विश्वविद्यालयों के वोकेशनल कोर्स में शामिल होगा साइबर सिक्योरिटी, सीएसजेएमयू कानपुर करेगा नेतृत्व
उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों में वोकेशनल कोर्स में साइबर सिक्योरिटी को शामिल किया जाएगा। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर को इसका नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी गई है। साइबर अपराधों में वृद्धि को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है, जिससे छात्रों को साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ बनने का अवसर मिलेगा और रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे। सीएसजेएमयू पाठ्यक्रम तैयार करने में मदद करेगा।

जागरण संवाददाता, कानपुर। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू)के वोकेशनल पाठ्यक्रम में शामिल साइबर सुरक्षा को अब प्रदेश के विश्वविद्यालयों में भी लागू किया जाएगा। पहले चरण में पांच विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने अपनी सहमति जताई है। नए वोकेशनल पाठ्यक्रम का नोडल विश्वविद्यालय सीएसजेएमयू को बनाया गया है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल इसकी औपचारिक घोषणा लखनऊ में कर सकती हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति - 2020 में वोकेशनल यानी रोजगारपरक पाठ्यक्रमों को अनिवार्य किया गया है। यूजीसी ने लगभग 45 वोकेशनल पाठ्यक्रमों की सूची भी तैयार की है। सीएसजेएमयू ने नीति के अनुरूप पहल करते हुए एक साल पहले साइबर सुरक्षा पाठ्यक्रम को लागू किया है और सभी विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य भी किया है। अब यही पाठ्यक्रम प्रदेश के पांच विश्वविद्यालयों में भी शुरू होने जा रहा है।
इसके लिए सभी कुलपतियों के साथ सीएसजेएमयू कैंपस में एक परिचय कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें कुलपतियों ने पाठ्यक्रम के बारे में जानकारी हासिल की है। अब अगले चरण में सभी विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को पाठ्यक्रम के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके लिए दिसंबर 2025 में फैकल्टी कोआर्डिनेटर और ट्रेनिंग फैकल्टी को प्रशिक्षित किया जाएगा। जनवरी 2026 से सभी विश्वविद्यालय अपने यहां इसे लागू करेंगे। तीन महीने बाद मूल्यांकन और जून 2026 में इंपैक्ट असेसमेंट कराया जाएगा।
योजना का हिस्सा बनने वाले विश्वविद्यालय
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर , बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ, सिद्धार्थ विश्वविद्यालय , सिद्धार्थ नगर , दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर ।
आइआइटी कानपुर के एक्सपर्ट देंगे प्रशिक्षण
छात्र-छात्राओं को साइबर सुरक्षा का पाठ पढ़ाने के लिए सीएसजेएमयू ने जो पाठ्यक्रम लागू किया है। उसे आइआइटी कानपुर के सी3आइ हब के विशेषज्ञों ने तैयार किया है। इसके तहत अब तक सीएसजेएमयू के दो लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को साइबर सुरक्षा का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इस योजना के तहत पांचों विश्वविद्यालयों से कम से कम ढाई लाख विद्यार्थियों को साइबर सिक्योरिटी वोकेशनल पाठ्यक्रम से जोड़ने की तैयारी है।
विश्वविद्यालय के साइबर सुरक्षा पाठ्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को साइबर फ्राड से बचने के लिए जागरूक करना है। दो सेमेस्टर में विश्वविद्यालय इसे लागू कर चुका है। अब प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालय भी इसे लागू करने जा रहे हैं।
- प्रो. विनय कुमार पाठक, कुलपति सीएसजेएमयू

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