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    Kanpur Bundelkhand Politics: सड़क पर भाजपा व सामने कांग्रेस, संघर्ष और शह-मात का 'चक्रव्यूह'

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 06:00 AM (IST)

    कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र में पीएम मोदी की मां पर अभद्र टिप्पणी के बाद सियासी घमासान मचा है। भाजपा इसे मुद्दा बनाकर 52 विधानसभा सीटों पर पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है वहीं कांग्रेस विरोध प्रदर्शन कर रही है। दोनों पार्टियां 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी हैं और एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही हैं।

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    भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल। कांग्रेस के प्रभारी नीलांशु चतुर्वेदी। जागरण अर्काइव

    शिवा अवस्थी, जागरण, कानपुर। राजनीति में संघर्ष, शह-मात का 'चक्रव्यूह' हर दिन बनता-बिगड़ता है। कभी अपनों के लिए, कई बार अपने लिए राजनीतिक रणनीतिकार इस दिशा में आगे बढ़ते हैं। वर्तमान में कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र के जिलों में कुछ ऐसा ही माहौल भाजपा व कांग्रेस के सियासी तेवरों से दिखने लगा है। पीएम नरेन्द्र मोदी की मां पर कांग्रेस के मंच से अभद्र टिप्पणी के बहाने भाजपाई मजबूती से पांव जमाए रखने की जुगत में हैं, जबकि कांग्रेसी विरोध की सियासत से अपने संघर्ष को पुख्ता कर जगह बनाने के प्रयास में जुट गए हैं।

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    कानपुर-बुंदेलखंड के कानपुर नगर, देहात, औरैया-इटावा, कन्नौज, फर्रुखाबाद, झांसी, ललितपुर, बांदा-चित्रकूट, हमीरपुर-महोबा व जालौन, फतेहपुर तक 52 विधानसभा सीटें हैं। 2027 के विधानसभा चुनाव की अघोषित दुंदुभि लगभग बज चुकी है। भाजपा, सपा, कांग्रेस व बसपा सियासी बिसात बिछाने लगी हैं। अब पीएम मोदी की मां के विरुद्ध अभद्र टिप्पणी का आरोप लगा कानपुर के तिलक हाल व इटावा में कांग्रेसियों-भाजपाइयों के बीच तीखी झड़पें हुईं। कानपुर में स्वयं महापौर प्रमिला पांडेय उतरीं। इटावा में भाजपा व कांग्रेस समर्थकों में पथराव में नौ कांग्रेसियों को जेल भेजा गया।

    दरअसल, इसके पीछे दोनों दलों के रणनीतिकारों की सोची-समझी सियासत है। भाजपा क्षेत्र की 52 विधानसभा सीटों पर अपने वर्चस्व को और बढ़ाने के प्रयास के साथ संघर्ष को धार देने में जुटी है। कांग्रेस पिछले 35 वर्षों से क्षेत्र में अपने अस्तित्व के लिए जूझ रही है। इसलिए भाजपाइयों के कार्यालय घेरने के विरोध में पूरी एकजुटता दिखा अपने मनोबल को ऊंचा कर रही है।

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    बुंदेलखंड तक जिलों में भी विरोध प्रदर्शन की सुगबुगाहट है। इसे निकट भविष्य में प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस रणनीतिक तौर पर लागू करने की तैयारी में हैं। कारण, 2009 के बाद से कांग्रेस क्षेत्र के जिलों में कोई खास प्रदर्शन नहीं कर सकी है। एआइसीसी के सदस्य विकास अवस्थी कहते हैं कि भाजपा महंगाई, बेरोजगारी व वोट चोरी जैसे मुद्दों पर बात नहीं कर रही। कांग्रेसी मुंहतोड़ जवाब देंगे। परिणाम आने वाले विधानसभा चुनाव में दिखेंगे।

    राहुल गांधी व कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता मातृ सम्मान को नहीं समझ पा रहे हैं। मां का दर्जा ईश्वर से बढ़कर है। इसीलिए भाजपाई प्रदर्शन से जन-जन तक कांग्रेस का सच पहुंचा रहे हैं।कानपुर, इटावा से बुंदेलखंड तक लोग कांग्रेसियों की हकीकत जान चुके हैं। इसका जवाब 2027 में कांग्रेस को देंगे।

    -प्रकाश पाल, भाजपा कानपुर-बुंदेलखंड के क्षेत्रीय अध्यक्ष।

    पीएम मोदी की मां के प्रति अभद्र टिप्पणी करने वाला भी भाजपाई है। बिहार समेत दूसरी जगहों पर मुद्दों से ध्यान भटकाने के प्रयास के तहत यह प्रदर्शन हो रहे हैं, जिनका सच जनता जानती है। भाजपाई बौखला गए हैं। इनका चाल व चरित्र लोग जान चुके हैं।

    -नीलांशु चतुर्वेदी, कांग्रेस कानपुर-बुंदेलखंड जोन के प्रभारी।

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