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    Kanpur News: जिंदा चाचा को दिखा दिया मृत! भतीजे ने 40 लाख हड़पे; सात साल बाद पीड़ित को ऐसे मिला न्याय

    Updated: Fri, 16 May 2025 03:49 PM (IST)

    कानपुर में एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसमें एक भतीजे ने अपने चाचा को कागजों में मृत दिखाकर उनकी जमीन हड़प ली और एयरपोर्ट के मुआवजे के 40 लाख रुपये भी डकार गया। पीड़ित सुरेश चन्द्र पिछले सात सालों से खुद को जिंदा साबित करने के लिए संघर्ष कर रहा था। जिलाधिकारी के आदेश पर अब धोखेबाज भतीजे के खिलाफ जांच शुरू हो गई है।

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    चाचा की संपत्ति कब्जाने को कागजों में मार डाला, मुआवजे 40 लाख हड़पे।

    जागरण संवाददाता, कानपुर। महाराजपुर में मृत दिखाकर वृद्धावस्था पेंशन बंद करने के मामले के बाद जिंदा को मृत दर्शाने का एक और मामला प्रकाश में आया है। चाचा की संपत्ति पर कब्जा करने के उद्देश्य से भतीजे ने उन्हें मृत दर्शाकर उनकी जमीन अपने नाम करा ली और बाद में जमीन एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहीत हुई तो मुआवजे के 40 लाख रुपये भी डकार लिए।

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    पिछले सात सालों से पीड़ित खुद को जिंदा साबित करने के लिए चक्कर काट रहा था। अब जिलाधिकारी के आदेश से जांच हुई तो वृद्ध को जिंदा मानते हुए धोखेबाज भतीजे के खिलाफ जांच शुरू की गई है। मुआवजे की राशि वसूलने की भी तैयारी है।

    चाचा को कागजों में दिखाया मृत

    मवइया निवासी सुरेश चन्द्र ने बताया कि वह पंजाब में नौकरी करता है और वहीं पर अपना मकान बनाकर सपरिवार रहता है। बीच-बीच में आना जाना होता। आरोप है कि वर्ष 2018 में उनके भतीजे ने एक मृत व्यक्ति के नाम से एक मुकदमा दायर किया और प्रशासनिक अधिकारियों की मदद से झूठे गवाह पेश करके यह साबित कर लिया कि उनके चाचा की मृत्यु हो चुकी है और उनके परिवार में और कोई नहीं है।

    अधिकारियों ने मिलीभगत करके बिना अदालती कार्रवाई और बिना मृत्यु प्रमाण पत्र के सुरेश को मृत घोषित कर दिया और दो जुलाई 2018 को उनकी जमीन भतीजे के नाम हो गई। इस बीच कोरोना आ गया तो वह लंबे समय तक गांव नहीं आए। कुछ समय बाद जब उन्हें फर्जीवाड़े की जानकारी हुई तो उसने विरोध किया, मगर कोई भी सुनने को तैयार नहीं हुआ।

    एयरपोर्ट विस्तार में चली गई थी जमीन

    वहीं इसी बीच सुरेश के हिस्से की जमीन एयरपोर्ट विस्तार में अधिग्रहीत कर ली गई और मुआवजे का 40 लाख रुपया भतीजा हड़प कर गया। सुरेश के वकील विमल सिंह चंदेल ने बताया कि इस प्रकरण में डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह के प्रयासों से सुरेश चंद्र सात सालों बाद यह साबित करने में सफल रहे कि वह जीवित हैं। अपर नगर मजिस्ट्रेट सप्तम की अदालत ने माना कि पूर्व में तहसीलदार न्यायालय द्वारा किया गया आदेश सही है।

    आरोपित भतीजे पर मुकदमे की तैयारी

    शासकीय अधिवक्ता डॉक्टर पवन तिवारी ने बताया कि इस मामले में नियमानुसार आरोपित भतीजे पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। इसके बाद उसके द्वारा छल पूर्वक हड़पी गई मुआवजे की राशि की वसूली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

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