Kanpur Metro Update: सीएसए से बर्रा रूट पर तेजी से काम, छह रेलवे ट्रैक बने, जल्द शुरू होगी सेवा
कानपुर मेट्रो को लेकर बड़ा अपडेट है। दूसरे कारिडोर के लिए तेजी से काम हो रहा है। सीएसए से लेकर बर्रा तक के लिए मेटो रूट में ट्रैक का काम लगभग पूरा होने को है। इधर भूमिगत मेट्रो के 100 दिन पूरे हो चुके हैं। औसत 25 हजार यात्री यात्रा कर रहे हैं।

जागरण संवाददाता, कानपुर। सीएसए से बर्रा आठ तक जाने वाले मेट्रो ट्रेन के दूसरे कारिडोर में 15 में से छह रेलवे ट्रैक बनकर तैयार हैं। इस रूट पर 10 ट्रेनें चलनी हैं। इन ट्रेनों को लाने, संचालन और मरम्मत के लिए सीएसए परिसर स्थित डिपो में 15 रेलवे ट्रैक बनाए जा रहे हैं।
दूसरे कारिडोर में भी तीन कोच की ट्रेन चलेंगी। यहां बन रहे 15 रेलवे ट्रैक में से चार ट्रैक का इस्तेमाल वर्कशाप के लिए होगा। चार रेलवे ट्रैक का प्रयोग ट्रेनों को खड़ा करने के लिए होगा। चार को शंटिंग के लिए रखा जाएगा। एक ट्रैक का इस्तेमाल कोच की अनलोडिंग के लिए होगा। एक पिट व्हील और एक का प्रयोग टेस्ट ट्रैक के रूप में होगा।
कोच उतारने के लिए निर्धारित एक ट्रैक बन चुका है। वहीं, ट्रेनें खड़ी करने के लिए तय चार में से तीन ट्रैक बन चुके हैं। शंटिंग के लिए निर्धारित चार में से दो ट्रैक बन चुके हैं। इसके साथ ही पांच स्विच भी बन चुके हैं। इनकी मदद से ट्रेनों को एक लाइन से दूसरी लाइन पर भेजा जा सकेगा।
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार के मुताबिक कारिडोर एक और दो का कार्य तेजी से चल रहा है। कारिडोर दो डिपो में ट्रैक बिछाने के साथ-साथ थर्ड रेल सिस्टम लगाया जा रहा है।
पहला कारिडोर पूरा होने के बाद तीन गुणा यात्री होने की उम्मीद
चुन्नीगंज से कानपुर सेंट्रल मेट्रो स्टेशन के बीच भूमिगत मेट्रो ट्रेन चलने के रविवार को 100 दिन पूरे हो गए। भूमिगत मेट्रो ट्रेन चलने के बाद शुरुआत में सामान्य दिनों में 30 हजार और शनिवार व रविवार को 34 हजार यात्री तक ट्रेन में सफर कर रहे थे लेकिन अब धीरे-धीरे यह औसत सामान्य दिनों में 25 हजार और शनिवार व रविवार को 27 से 28 हजार के बीच आकर रुक गया है। मेट्रो अधिकारियों को उम्मीद है कि नौबस्ता तक ट्रेन चलने के बाद इस आंकड़े में तीन गुणा तक की वृद्धि होगी। हालांकि नौबस्ता तक इस वर्ष ट्रेन चलने में अभी संशय है।
14 स्टेशन में चल रही मेट्रो
शहर में मेट्रो इस समय 14 स्टेशनों के बीच चल रही है। पहले चरण में मेट्रो प्राथमिक कारिडोर में आइआइटी से मोतीझील के बीच चलाई गई थी और इस वर्ष 30 मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुन्नीगंज से कानपुर सेंट्रल स्टेशन के बीच भूमिगत रूट पर मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी। इसके बाद 31 मई से यात्रियों के लिए इस रूट को खोल दिया गया था।
अब यहां के लिए तैयारी
अभी शहर में सेंट्रल स्टेशन से नौबस्ता के बीच ट्रेन चलनी हैं। इसके बीच झकरकटी बस अड्डा, ट्रांसपोर्टनगर भूमिगत स्टेशन हैं और उसके बाद बारादेवी, किदवईनगर, वसंत विहार, बौद्ध नगर, नौबस्ता एलीवेटेड स्टेशन हैं। ऐसा होने के बाद उत्तर व दक्षिण से मेट्रो जुड़ जाएगी और बस स्टेशन भी इससे जुड़ेगा। हालांकि इस वर्ष के अंत तक नौबस्ता तक ट्रेन का पहुंचना कुछ मुश्किल लग रहा है क्योंकि मेट्रो अभी तक बस अड्डे से सेंट्रल स्टेशन के बीच की सुरंग पूरी तरह नहीं खोद पाया है। इसमें अब भी कुछ समय लगने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि इसे अलग वर्ष की पहली तिमाही में चलाया जा सकता है क्योंकि सुरंग की खोदाई पूरी होने के बाद भी कम से कम चार माह तैयारियां पूरी करने के लिए के लिए चाहिए।
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