कानपुर में तीन युवकों ने फंदा लगा दी जान, पारिवारिक कलह बनी काल
कानपुर में बीते 24 घंटों में तीन युवकों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सचेंडी और नौबस्ता थाना क्षेत्रों में हुई इन घटनाओं में पारिवारिक कलह मुख्य कारण रहा। एक मामले में युवक की शराब की लत और झगड़े की आदत से परेशान होकर आत्महत्या करने की बात सामने आई है, जबकि दूसरे मामले में टीबी की बीमारी से परेशान युवक ने जान दे दी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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जागरण संवाददाता,कानपुर। बीते 24 घंटों में अलग-अलग स्थानों पर हुई घटनाओं में तीन युवकों ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। तीन में दो घटनाओं में पारिवारिक कलह सामने आई है। घटनाएं सचेंडी और नौबस्ता थानाक्षेत्रों में हुई। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस और फोरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाए।
सचेंडी के दलीपपुर निवासी 45 वर्षीय श्रीकांत बाजपेई उर्फ संतोष एक फैक्ट्री में काम करते थे। स्वजन ने बताया कि रविवार को वह शराब पीकर घर आया था, जिसके बाद विवाद हो गया था। परिवार में पत्नी मोहिनी, बेटा गौरव व बेटी खनक है। गौरव आर्मी में जैसलमेर में तैनात है। श्रीकांत के साले रामकुमार ने बताया कि जीजा श्रीकांत शराब के लती थे, आए दिन शराब पीकर झगड़ा करते थे।
रविवार शाम श्रीकांत शराब पीकर आए और बहन से झगड़ने लगे। देर रात उन्होंने आम के बाग में जाकर पेड़ से फंदा लगाकर जान दे दी। काफी देर तक वापस न आने पर बेटी खोजबीन करते हुए बाग में पहुंची तो देखा कि पिता का शव फंदे से लटका हुआ था। रामकुमार ने बताया कि श्रीकांत पहले भी तीन बार आत्महत्या का प्रयास कर चुके हैं।
वहीं, सचेंडी के सीढ़ी इटारा निवासी राजेश कुमार ने बताया कि उनका 28 वर्षीय बेटा श्यामकुमार मजदूरी करता था। 14 अप्रैल को बेटे की रमईपुर के बाजपुर निवासी लक्ष्मी से शादी हुई थी। छोटे भाई घनश्याम ने बताया कि श्याम एक साल से टीबी की बीमारी से ग्रसित था, जिससे वह परेशान था। रविवार देर रात श्याम ने कमरे में फंदा लगाकर जान दे दी। सुबह सोकर उठी मां ने शव फंदे से लटकता देखा।
उधर नौबस्ता थानाक्षेत्र के केसर विहार निवासी 37 वर्षीय राजेश चौधरी इलेक्ट्रानिक शाप में काम करता था। छोटे भाई महेश ने बताया कि पारिवारिक कलह से क्षुब्ध होकर राजेश ने रविवार देर रात फंदा लगाकर जान दे दी।

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