डी-टू गैंग ने चोला और शहर दोनों बदला, अब उन्नाव को बनाया नया ठिकाना, कई जिलों और राज्यों तक फैलाया जाल
कानपुर के डी-टू गैंग बनाने वाले भाइयों के परिवार अब उन्नाव जिला मुख्यालय शुक्लागंज व ग्रामीण इलाकों में रह रहे हैं। उनके बेटे आसपास के 12 जिलों में गिरोह की कमान संभाल रहे हैं और अन्य प्रदेशों तक जाल फैलाया हुआ है।

कानपुर, गौरव दीक्षित। डी-टू (जिला स्तर पर नंबर दो में पंजीकृत अपराधी गैंग) को लेकर चल रही जांच में एक नया तथ्य सामने आया है। अब तक माना जा रहा था कि कानपुर से डी-टू का अस्तित्व खत्म हो चुका है। नई सड़क उपद्रव में गैंग के सदस्यों के नाम सामने आए तो एक बार फिर गिरोह की कुंडली खंगाली जाने लगी। पुलिस की जांच का नया पर्दाफाश हुआ कि गैंग वाकई अभी जिंदा है और उसका नया ठिकाना उन्नाव जिला है। गिरोह बनाने वाले भाइयों के परिवार अब उन्नाव शिफ्ट हो गए और उनके बेटे गैंग की कमान संभाले हैं। पहले जहां गैंग कानपुर तक सीमित था, अब वह उसका प्रदेश के करीब 12 जिलों में प्रभाव है, वहीं चार से पांच महानगरों में गिरोह की गतिविधियां हैं।
पुलिस रिकार्ड के अनुसार डी-टू का पंजीकरण नौ जून 1997 को हुआ। उस वक्त यह गिरोह के नौ सदस्य थे, जिनका सरगना तौफीक उर्फ बिल्लू था। गिरोह में इसके अलावा अतीक, शफीक, इकबाल, रफीक और अफजाल सरगना बिल्लू के भाई थे, जबकि इशरत, लईक कालिया और वीरेंद्र दुबे तीन अन्य सदस्य थे। 19 जनवरी 2010 को उसे इंटरस्टेट गैंग में दर्ज कर लिया गया और इसका नाम आइएस-273 हो गया। हालांकि पिछले एक दशक से गिरोह की गतिविधियां सामने नहीं आई, तो यही माना गया कि डी-टू दम तोड़ चुका है।
डी-टू ने चोला बदला, शहर बदला : जांच में सामने आया है कि भाड़े पर हत्याएं, लूट और डकैती की वारदातों को अंजाम देने वाला गैंग अब धार्मिक संस्था की आड़ में काम कर रहा है। गैंग के सदस्य दहशत और पैसों के दम पर प्रभाव वाले करीब 12 जिलों में एक वर्ग विशेष की बस्ती बसाने और बढ़ाने के मिशन पर जुटे हैं। गैंग के पूर्व सरगना रहे अतीक की पत्नी चमन उन्नाव के मुस्लिम बहुल मोहल्ले में परिवार के साथ रह रही है। शफीक का परिवार शुक्लागंज में है, जबकि किसी एक अन्य भाई का परिवार के किसी गांव में बसने की सूचना है।
चमन भी अपने पति की राह पर चली और उसके खिलाफ अनवरगंज में रंगदारी मांगने का मुकदमा दर्ज है। परिवार की कमान भी उसके हाथों में है। पुलिस जांच के मुताबिक हरदोई, रायबरेली, फतेहपुर, प्रयागराज, वाराणसी, उन्नाव, कानपुर नगर, कानपुर देहात आदि दर्जन भर जिलों में गैंग सक्रिय है। हैदराबाद, मुंबई, पुणे आदि महानगरों में भी गैंग के लोग मौजूद हैं। नई सूचना के बाद पुलिस अब डी-टू गैंग बनाने वाले भाइयों के परिवारों से जुड़ी जानकारियां जुटा रही है।

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