बुंदेलखंड विश्वविद्यालय को मिली बड़ी जिम्मेदारी, चौथी बार कराएगा राज्य स्तरीय B.Ed प्रवेश परीक्षा
बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय को एक बार फिर बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। विश्वविद्यालय लगातार चौथी बार संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा कराने जा रहा है। शासन द्वा ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, झांसी। उपलब्धियों की राह पर आगे बढ़ रहे बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय को एक बार फिर बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। विश्वविद्यालय लगातार चौथी बार संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा कराने जा रहा है। शासन द्वारा विश्वविद्यालय को परीक्षा आयोजक नामित करने के बाद विशेष सचिव, उच्च शिक्षा ने इसकी घोषणा की है। शासन की चिट्ठी आते ही विश्वविद्यालय ने तैयारी प्रारम्भ कर दी है। 3 बार संयुक्त बीएड प्रवेश करा चुके विश्वविद्यालय को इसका पूरा अनुभव है।
प्रो. एसपी सिंह होंगे राज्य समन्वय
कुलपति प्रो. मुकेश पाण्डेय ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष 2023, 2024, 2025 में शासन की अपेक्षाओं पर पूरी तरह से खरा उतरते हुये संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन किया गया। इसी भरोसे को कायम रखते हुए शासन ने पुन: बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय को इस परीक्षा के आयोजन के लिए चुना है।
उन्होंने बताया कि वरिष्ठ आचार्य प्रो. एसपी सिंह को पिछले वर्ष की भाँति इस बार भी संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा-2026 के लिए राज्य समन्वयक नियुक्त किया गया है। उनके साथ कुलसचिव ज्ञानेन्द्र कुमार राज्य नोडल अधिकारी रहेंगे तथा प्रो. सौरभ श्रीवास्तव एवं प्रो. डीके भट्ट सह राज्य समन्वयक के दायित्व का निर्वहन करेंगे। शिक्षा संस्थान के विभागाध्यक्ष डॉ. सुनील त्रिवेदी को कण्ट्रोल रूम का प्रभारी बनाया जाएगा।
कुलपति का पुरानी कोर कमिटि के कई सदस्यों पर भरोसा
कुलपति ने बताया कि शासन के नियमानुसार कोर कमिटि भी गठित की जा रही है। इसमें उक्त समस्त अधिकारियों के अलावा पिछले वर्ष कमिटि में रहे प्रो. एमएम सिंह एवं प्रो. काव्या दुबे भी शामिल रहेंगे। उनके सहयोगी के रूप में डॉ. अचला पाण्डेय, डॉ. दीप्ति सिंह, डॉ. अनुपम व्यास, डॉ. भुवनेश्वर मस्तैनिया, डॉ. प्रेम प्रकाश राजपूत, डॉ. अनुराग कुमार तथा तकनीकी सहयोग के लिए सिस्टम एनालिस्ट डॉ. दीपक तोमर व साबिर अली भी शामिल रहेंगे।
करियर बनाने के खुलते हैं कई रास्ते
कुलपति ने बताया कि दो वर्षीय बीएड (बैचलर ऑफ एजुकेशन) कार्यक्रम के उपरान्त विद्यार्थी विभिन्न क्षेत्रों में अपना करियर बना सकते हैं। विद्यार्थी बीएड के उपरान्त सरकारी या गैर सरकारी स्कूलों में कक्षा 6 से कक्षा 10 तक के शिक्षक बन सकते हैं। दो वर्षीय बीएड के उपरान्त विभिन्न सरकारी क्षेत्र जैसे पीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल, कस्तूरबा गाँधी विद्यालय एवं आवासीय विद्यालयों में अपना भविष्य बना सकते हैं। दो वर्ष की अवधि के दौरान विद्यार्थी विभिन्न शिक्षण कौशल में निपुण हो जाते हैं।
दो वर्षीय अवधि के दौरान विद्यार्थी शिक्षण में विषय विशेषज्ञता और व्यावसायिक प्रशिक्षण को प्राप्त कर लेता है। इस अवधि में विद्यार्थी इण्टर्नशिप और शिक्षण अभ्यास के माध्यम से व्यवहारिक प्रशिक्षण में निपुण हो जाता है। कोर्स पूरा होने के बाद उच्च शिक्षा में अपना करियर एमएड एवं पीएचडी के माध्यम से बना सकते हैं। उन्होंने बताया कि दो वर्षीय बीएड के उपरान्त प्रशासनिक क्षेत्र में एसडीआइ, खण्ड शिक्षा अधिकारी, डाइट प्रवक्ता, बीएसए, पीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय में उप प्रधानाचार्य बन सकते हैं एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने करियर को उड़ान दे सकते हैं।
यह भी जानिए
बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष 2023 में आयोजित संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा में 4,72,882 अभ्यर्थियों ने प्रतिभाग किया। इनमें 4,24,012 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी और 4,22,871 का परिणाम घोषित किया गया। इनमें से 1,40,777 छात्रों ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न बीएड महाविद्यालयों में प्रवेश लिया।
वर्ष 2024 में 2,23,384 अभ्यर्थियों ने प्रवेश परीक्षा में प्रतिभाग किया। इनमें 1,93,640 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी और 1,93,062 का परीक्षा परिणाम घोषित किया गया। इनमें से 1,37,054 छात्रों ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न बीएड महाविद्यालयों में प्रवेश लिया।
वर्ष 2025 में आयोजित हुई बीएड प्रवेश परीक्षा में 3,44,546 अभ्यर्थियों ने प्रतिभाग किया था। इनमें 3,05,791 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी और 3,04,980 का परिणाम घोषित किया गया। सफल हुए अभ्यर्थियों में से 2,18,169 विद्यार्थियों ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न बीएड महाविद्यालयों में प्रवेश लिया।
'शासन द्वारा उत्तर प्रदेश की संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा के लिए लगातार चौथी बार बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय पर विश्वास जताया है। यह विश्वविद्यालय के लिए गौरवान्वित करने की बात है। इसके पहले 3 बार विश्वविद्यालय ने पूरी पारदर्शिता और शुचिता के साथ परीक्षा आयोजित की है। इस बार भी विश्वविद्यालय की टीम तैयार है और बेहतर तरीके से परीक्षा कराई जाएगी।'
प्रो. मुकेश पाण्डेय - कुलपति, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय (झाँसी)

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