Kanpur News: सीएसए कृषि विश्वविद्यालय पर लगे वित्तीय अनियमितताओं के आरोप, अर्थ नियंत्रक ने मांगा जवाब
कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। जल शक्ति विभाग के राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने शासन को पत्र लिखकर जांच की मांग की है। आरोप है कि विश्वविद्यालय शासनादेशों का उल्लंघन कर रहा है। हालांकि कुलपति डा. आनंद कुमार सिंह ने आरोपों को गलत बताया है।

जागरण संवाददाता, कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) पर वित्तीय अनियमितताओं के फिर गंभीर आरोप लगे हैं। इस बार जल शक्ति विभाग के राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने शासन को पत्र लिखकर शिकायत की है। उन्होंने प्रमुख सचिव कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग को पत्र के जरिये पूरे प्रकरण से अवगत कराते हुए जांच कराने की मांग की है। अर्थ नियंत्रक ने प्रमुख सचिव के पत्र पर सीएसए के निदेशक प्रशासन से जवाब मांगा है।
राज्यमंत्री की ओर से लिखे गए पत्र में आरोप लगाया गया है कि विश्वविद्यालय में शासनादेशों का उल्लंघन करके केंद्र सरकार की योजनाओं के कर्मचारियों को गैर योजना के उच्च पदों पर बिठाकर उसी के अनुसार वेतन जारी किया जा रहा है। जिसमें कुलसचिव डा. नौशाद खान, निदेशक शोध डा. पीके सिंह, निदेशक प्रसार डा. आरके यादव और निदेशक बीज एवं प्रक्षेत्र डा. विजय कुमार यादव शामिल हैं।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि एक्रिप नार्प एवं केवीके (कृषि विज्ञान केंद्र) में कार्य करने वाले कर्मचारियों को शैक्षिक संवर्ग से लाभान्वित नहीं किया जा सकता है। आइसीएआर की विभिन्न योजनाओं में नियुक्त कर्मचारियों को सीएएस यानी करियर एडवांसमेंट स्कीम का लाभ भी अनुमन्य नहीं है। फिर भी विश्वविद्यालय शासनादेशों का उल्लंघन करके केवीके, एक्रिप एवं नार्प के सभी कर्मचारियों को 60 वर्ष की सेवा पर रिटायरमेंट दे रहा है।
कर्मचारियों को सीएएस का लाभ देकर वित्तीय अनियमितता की जा रही है। वहीं, सीएसए कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा. आनंद कुमार सिंह ने कहा कि एक्रिप योजना आइसीएआर यानी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से संचालित होती है।
विश्वविद्यालय में प्रबंधन के अनुमोदन के बाद ही सीएएस का लाभ दिया जा रहा है। इस योजना में आइसीएआर बजट देता है। इसमें 75 प्रतिशत अंश आइसीएआर और 25 प्रतिशत अंश राज्य सरकार देती है। आइसीएआर ने रिटायरमेंट की आयु सीमा को लेकर बने संशय को दूर करने के लिए पत्र जारी कर स्थिति स्पष्ट कर दी है। वित्तीय अनियमितताओं के आरोप गलत हैं। शासन को पूरे प्रकरण पर जवाब भेजेंगे।
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