कानपुर में 16 साल बाद इंसाफ; न्यूज चैनल के संचालक की हत्या कर बोरे में बांध फेंका था शव, न्यूज एंकर युवती समेत चार को उम्रकैद
कानपुर में 16 साल पुराने हत्या के मामले में अदालत ने युवती, उसके दो भाइयों और एक रिश्तेदार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। युवती की मां और चाचा को साक्ष्य मिटाने के आरोप में पांच साल की कैद हुई है। मृतक पत्रकार था और युवती न्यूज एंकर। हत्या का कारण युवती के पिता को जेल भिजवाने का शक था। शव बोरे में बंधा मिला था।
-1760535481674.webp)
जागरण संवाददाता, कानपुर। कानपुर में न्यूज चैनल के संचालक के परिवार वालों को 16 साल बाद इंसाफ मिला। न्यूज चैनल के संचालक की हत्या कर शव को बोरे में बांध फेंक दिया गया था। इस मामले में न्यूज एंकर सहित चार को उम्रकैद की सजा मिली है।
अपर जिला जज 19 राकेश सिंह की कोर्ट ने हत्या में युवती, उसके दो भाइयों, एक रिश्तेदार को उम्र कैद की सजा सुनाई है। युवती, दो भाइयों पर 9500-9500 रुपये और रिश्तेदार पर 12 हजार जुर्माना लगाया गया है। साक्ष्य मिटाने के दोषी युवती की मां और उसके चाचा को पांच साल कैद की सजा दी है। इन दोनों पर दो-दो हजार रुपये जुर्माना लगाया है। जिस युवक की हत्या हुई थी वह स्थानीय चैनल में पत्रकार और हत्या की दोषी युवती न्यूज एंकर थी। युवती के पिता को जेल भिजवाने के शक में चाकू, हथौड़ा से हत्या की गई थी। उसका शव उसकी ही कार में पीछे की सीट पर बोरे में बंधा मिला था। अब 16 साल बाद फैसला आया है।
बाबूपुरवा निवासी प्रभात गुप्ता ने गोविंद नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें कहा था कि बताया कि उनका छोटा भाई बृजेश गुप्ता सीएनएन न्यूज चैनल संचालक थे। 13 जून 2009 को शाम साढ़े चार बजे बृजेश उन्हें गौशाला चौराहे के पास मिला था। कार में बृजेश के साथ उनके चैनल में कार्यरत रतनलाल नगर निवासी एंकर कनिका ग्रोवर, उसका भाई सन्नी, मन्नी व रिश्तेदार सुरजीत सिंह बैठे थे। बृजेश ने कनिका को घर छोड़ कर आने की बात कही थी। इसके बाद वापस नहीं लौटे थे।
अगले दिन 14 जून 2009 को बृजेश का शव उनकी कार की पिछली सीट में बोरे में बंधा मिला था। दोनों हाथ टेढ़े थे। सिर से खून निकल रहा था। बृजेश की रिवाल्वर व पांच अंगूठियां गायब मिली थी। प्रभात ने हत्या में कनिका, उसके भाई सन्नी, मन्नी, मां अल्का, रिश्तेदार सुरजीत सिंह व चाचा बंटी उर्फ राजीव कुमार को नामजद किया गया था।
प्रभात ने बताया था कि बृजेश ने हत्या से दो दिन पहले उन्हें बताया था कि कनिका व उसके भाई उसे धमका रहे है। कनिका के पिता राजेंद्र ग्रोवर अपराधिक किस्म के थे। बर्रा पुलिस ने चरस तस्करी व चोरी के मामले में जेल भेजा था। इसकी जानकारी होने पर बृजेश ने कनिका को नौकरी से निकाल दिया था। इस पर धमकी दी जा रही थी।
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी दिलीप अवस्थी और एडीजीसी गौरेंद्र नारायण त्रिपाठी ने बताया कि अभियुक्तों ने पुलिस को बताया था कि वह बृजेश को कनिका के घर ले गए थे। वहां हथौड़ी से सिर पर वार कर सुम्मी से कूंच कर हत्या की थी। आरोपियों ने बताया था कि उन्हें शक था कि कनिका के पिता को बृजेश ने ही जेल भिजवाया था। अभियोजन की ओर से मामले में 10 गवाह पेश किए गए थे।
कोर्ट ने कनिका ग्रोवर, उसके भाई सन्नी, मन्नी, रिश्तेदार सुरजीत सिंह को हत्या का दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। वहीं राजीव कुमार उर्फ बंटी और अल्का को सबूत मिटाने में पांच साल कैद की सजा सुनाई।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।