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    जीएसवीएम कानपुर संचालित करेगा 100 बेड का बीमा अस्पताल, जल्द शुरू होगी बर्न यूनिट

    Updated: Fri, 31 Oct 2025 09:28 PM (IST)

    कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज अब ईएसआईसी के 100 बेड वाले अस्पताल का संचालन करेगा। इस अस्पताल में आधुनिक सुविधाएं होंगी और एक बर्न यूनिट भी स्थापित की जाएगी। इससे ईएसआईसी के तहत आने वाले कर्मचारियों और उनके परिवारों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिलेगी और उन्हें इलाज के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा।

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    मंडलायुक्त शिविर कार्यालय में मंडलीय समीक्षा बैठक करते अपर मुख्य सचिव चिकित्सा अमित कुमार घोष, मंडलायुक्त के. विजयेन्द्र पांडियन के साथ अन्य अधिकारी। जागरण

    जागरण संवाददाता, कानपुर। स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए शुक्रवार को मंडलायुक्त शिविर कार्यालय सभागार हुई मंडलीय समीक्षा बैठक में छह मेडिकल कालेज के प्राचार्यों के साथ स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों ने मंथन किया। समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अमित कुमार घोष के सामने जीएसवीएम मेडिकल कालेज की ओर से करीब 15 वर्ष से बंद पड़ी कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआइसी) के 100 बेड अस्पताल को संचालित करने का प्रस्ताव रखा गया।

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    मेडिकल कालेज के इस प्रस्ताव पर बीमा अस्पताल के नाम पर ही संचालित करने की फाइनल कार्ययोजना बनाकर प्रस्तुत करने को कहा गया। इसके साथ ही असम माडल को अपनाकर 24 घंटे आनलाइन सीटी स्कैन व एमआरआर रिपोर्टिंग करने और जेके कैंसर में 24 घंटे जांच सेवा को बढ़ाने के निर्देश दिए गए। समीक्षा बैठक में मंडल के छह मेडिकल व सरकारी अस्पतालों फायर आडिट करने और अस्पताल की लोकेशन गूगल मैप स्थापित करने के निर्देश दिए गए।


    शुक्रवार को हुई समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अमित कुमार घोष के साथ डायरेक्टर जनरल स्वास्थ्य शिक्षा अपर्णा यू, सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य पिंकी जोयल, डायरेक्टर जनरल मेडिकल हेल्थ डा. रतन पाल सुमन, डायरेक्टर जनरल प्रशिक्षण डा. पवन ने सभी मेडिकल कालेज के प्राचार्यों से बात कर मुख्य समस्याएं जानी। जीएसवीएम मेडिकल कालेज की बर्न यूनिट को जल्द से जल्द शुरू करने व अस्पताल के क्राउड मैनेजमेंट को बेहतर करने के लिए निर्देशित किया।

    प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया कि बैठक में दवा की सप्लाई करने में कार्पोरेशन की समस्याएं बताई गई। जिस पर पालिसी बनाने और सुपर स्पेशलिस्ट ब्लाक के संचालन, रिसर्च फंड, चिकित्सा शिक्षकों को भत्ता बजट देने पर भी विचार किया गया। उन्होंने कहा कि 24 घंटे सीटी और एमआरआइ की रिपोर्टिंग होने से मरीजों के इलाज की व्यवस्था बेहतर होगी। रेडियोलाजिकल रिपोर्टिंग आनलाइन करने का प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा।

    उन्होंने बताया कि असम में यह प्रोजेक्ट बेहतर तरीके से चल रहा है। इसे जीएसवीएम में सुचारू करने की तैयारी है। वहीं, बनने के बाद भी निर्माण इकाई के लचर रवैये के कारण बंद पड़ी बर्न यूनिट को जल्द से जल्द शुरू करने के लिए निर्देशित किया गया है।