Diwali 2025: गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति खरीदते समय इन 10 बातों का रखें विशेष ध्यान, इन नियमों का करें पालन
दिवाली 2025 के लिए गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। गणेश जी की सूंड बाईं ओर मुड़ी हो। रंग और आकार का भी महत्व है। मिट्टी, पीतल या चांदी की मूर्ति शुभ होती है। प्रतिष्ठित दुकान से खरीदें और बजट का ध्यान रखें। स्थापना की दिशा और पूजा विधि का पालन करें। मूर्तियों को सुरक्षित रखें और सम्मानपूर्वक विसर्जित करें।

जागरण संवाददाता, कानपुर। दीवाली के लिए अब कुछ ही दिन शेष बचे हैं। हर साल दिवाली पर भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की मूर्तियों का पूजन किया जाता है। माता लक्ष्मी से हमे धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है तो गणेशजी से बुद्धि की प्राप्ति होती है, जिससे धन का सही तरीके से प्रयोग किया जाता है। इसलिए दीवाली पर गणेश लक्ष्मी की मूर्तियों का विशेष ध्यान रखा जाता है और कुछ नियमों का पालन आवश्यक माना गया है।
हर बाद बदलें मूर्तियां
दीवाली पूजन के लिए हर साल नई गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां होना जरूरी है। हर वर्ष एक ही मूर्तियों से पूजा नहीं करना चाहिए, यह गलत माना जाता है। अगर आपके पास पुरानी गणेश लक्ष्मी की मूर्तियां हैं तो उनका विसर्जन कर दें। अगर आपके पास चांदी की गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां हैं तो गंगाजल से साफ करके दीवाली पूजन में इस्तेमाल कर सकते हैं।
गणेशजी की मूर्ति खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान
- दीवाली पूजन के लिए लक्ष्मी और गणेशजी की एक साथ जुड़ी हुई मूर्तियां नहीं खरीदनी चाहिए। दिवाली पर पूजा घर में रखने के लिए लक्ष्मी और गणेश की प्रतिमा अलग अलग होनी चाहिए।
- गणेशजी की मूर्ति खरीदते समय गणेशजी के हाथ में मोदक वाली ही मूर्ति खरीदें। ऐसी मूर्तियां घर में सुख समृद्धि लाती हैं।
- गणेशजी की मूर्ति में उनका वाहन मूषक यानी चूहा का होना बहुत जरूरी है।
- मूर्ति में भगवान गणेश की सूंड़ दाईं ओर मुड़ी हो अगर आप व्यापारी हैं और दुकान में पूजा कर रहे हैं तो भगवान गणेश की ऐसी मूर्ति लें, जिसमें सूंड बाईं ओर मुड़ी हो।
- दीवाली पूजन के लिए माता लक्ष्मी और भगवान गणेशजी की मूर्तियां अलग अलग हों।
- ऐसी कोई मूर्ति ना खरीदें, जिसमें मां लक्ष्मी अपने वाहन उल्लू पर विराजमान हों। उल्लू पर विराजमान मां लक्ष्मी को काली मूर्ति का प्रतीक माना जाता है।
- लक्ष्मी मूर्ति खरीदते समय ध्यान रखें कि मां लक्ष्मी कमल के फूल पर विराजमान हों। उनका हाथ वरमुद्रा में हो और धन की वर्षा कर रहा हो।
- लक्ष्मी माता की मूर्ति ऐसी ना खरीदें, जिसमें माता खड़ी हों। ऐसी मूर्तियां लक्ष्मी माता के जाने की मुद्रा को दर्शाती है इसलिए आप विराजमान मां लक्ष्मी की मूर्ति खरीदें।
मिट्टी के गणेश-लक्ष्मी की पूजा सबसे शुभ
भगवान गणेश का वर्ण लाल या सफेद रंग का है, दूसरी तरफ मिट्टी का निर्माण भगवान ब्रह्माजी द्वारा किया गया है और धर्म शास्त्रों में मिट्टी से बनी मूर्ति की ही पूजा करने का विधान है। अगर गंगाजी, तालाब, कुंए या गौशाला की मिट्टी से गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति बनाई जाए और फिर उनकी पूजा अर्चना की जाए तो यह अत्यंत लाभकारी माना जाता है। लेकिन अगर आपके पास सोने चांदी से निर्मित गणेश लक्ष्मी की प्रतिमाएं हैं तो गंगाजल से धोकर उनका पूजन किया जा सकता है।
(जैसा कि ज्योतिष सेवा संस्थान के संस्थापक और आचार्य पवन तिवारी ने बताया)
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