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    माफिया अखिलेश दुबे के करीबियों पर एक्शन की तैयारी, दरबारी इंस्पेक्टर पर बर्खास्तगी की तलवार

    Updated: Wed, 08 Oct 2025 08:39 PM (IST)

    कानपुर में अधिवक्ता अखिलेश दुबे के करीबी इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी को बर्खास्तगी का नोटिस जारी किया गया है। एसआईटी जांच में वसूली करने वाले गिरोह में संलिप्तता पाए जाने पर यह कार्रवाई हुई है। भाजपा नेता रवि सतीजा ने अखिलेश दुबे पर रंगदारी मांगने का आरोप लगाया था। जांच में इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था। नए पुलिस आयुक्त ने इस मामले में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

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    आरोपित माफिया अखिलेश दुबे (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, कानपुर: अधिवक्ता अखिलेश दुबे के दरबारी इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी पर अब बर्खास्तगी की तलवार लटकी है। विभागीय जांच में दोषी पाए गए निलंबित इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी को बुधवार को सेवा से बर्खास्त करने का नोटिस जारी किया है।

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    लोगों को झूठे मुकदमे में फंसा वसूली करने वाले संगठित गिरोह की जांच एसआइटी कर रही है, जिसमें भाजपा नेता रवि सतीजा के शिकायती पत्र की भी जांच की थी। सतीजा ने तत्कालीन पुलिस आयुक्त अखिल कुमार और एसआइटी को बताया था कि अखिलेश दुबे ने 50 लाख की रंगदारी मांगी थी। रुपये न देने पर उसने साजिश के तहत उन पर पाक्सो समेत धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। उसके खिलाफ शिकायत लेकर तत्कालीन

    पुलिस आयुक्त कार्यालय अखिल कुमार से मिलकर पूरा प्रकरण बताया और गुहार लगाई थी। तभी जैसे ही पुलिस आयुक्त कार्यालय से बाहर निकले तो जन शिकायत प्रकोष्ठ में उस समय रहा इंसपेक्टर आशीष द्विवेदी मिला। उसने कहा कि जिस बीमारी से आप पीड़ित हैं, उसका इलाज बस उन्हीं में शिकायत लेकर आए थे तो उस समय जन शिकायत प्रकोष्ठ में तैनात रहा इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी मिला था। वह उन्हें खुद अपने साथ अखिलेश दुबे (अखिलेश दुबे) के पास है।

    इसके बाद जब वह खुद उन्हें अखिलेश दुबे के साकेत नगर स्थित कार्यालय ले गया। अखिलेश दुबे ने कहा कि एसआइटी के पास मामला नहीं पहुंचना चाहिए। वरना जीवनभर जेल में ही रहोगे। सतीजा ने बताया कि वह डरकर फिर पुलिस आयुक्त से मिले थे और मामला एसआइटी में न भेजने का आग्रह तक किया, लेकिन उन्हें आश्वासन दिया गया कि ऐसे मामलों में जांच होने दीजिए। इसके बाद जब एसआइटी ने जांच की तो अखिलेश दुबे समेत आरोपित दोषी निकले। अखिलेश व उसके सहयोगी लवी मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।

    इसके बाद इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया था, लेकिन वह तब से गैर हाजिर हो गया, जिसके बाद उसे निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद उसे व तीन सीओ संतोष सिंह, विकास पांडेय, ऋषिकांत शुक्ला, दो केडीए के तत्कालीन वीसी के पीए को बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस भेजा था, लेकिन दोनों पीए के अलावा बयान देने कोई नहीं पहुंचा।

    इसी बीच मंगलवार को आइपीएस रघुबीर लाल कानपुर कमिश्नरेट के नए पुलिस आयुक्त बने। उन्होंने दूसरे दिन ही बुधवार को अखिलेश दुबे के खिलाफ चल रही जांच व साक्ष्यों समेत दस्तावेज मंगवाए। इसके बाद अखिलेश से साठगांठ कर उसे बचाने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई के अधिकारियों को निर्देश दिए। कार्रवाई के लिए निर्देश दिए गए। संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध-मुख्यालय विनोद कुमार सिंह ने बताया कि निलंबित इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी को सेवा बर्खास्तगी के लिए नोटिस जारी किया गया है।

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