाढ़ ने लोगों की नींद उड़ा रखी है। लोग परेशान हैं। खतरे के निशान से चार मीटर अभी भी ऊपर यमुना नदी बह रही है। कस्बा और मुहल्ले के अंदर पानी भर से जाने से बिजली की सप्लाई भी बंद कर दी गई है। कई गांवों में अभी भी भी पानी भरा हुआ है।

जागरण टीम, उरई। यमुना नदी का पानी खतरे के निशान से चार मीटर ऊपर तक पहुंचने के बाद चौथे दिन ठिठक गया है। शुक्रवार रात को कालपी कस्बा के अंदर पानी भर जाने से कई मुहल्लों की बिजली सप्लाई बंद कर दी गई। महेवा ब्लाक, कदौरा आदि क्षेत्र के गांवों में अभी भी पानी भरा हुआ है। कालपी तहसील क्षेत्र के साथ महेवा, कुठौंद व रामपुरा ब्लाक क्षेत्र के 80 से अधिक गांवों में अभी भी लोग दहशत में हैं।
मंगरौल, देवकली, गुढ़ा खास व सिमरा शेखपुर गांव के लोग ऊंचाई वाले स्थानों पर शरण लिए हुए हैं। कालपी के कांशीराम कालोनी, वेद व्यास मंदिर परिसर में पानी भरा हुआ है। डकोर क्षेत्र के गांवों में बेतवा का पानी भर गया है लेकिन जलस्तर में गिरावट होने से राहत। शनिवार को बेतवा का जल स्तर 113 मी. के करीब पहुंच गया था। बेतवा में खतरे का निशान 122.644 पर है। यमुना का जलस्तर 112 मी. के ऊपर पहुंचने के बाद स्थिर हो गया और दोपहर बाद इसमें दस सेमी हर घंटे के हिसाब से कमी आती जा रही है। यमुना में खतरे का निशान 108 मी. पर है।
यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 108 मीटर से सवा चार मीटर ऊपर तक पहुंच गया जिससे भीषण बाढ़ आ गई खेत से लेकर सड़क व नगर से लेकर गांवों तक लोगों के घरों को बाढ़ के पानी ने घेर लिया है। मुहल्ला तरीबुल्दा, राजघाट, आलमपुर, कांशीराम कालोनी, पंचपिंडा देवी रोड पर तो स्थिति बेहद खराब है। बस्ते के लोगों ने अपने घर खाली कर दिए और छंगे आश्रम मंदिर में शरण ली है। आश्रम के आसपास भी बाढ़ का पानी भरा है।
ग्राम दहेलखंड के घरों में भरा पानी। जागरण
मनीष, दिग्विजय ने बताया कि दो दिन हो गए हैं बाढ़ का पानी बस्ती के हर घर में घुसा है और प्रशासन ने अभी तक कोई राहत नहीं पहुंचाई। कांशीराम कालोनी व तरीबुल्दा मुहल्ले में सड़क नाव चल रही है। साथ ही नगर में घरों के साथ कागज फैक्ट्रियों में पानी भर गया है जिससे कागज खराब हो गया है।
बिजली आपूर्ति बाधित होने से और बढ़ी परेशानी
नगर में बाढ़ का पानी आ जाने से मुहल्ला गणेशगंज, रामगंज, कागजीपुरा, तरीबुल्दा तहसील के आसपास की बिजली आपूर्ति बाधित कर दी गई है। जिससे 14 घंटे से बस्ती में बिजली न आने के कारण लोग बेहाल हैं। विद्युत विभाग के जिम्मेदारों का कहना है कि बिजली आने पर पोलों के साथ घरों में करंट आने का खतरा बढ़ जाएगा।
ग्राम देवकली में पानी भर जाने से नाव पर रखकर सामान सुरक्षित स्थान पर ले जाते ग्रामीण। जागरण
मंगरौल, पड़री, रायढ़, गुलौली गांव हुए प्रभावित
मंगरौल गांव की बस्ती में यमुना की बाढ़ का पानी लोगों के घरों तक में भरा है। जिससे लगभग 450 लोग गांव के परिषदीय विद्यालय में शरण लिए हुए हैं। गांव के अच्छेलाल, भइयालाल ने बताया कि बाढ़ के चलते घरों में पानी भर गया है। पूरा सामान बर्बाद हो गया है। बस्ती में आने जाने के लिए टयूब आदि का सहारा लेना पड़ रहा है। नाव तक की व्यवस्था नहीं हो पाई है। महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग परेशान हैं। यही हाल पड़री व रायढ़ गांव का है।
केंद्रीय जल आयोग के रूपेश कुमार ने बताया कि दोपहर 12 बजे तक यमुना का जलस्तर 112.14 मीटर दर्ज किया गया यमुना का जलस्तर लगभग चार घंटे से स्थिर था। जो अब घटने लगा है। लगभग एक सेमी जलस्तर घटा है। जलस्तर घटने के बाद भी लोगों को राहत नही मिल पा रही है।
कालपी के कांशीराम कालोनी में भरा पानी। जागरण
जिलाधिकारी की स्कार्ट कार से भेजा कालपी
महेवा ब्लाक क्षेत्र के रानी पत्नी दिलीप दीक्षित मैनूपुर की तबीयत बिगड़ने पर स्टीमर से मंगरौल भेजा वहां एंबुलेंस न मिलने पर जिलाधिकारी की एस्कार्ट कार से मंगरौल से कालपी भेजा गया। संध्या पुत्री देवी गुलाम निवासी धरमपुर को स्टीमर द्वारा डिलीवरी के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कालपी लाया गया।
मप्र जाने वाली सड़कों पर लगी बैरिकेड्स
माधौगढ़ : पहुज नदी में अधिक पानी आने से बाढ़ आ गई है जिससे महाराजपुरा के लिए जाने वाली सड़क व असहना के लिए जाने वाली सड़क पर पानी आने से ग्रामीणों को निकलना मुश्किल हो रहा है। कई गांवों पानी से घिरे हुए हैं। महाराजपुरा लिए जाने वाली बिजली के खंभा पानी में डूबने से तीन दिनों से बिजली काट दी गई है।
महाराजपुरा मध्य प्रदेश जाने वाली सड़क पर ऊंचा गांव के पास बैरिकेड्स लगाकर पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं। पचनद पर चंबल, सिंध, यमुना, क्वारी व पहुज नदी में बाढ़ आने से जन जीवन अस्तव्यस्त हो गया था। झरैला, मीगनी, असहना में शुक्रवार की रात में अधिक बाढ़ आने से पानी से घिरे हैं। महाराजपुरा के लिए जाने वाली बिजली के खंभा पानी में डूबने के कारण तीन दिन से बिजली काट दी गई है। तहसीलदार गौरव कुमार का कहना है कि पहुच नदी में बाढ़ पचनद पर पानी आने की वजह से पानी बढ़ा हुआ है।
वैकल्पिक मार्ग न मिलने से 80 गांव के लोग बेहाल
यमुना शेरगढ़ घाट पुल की मरम्मत कार्य के चलते लगभग 80 गांवों की जनता लंबे समय से परेशान है। पुल 15 जुलाई से मरम्मत के लिए बंद है, लेकिन अब तक किसी भी वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था नहीं की गई है। इसका सीधा असर कुठौंद ब्लाक के आसपास गांवों पर पड़ा है। लोगों को आवश्यक सेवाओं, अस्पतालों और रोजमर्रा की आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उधर बाढ़ की वजह से पुल के मरम्मतीकरण के काम में भी रुकावट आ रही है, इससे समय पर काम हो पाना एक चुनौती है।
बाढ़ के मद्देनजर सतर्कता से निकाली जा रहीं ट्रेनें
यमुना नदी में बाढ़े के मद्देजर झांसी-कानपुर रेल ट्रैक पर कालपी के यमुना ब्रिज से गुजरने वाली अप और डाउन ट्रेनों को सतर्कता आदेश से गुजर जा रहा है। मंगलवार को झांसी मंडल के जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि बाढ़ को देखते हुए 24 घंटे पुल के ऊपर पेट्रोलिंग की जा रही है और हर आधा घंटे पर पानी की स्थिति से मंडलीय अधिकारियों को अवगत कराया जा रहा है। इस ट्रैक से गुजरने वाली ट्रेनों को सतर्कता आदेश देकर गुजारा जा रहा है।
गांव में न भरे बाढ़ का पानी, कटवाई गई सड़क
भेंपता, कमतरी, पहाड़गांव, सुनाया में बरसात का पानी भर जाने से ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। पानी कहीं गांव के अंदर न पहुंच जाए इसके लिए प्रशासन ने भेंपता-कमतरी मार्ग को काट दिया जिससे पानी गांवों में घुसने से रोका जा सके। कमतरी से निकले मलंगा नाला और पहाड़गांव से निकली नून नदी में पानी ओवर हो जाने के कारण कई गांव तक पानी पहुंच चुका है। सैकड़ों हेक्टेयर भूमि जलमग्न हो चुकी है। कमतरी, भेंपता, सुनाया, पहाड़गांव, मंगरा आदि गांवों के ग्रामीण पानी बढ़ने से परेशान हैं। प्रशासन जल निकासी के प्रबंध खोज रहा है।
शुक्रवार को एसडीएम ज्योति सिंह ने इन गांवों का दौरा भी किया था। शनिवार को लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता एसके गौतम, नायब तहसीलदार सादुल्लाह खान ने ग्राम पहाड़गांव पहुंचकर कमतरी जाने वाले मार्ग को जेसीबी से कटवाया जिससे पानी निकाला जा सके। सहायक अभियंता ने बताया कि मलंगा नाला में पानी अधिक है जिससे पूरा इलाका पानी से भर गया है। सड़क को काटकर पानी को निकाला जा रहा है।
बाढ़ क्षेत्र में स्टीमर से पहुंचे अधिकारी, राहत शिविरों में पहुंचाई मदद
जनपद में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में शनिवार को मंडलायुक्त विमल कुमार दुबे के साथ स्थानीय विधायक विनोद चतुर्वेदी, डीएम राजेश कुमार पांडेय, डीआईजी केशव कुमार चौधरी, एसपी डा. दुर्गेश कुमार ने स्टीमर से बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान शिविरों में राहत सामग्री पहुंचाई गई। ग्रामीणों से बातचीत कर उनको आश्वासन दिया गया कि किसी को परेशानी नहीं होने दी जाएगी। दौरा करने के बाद अधिकारियों ने सामुदायिक रसोई में भोजन का वितरण कराया।
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