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    Delhi Blast: कानपुर से तबादला से आहत थी डॉक्टर शाहीन, कन्नौज में हाजिरी लगाकर लौट जाती थी जैश कमांडर

    Updated: Tue, 11 Nov 2025 08:39 PM (IST)

    डॉक्टर शाहीन की गिरफ्तारी के बाद एक के बाद कई राजफाश हो रहे हैं। वहीं, कानपुर से लेकर कन्नौज में तैनाती के दौरान डॉक्टर शाहीन की कार्यप्रणाली संदिग्ध थी। वह चुपचाप रहती थी। वह कन्नौज मेडिकल कालेज में केवल उपस्थिति दर्ज कराकर चली आती थी।

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    संवाद सूत्र, सहयोगी जागरण तिर्वा (कन्नौज)। Delhi Blast: जैश की महिला कमांडर डॉक्टर शाहीन छह माह तक राजकीय मेडिकल कालेज में तैनात रही है। कानपुर से तबादला होने से वह आहत थी। इससे ठीक से ड्यूटी भी नहीं करती थी। किसी भी स्टाफ से उसे मतलब नहीं था। सप्ताह एक या दो बार थोड़ी देर के लिए मेडिकल कालेज आकर वह चुपचाप लौट जाती थी।

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    दिल्ली में हुए विस्फोट के मामले में गिरफ्तार हुई डा. शाहीन का लखनऊ, कानपुर के अलावा कन्नौज से भी कनेक्शन सामने आया है। वर्ष 2009 में राजकीय मेडिकल कालेज तिर्वा में फार्माकोलाजी विभाग में प्रवक्ता पद का सृजन हुआ था। इससे गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कालेज से प्रवक्ता डा. शाहीन का यहां शासन से तबादला हुआ था। उस समय मेडिकल कालेज में सिर्फ ओपीडी चलती थी।

     

    मेडिकल कालेज कैंपस में आवासीय सुविधा उपलब्ध न होने से डा. शाहीन सप्ताह में एक या दो बार ही कुछ देर के लिए कानपुर से आती-जाती थी। फार्माकोलाजी में तैनात एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का कहना है कि उस समय विभाग में ज्यादा काम नहीं रहता था। इससे डा. शाहीन कम आती थी। एक या दो घंटे रुकने के बाद लौट जाती थी। इस कारण किसी मेल-मिलाप ज्यादा नहीं था। वह किसी स्टाफ या कर्मचारी से मतलब भी नहीं रखती थी।

     

    मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. सीपी पाल ने बताया कि वर्ष 2009 में तैनाती वाले डाक्टर और स्टाफ के अभिलेख बंद रखे हैं। गिरफ्तारी के बाद ही उन्हें पता चला कि डा. शाहीन की पूर्व में तैनाती रही है। एसपी विनोद कुमार का कहना है कि फिलहाल अभी डा. शाहीन के बारे में किसी तरह की जानकारी नहीं मांगी गई है। अधिकारियों के निर्देश पर छानबीन कराई जाएगी।


    कानपुर या लखनऊ नौकरी चाहती थी डा. शाहीन

    जैश महिला कमांडर कानपुर और लखनऊ जैसी नगर में रहती थी। यही कारण रहा कि स्थानांतरण के बाद मेडिकल कालेज तिर्वा कन्नौज में उसका मन नहीं लगता था। एक प्रशासनिक अधिकारी का कहना है कि डा. शाहीन ने अधिकारियों से कहा था कि अगर कानपुर या लखनऊ मेडिकल कालेज में उसका स्थानांतरण न किया गया, तो वह नौकरी छोड़ देगी। इसके बाद उसका कानपुर स्थानांतरण हो गया था।