सरकारी जमीन पर पक्का मकान बनाकर किया कब्जा, विभाग ने लगाया 72 लाख का जुर्माना
महाराजपुर में 40 वर्षों से सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले एक परिवार पर हाई कोर्ट के निर्देश के बाद 72 लाख का जुर्माना लगाया गया है। तहसीलदार नर्वल ने खलिहान व जलाने की लकड़ी की जमीन पर कब्जा करने के कारण बेदखली की कार्रवाई भी की है। वसूली प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कब्जेदारों को आपत्ति का अवसर दिया गया था।

संवाद सहयोगी, महाराजपुर । चालीस वर्षों से सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ हाई कोर्ट की सख्ती के बाद बड़ी कार्रवाई की गई है। तहसीलदार नर्वल ने खलिहान व जलाने की लकड़ी की जमीन कब्जाने पर एक ही परिवार के चार लोगों के खिलाफ बेदखली व जुर्माने की कार्रवाई की है। चारों कब्जेदारों पर 72 लाख का जुर्माना लगाया गया है। वसूली की प्रक्रिया चालू कर दी गई है।
महाराजपुर के बड़ागांव में आराजी संख्या 449 व 452 में पक्के मकान बनाकर पिछले 40 सालों से अनाधिकृत कब्जा किया गया है। कब्जा की गई भूमि अभिलेखों में सुरक्षित जमीन के रूप में दर्ज है। उक्त भूमि खलिहान व जलावनी लकड़ी की है। शिकायत के बाद जांच की गई तो सरकारी जमीन पर अनाधिकृत कब्जा पाया गया।
कोर्ट से भी निर्देश दिए गए
उक्त मामले में कार्रवाई के लिए तहसीलदार नर्वल को हाई कोर्ट से भी निर्देश दिए गए। तहसीलदार नर्वल विनीता पांडेय ने बताया सरकारी जमीन पर रामकृपाल, इंद्रेश, रामचंद्र व रामसनेही के खिलाफ धारा-67 की कार्रवाई क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा की गई है।
बेदखली आदेश के बाद रामचंद्र, रामसनेही व इंद्रेश के खिलाफ 16-16 व रामकृपाल के खिलाफ 24 लाख का जुर्माना लगाया गया है। आरसी जारी कर वसूली प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। तहसीलदार ने बताया विपक्षियों को आपत्ति का अवसर दिया गया, लेकिन उनके द्वारा कोई आपत्ति दाखिल नहीं की गई।
सुरक्षित श्रेणी की जमीन पर किसी भी व्यक्ति का स्वत्व का निर्धारण नहीं होता है। वहीं इस आदेश के खिलाफ भी कब्जेदारों के पास अपील का अधिकार सुरक्षित है। वो एडीएम या डीएम के यहां आदेश के खिलाफ अपील कर सकते हैं।
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