Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कन्नौज मेडिकल कालेज पहुंचीं राज्यपाल, बोलीं- देश का पहला मंदिर 'आंगनबाड़ी', तभी विश्व गुरु बनेगा भारत

    By amit kuswaha Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Wed, 30 Jul 2025 02:21 PM (IST)

    कन्नौज में राजकीय मेडिकल कालेज में आंगनबाड़ी संसाधन किट वितरण कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 35 लाभार्थियों को सम्मानित किया। उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों को देश का पहला मंदिर बताया और प्राइमरी शिक्षा की नींव मजबूत होने पर भारत को विश्व गुरु बनने की बात कही। राज्यपाल ने विभिन्न योजनाओं के तहत चेक और किट वितरित किए।

    Hero Image
    आंगनबाड़ी संसाधन किट वितरण कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल लाभार्थी को सम्मानित करतीं। जागरण

    जागरण संवाददाता, कन्नौज। राजकीय मेडिकल कालेज में आयोजित आंगनबाड़ी संसाधन किट वितरण कार्यक्रम में पहुंची राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सरकार की योजनाओं से लाभांवित 35 लोगों को सम्मानित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र देश का पहला मंदिर है। प्राइमरी शिक्षा की नीव मजबूत होने पर भारत विश्व गुरु बनेगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बुधवार सुबह 10 बजे राजकीय मेडिकल कालेज के आडिटोरियम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल पहुंची। यहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को किट, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास के लाभार्थियों को चेक, क्षय रोगियों को पोषण किट, पीएम कुसुम योजना की चेक, कृषि यंत्र के प्रमाण पत्र, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को चेक सौंपी।

    इसके बाद राज्यपाल ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र शिक्षा के लिए पहला मंदिर होता है। जहां पर प्राथमिक शिक्षा और संस्कार मिलते। गर्भावस्था में ही शिशु घर के संस्कार सीखने लगते। आठ वर्ष की आयु तक 80 प्रतिशत बच्चे संस्कार सीेख लेते। जब देश की प्राथमिक शिक्षा की नींव मजबूत होगी, तभी देश विश्व गुरु बनेगा।

    लखनऊ में ब्रम्होस तैयार हुआ और इसकी टेस्टिंग को सोंचा जा रहा था, तभी आपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान पर उपयोग किया। प्रदेश में छह डिफेंस सेंटर बनाए गए। वहीं, उन्होंने कहा कि मंत्री और विधायक अपने बच्चों को विधायक व सांसद बनने की सीखे न दें। उनको देश की सेवा के लिए वैज्ञानिक व डाक्टर के संस्कार दें। डाक्टर बनने पर सरकारी अनुभव लेकर दो वर्ष बाद निजी अस्पताल खोल लेते, फिर वह विदेश चले जाते। ऐसे लोगों को देश में रहकर सेवाभाव करना चाहिए।

    कहा, कोरोना काल में देखने को मिला, कि इलाज को लेकर कीमती मशीनें रहीं, लेकिन उनको चलाने वाले नहीं मिले। इससे मशीनों को खोला ही नहीं जा सका। इसके बाद उन्होंने कहा कि गर्भवती और बच्चों की देखभाल के लिए पुस्तकों को तैयार कराया है। प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्रों में विषयवार उन पुस्तकों को चलाया जाए।

    इस दौरान राज्यमंत्री असीम अरुण, विधायक कैलाश राजपूत, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रिया शाक्य, भाजपा जिलाध्यक्ष वीर सिंह भदौरिया, डीएम आशुतोष अग्निहोत्री, एसपी विनोद कुमार मौजूद रहे।

    मंत्री मंडल में सिर्फ दो-चार महिलाएं

    राज्यपाल ने कहा, अब बेटियां हर क्षेत्र में अपना हुनर दिखा रहीं। बेटा-बेटियों में भेदभाव न करें। हर जगह उनकी सहभागिता बराबर की हो। मंत्री मंडल में भी दो-चार महिलाओं को शामिल कर भरपाई कर दी जाती है।