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    Rain Alert : कानपुर में भारी बारिश, गंगा नदी में आया उफान, शहर में जलभराव व गांव बाढ़ से डूबे

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 03:05 PM (IST)

    कानपुर में मौसम ने अचानक करवट ली दोपहर में काले बादल छा गए और झमाझम बारिश शुरू हो गई। कई इलाकों में भारी जलभराव हो गया जिससे वाहन चालकों और स्कूली बच्चों को परेशानी हुई। गंगा नदी में उफान आने से बाढ़ का पानी गांवों में घुस गया है। मौसम विभाग ने अगले दो-तीन दिनों तक अलर्ट जारी किया है। गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

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    कानपुर में भारी बारिश से जलभराव और गंगा नदी खतरे से ऊपर बह रही। जागरण

    जागरण संवाददाता, कानपुर। Kanpur Heavy Rain: उत्तर प्रदेश के कानपुर में मौसम में बदलाव देखने को मिला। दोपहर 12 बजे अचानक मौसम में आए बदलाव से काले घने बादल छा गए। देर शाम जैसा नजारा हो गया। कुछ ही देर में झमाझम बारिश शुरू हो गई। पांच मिनट में ही शहर के कई इलाकों में भीषण जलभराव हो गया। वहीं, गंगा नदी में भी उफान आया। इससे गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है।

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    कानपुर व आसपास के जिलों में मानसून फिर से सक्रिय हो गया है। इससे रविवार रात से बारिश का दौर शुरू हो गया है। रात को तेज बारिश और आकाशीय बिजली के प्रकोप के बाद सोमवार केा भी मौसम में बदलाव जारी रहा। दोपहर को काले बादलों ने डेरा डाला और कुछ ही देर में झमाझम बारिश शुरू हो गई। बारिश की वजह से वाहन चालकों को आगे का रास्ता तक नहीं दिखाई दे रहा था। तेज बारिश में दोपहिया वाहन चालकों को परेशानी हुई। इससे रोड किनारे वाहनों की कतार तक लग गई। कई जगहों पर दुकानों के किनारे लोग बचते नजर आए।

    बिजली गिरने से किसान की गई जान

    ककवन थानाक्षेत्र के सकरवां गांव में बिजली गिरने से खेत में मवेशी चरा रहे किसान की मौत हो गई। सकरवां गांव निवासी 45 वर्षीय महेश कुमार यादव पुत्र स्व. रामदीन यादव खेतीबाड़ी करते थे। परिवार में पत्नी शांतिदेवी बेटे रंजीत, दिलीप, बबलू व बेटी रूपा हैं। स्वजन के मुताबिक सोमवार शाम वह गांव से एक किमी. दूर पांडु नदी पुल के पास मवेशी चरा रहे थे। इस दौरान आकाशीय बिजली की चपेट में आने से उनकी मौके पर ही मौत हो गई। काफी देर तक दिखाई न देने पर कुछ दूरी पर मवेशी चरा रहे गांव के ओमप्रकाश वहां पहुंचे तो महेश का शव पड़ा देखकर गांव में सूचना दी। 

    इन इलाकों में भीषण बारिश

    गोविंदनगर, फजलगंज, रावतपुर, निरालानगर, साकेतनगर में भीषण बारिश की वजह से जलभराव हो गया। दुकानों से लेकर घरों में पानी भरने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों को हुई। बारिश शुरू होने से पहले ही बच्चों की स्कूलों से छुट्टी हो चुकी थी। ऐसे में अचानक बारिश शुरू होने से बच्चे भीगे। अभिभावकों के साथ बच्चे खुद को बचाते नजर आए। इधर, जलभराव की वजह से कई वाहन चालक गड्ढों में फंस गए।

    दो से तीन दिन अलर्ट

    मौसम विभाग के अनुसार कानपुर सहित आसपास के इलाकों में स्ट्रांग सिस्टम एक्टिव हो गया है। इससे मानसून की बारिश शुरू हो गई है। दो से तीन दिन अलर्ट रहने की जरूरत है। पाकेट रेन के तहत यह कुछ इलाकों में भारी बारिश करेगी। सोमवार को भी इसी का एक रूप देखने को मिला। दक्षिण के कुछ ही हिस्सों यह तेज बारिश हुई। जबकि शहर का अधिकांश हिस्सा सूखा रहा।

    गंगा में उफान आने से घरों के बाहर पानी

    कानपुर, उन्राव और शुक्लागंज में गंगा नदी खतरे के निशान से 12 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गई हैं। इससे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के घरों के बाहर तक पानी आ गया है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बीते रविवार को शाम छह बजे गंगा नदी का जलस्तर 113.020 मीटर दर्ज किया गया था। जो कि 14 घंटे बाद दस सेंटीमीटर बढ़कर सोमवार को सुबह आठ बजे 113.120 मीटर हो गया है। शुक्लागंज में खतरे का निशान 113.000 मीटर पर है। फिलहाल गंगा खतरे के निशान से 12 सेंटीमीटर ऊपर बह रही हैं। नगर के दो दर्जन से अधिक मुहल्ले बाढ़ की चपेट में हैं। कई बस्तियों में बाढ़ का पानी भरने से लोग घरों में कैद हैं। नाव से लोग आवागमन कर रहे हैं। पानी मंझाकर व नाव के सहारे आवाजाही कर रहे हैं। गंगा के खतरे से ऊपर बहने पर गंगा किनारे बसे मोहल्लों में हालात काफी खराब हो गए हैं। कई बस्तियों में बाढ़ का पानी भर जाने से वहां रहने वाले सैकड़ों लोगों का जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है।

    ये मुहल्ले सबसे ज्यादा प्रभावित

    श्रीनगर, गंगानगर, मालवीयनगर, सीताराम कालोनी, मनोहरनगर, बालूघाट, शक्तीनगर, इंदिरानगर, बहादुर बगिया, रविदासनगर, आलमनगर, चंपापुरवा, गोताखोर, करबला, हुसैननगर, गगनीखेड़ा, शाहीनगर, नेतुआ, पोनीरोड, राजीवनगर खंती के पीछे वाले हिस्से समेत 24 से ज्यादा मुहल्लों में बाढ़ का पानी भर गया है। अंबिकापुरम व रामकली स्टेडियम तक पानी पहुंच गया है। शारदानगर नट बस्ती में पानी भर जाने से वहां के रहने वाले लोगों ने राजधानी मार्ग पर सड़क किनारे झोपड़ियां बनाकर डेरा डाल रखा है। कई ग्रामीण क्षेत्र भी बाढ़ की चपेट में हैं। हरिहरपुर रोड पर कई स्थानों पर सड़क जलमग्न हो गई है। चंपापुरवा नेतुआ संपर्क मार्ग पर बाढ़ का पानी भरने से आवागमन अवरुद्ध हो गया है। नेतुआ, रश्मिलोक, लक्ष्मीखेड़ा, देवारा, गगनीखेड़ा, सरैया, अंबरपुर, हरिहरपुर, लोचनखेड़ा समेत कई गांवों तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है। सुरक्षा के लिहाज से कई मोहल्लों की बिजली काट दी गई है।

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