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    कानपुर की इस ग्राम पंचायत में घोटाला, ग्राम प्रधान–सचिव पर मुकदमा, 15 अधिकारियों-कर्मचारियों से वसूली

    Updated: Fri, 21 Nov 2025 10:41 AM (IST)

    कानपुर की एक ग्राम पंचायत में घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। ग्राम प्रधान और सचिव पर मुकदमा दर्ज किया गया है, साथ ही 15 अधिकारियों और कर्मचारियों से धन की वसूली की जाएगी। यह कार्रवाई वित्तीय अनियमितताओं के चलते की गई है, जिसमें सरकारी धन का दुरुपयोग शामिल है। जिला प्रशासन ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

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    जागरण संवाददाता, कानपुर। बिल्हौर की सैबसू ग्राम पंचायत में मनरेगा कार्यों में भारी अनियमितताओं के आरोप सही पाए गए। ग्रामिणों की शिकायत पर मनरेगा लोकपाल दिनेश कुमार ने इस पूरे मामले की जांच की थी। जांच के बाद जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने आरोपों की पुष्टि के लिए तीन सदस्यीय अलग से कमेटी गठित की। इस कमेटी की जांच के बाद ग्राम प्रधान और सचिव मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही अन्य से गबन की धनराशि की वसूली के आदेश दिए।

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    सैबूस निवासी राहुल तिवारी ने मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन को शिकायत पत्र देकर घोटाले का आरोप लगाया था। आरोप थे कि चकरोड, नाली और तालाब खुदाई का कार्य केवल कागजों में कराया गया है। मनरेगा लोकपाल की जांच रिपोर्ट में आरोपों की पुष्टि के बाद प्रकरण की गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की, जिसमें परियोजना निदेशक डीआरडीए, अधिशासी अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग तथा सहायक अभियंता लघु सिंचाई शामिल किया गया।


    समिति की जांच रिपोर्ट में कुल 20,58,614 की सरकारी धनराशि के घोटाले की पुष्टि हुई। रिपोर्ट प्रस्तुत होते ही सीडीओ ने दुरुपयोग में दोषी पाए गए ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सचिव तथा मनरेगा के तकनीकी सहायक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने और पूरी राशि की वसूली के आदेश जारी किए। साथ ही कार्यों में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों पर मनरेगा अधिनियम 2005 की धारा-25 के तहत एक-एक हजार रुपये का कुल 3,08,000 के अर्थदंड का आदेश दिया।

     

    इतने-इतने रुपये होंगे वसूल

     

    • विमलेश कुमार, ग्राम प्रधान-6,86,205
    • संदीप ज्ञानवीर, तत्कालीन ग्राम सचिव-69,596
    • शिवपाल, ग्राम पंचायत अधिकारी-4,99,385
    • रोहन कनौजिया, ग्राम विकास अधिकारी-1,78,824
    • इन्द्र कुमार, तकनीकी सहायक-69,596
    • प्रमोद कुमार, तकनीकी सहायक-6,78,209
    • शिवनारायण कश्यप, तत्कालीन खंड विकास अधिकारी-37,000
    • आशीष मिश्र, तत्कालीन खंड विकास अधिकारी-14,600
    • बलराम, तत्कालीन खंड विकास अधिकारी-13,000
    • शिशिर कुमार, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी-9,000
    • दीप सिंह, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी-34,400
    • प्रीति अग्निहोत्री, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी-20,200
    • देवेन्द्र शर्मा, लेखाकार-62,600
    • प्रदीप तिवारी, लेखा सहायक-1,000
    • ललित कुमार, कंप्यूटर आपरेटर-1,000

     


    सैबसू ग्राम प्रधान, सचिव और तकनीकी सहायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने और वसूली के आदेश दिए गए हैं। इसके साथ ही जांच रिपोर्ट के आधार पर कुल 15 अधिकारियों-कर्मचारियों से चरणबद्ध वसूली प्रस्तावित की गई है। भ्रष्टाचार के मामले में किसी भी आरोपित को नहीं छोड़ा गया है। सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
    दीक्षा जैन, मुख्य विकास अधिकारी