New GST Rates: अब नई दरों के हिसाब से औद्योगिक नगरी में आर्डर देने की तैयारी, व्यापारी लगा रहे कारोबार का गणित
GST दरों में बदलाव के बाद कारोबारियों में उत्साह है। अब जीएसटी की नई दरें साफ होने पर त्योहारों के लिए आर्डर की तैयारी है। रोजमर्रा की वस्तुओं और आटोमोबाइल इलेक्ट्रानिक्स पर GST दरें कम होने से मांग बढ़ने की उम्मीद है। लोहा और इस्पात की मांग भी बढ़ने की संभावना है जिससे बाजार में तेजी आएगी।

जागरण संवाददाता, कानपुर। 15 अगस्त को लाल किले से त्योहार पर उपहार की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घोषणा के बाद से कारोबारी अंदाजा लगा रहे थे कि जीएसटी (GST) की दरों में कुछ बड़ा बदलाव होने जा रहा है, लेकिन तस्वीर साफ न होने से कारोबारी आर्डर देने में सकुचा रहे थे। अब जीएसटी दरों की तस्वीर साफ हो गई है। इसीलिए व्यापारी भी त्योहार के लिए अपने आर्डर देने की तैयारी करने लगे हैं।
जीएसटी में आम उपभोक्ता की रोजमर्रा के उपयोग वाली वस्तुओं से लेकर कार, इलेक्ट्रानिक वस्तुओं तक की दरें कम की गई हैं। रोजमर्रा की उपभोग की वस्तुओं में हेयर आयल, शैंपू, टूथपेस्ट, टायलेट सोप, टूथब्रश, शेविंग क्रीम जैसी वस्तुएं लोग हर माह की शुरुआत में ही खरीदते हैं। साथ ही घी, मक्खन, नमकीन भी माह की शुरुआत में ही सूची बनाकर खरीद ली जाती है लेकिन इस बार दुकानदारों ने अपने आर्डर को कुछ समेटा था।
जीएसटी काउंसिल की बैठक की तारीख की घोषणा होने के बाद कारोबारियों को लग रहा था कि टैक्स की दरें कम होने के बाद उन्हें माल बेचने में मुश्किल होगी क्योंकि दरें बाद से लागू होंगी और उन्हें माल माह की शुरुआत में बेचने होंगे। अब दरें भी साफ हैं और यह बात भी आ गई है कि बदली टैक्स दरें 22 सितंबर से लागू होंगी। गुरुवार को इस माह के लिए काफी ज्यादा आर्डर दिए गए।
दूसरी ओर त्योहार पर आटोमोबाइल (Automobile) और इलेक्ट्रानिक (Electronics) सेक्टर में सबसे ज्यादा बिक्री होती है। इन सेक्टर में इस समय खरीदारी बहुत धीमी है। इसमें 1,200 सीसी तक की पेट्रोल, पेट्रोल हाइब्रिड, एलपीजी, सीएनजी कार की टैक्स दरें 28 से घटाकर 18 प्रतिशत कर दी गई हैं। साथ ही 1,500 सीसी से कम की डीजल, डीजल हाइब्रिड कार, 350 सीसी या उससे कम की मोटरसाइकिलों पर भी 28 प्रतिशत से 18 प्रतिशत जीएसटी दर कर दी गई है।
वहीं, ग्राहक खरीदारी करने में सकुचा रहे हैं लेकिन गुरुवार को कार और बाइक के 22 सितंबर के बाद के भाव की जानकारी करने काफी ग्राहक पहुंचे। वे अभी की और बाद की कीमतों का तुलनात्मक अध्ययन करना चाह रहे हैं। इतना ही नहीं शोरूम संचालक भी अपने स्टाफ के साथ यह जानकारी करने में जुटे रहे कि जो स्टाक उनके पास है, अब नवरात्र से वे उसे किस कीमत पर बेच सकेंगे।
यही स्थिति इलेक्ट्रानिक उत्पादों के शोरूम की है। इसमें एयरकंडीशनर, टेलीविजन, मानीटर, प्रोजेक्टर, डिश वाशिंग मशीन में भी 28 से 18 प्रतिशत जीएसटी दर होने से अभी ग्राहक यह गणित लगा रहे हैं कि इनका कितना लाभ उन्हें नवरात्र से खरीद करने पर होगा। साथ ही कृषि मशीनरी, डीजल इंजन, पंप, ट्रैक्टर, स्प्रिंकलर, हार्वेस्टिंग मशीनरी, सर्जिकल उपकरण, बर्तन, सिलाई मशीन, साइकिल आदि की दरों में कमी की गई है। जिससे इनकी मांग बढ़ेगी। इनकी मांग बढ़ने के साथ ही लोहा और इस्पात की मांग भी बढ़ेगी। लोहा कारोबारियों के मुताबिक अगले छह माह में लोहे की खपत दोगुणा होने की उम्मीद है। लोहे की मांग के साथ ही कीमतों पर भी असर पड़ेगा।
हम लोग काफी समय से इसकी मांग कर रहे थे। इससे देश के अंदर अब एक अलग बाजार विकसित होगा। व्यापार और उद्योग के साथ इससे आम जनता को भी राहत मिलेगी। अमेरिका के टैरिफ से भी यह निर्णय राहत दिलाएगा।
- मुकुंद मिश्रा, प्रदेश अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल।
रोटी, पराठा में टैक्स की दर शून्य की गई है। जुलाई-2022 से एक किलो से 25 किलो तक के पैक्ड दाल, चावल व आटा आदि पर पांच प्रतिशत टैक्स लग रहा है जबकि इसके ऊपर की पैकिंग पर शून्य टैक्स है। इसलिए 25 किलो के पैक पर भी शून्य टैक्स किया जाए।
- ज्ञानेश मिश्र, अध्यक्ष, भारतीय कृषि उत्पाद उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल।
जीएसटी की दरों में कमी होने से वाहनों की मांग तेजी से बढ़ेगी। इससे वाहन निर्माण में लगने वाले लोहे के सामान व ढांचे की मांग बढ़ेगी। इनकी बिक्री के साथ ही लोहे के बाजार में तेजी आएगी।
- रजत गुप्ता, मोटर पार्ट्स के निर्माता।
भवन निर्माण की वस्तुओं में जीएसटी की दरों में कमी आने से निर्माण कार्य में तेजी आएगी। इससे सरिया, लोहे के एंगल, चैनल, गार्डर, लोहे के दरवाजे, चौखट आदि की मांग भी बढ़ेगी।
- अरुण ओमर, अध्यक्ष, लोहा व्यापार समिति।
जीएसटी की दरों में कमी के कारण माल की लगत घट जाएगी। इससे व्यापारी के पास ज्यादा पूंजी उपलब्ध होगी। उससे वह अपने व्यापार से जुड़े दूसरे कार्यों को भी ठीक से कर सकेगा।
- उमंग अग्रवाल, महासचिव, फीटा।
पनीर, दूध, दही आदि पर जनता को राहत दी गई है। दूध से बनी मिठाई को भी करमुक्त करना चाहिए। इससे होटल, रेस्टोरेंट व्यवसाय में बढ़ोतरी होगी। नान एसी रेस्टोरेंट में भोजन को करमुक्त किया जाए क्योंकि भोजन बुनियादी आवश्यकता है।
- राजकुमार भगतानी, महामंत्री, कानपुर होटल, गेस्ट हाउस, स्वीट्स एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन।
लोहे की दरों में तो कोई बदलाव नहीं है लेकिन सीमेंट में जीएसटी की दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत किए जाने से भवन निर्माण पर सीधा लाभ होगा।
- महेश सोनी, लोहा कारोबारी।
आम उपभोक्ता के लिए कार खरीदने का यह अच्छा मौका है। 1,200 सीसी तक की कारों को खरीदने में जीएसटी की दरों में आई कमी का लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा।
- शैलेंद्र तिवारी, कार शोरूम महाप्रबंधक।
फैंसी बेडशीट, लग्जरी टावल, कंबल, पर्दों आदि में टैक्स की दर 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी गई है। त्योहार पर इनकी खूब बिक्री होती है। इससे ग्राहकों को कम कीमत देनी होगी।
- विनायक पोद्दार, गद्दे, बेडशीट विक्रेता।
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