कानपुर में पान मसाला फैक्ट्रियों में छापेमारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने दी दबिश
कानपुर में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने पान मसाला फैक्ट्रियों पर शिकंजा कसा। ट्रांसपोर्ट नगर स्थित मधू और शिखर पान मसाला इकाइयों पर छापेमारी की गई जहाँ पैकिंग सामग्री के नमूने लिए गए। यह कार्रवाई एनजीटी के आदेश पर हुई क्योंकि शिकायत थी कि कंपनियां प्लास्टिक पैकिंग कर रही हैं जो कि प्रतिबंधित है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

जागरण संवाददाता, कानपुर। पान-मसाला बनाने वाली फैक्ट्रियों पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। शनिवार को पीसीबी की टीम ने ट्रांसपोर्ट नगर स्थित मधू और शिखर पान मसाला दो यूनिटों पर छापेमारी कर पैकिंग सामग्री के सैंपल लिए। कार्रवाई के दौरान टीम ने उत्पादन प्रक्रिया की बारीकी से जांच की और मौके से नमूने भरकर प्रयोगशाला भेज दिए।
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी अजीत कुमार सुमन ने बताया कि यह छापेमारी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के तहत की गई है। एनजीटी में शिकायत की गई थी, कि कंपनियां अभी भी प्लास्टिक पैकिंग कर रही हैं, जबकि उस पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। जांच रिपोर्ट आने के बाद अगली कार्रवाई तय होगी।
पर्यावरण नियमों के अनुसार प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट नियम 2016 में स्पष्ट प्रावधान है कि पान मसाला और तंबाकू उत्पादों की पैकिंग किसी भी तरह की प्लास्टिक सामग्री में नहीं की जा सकती। इसके बावजूद शहर के बाजारों में प्लास्टिक पैकेटों में बिक रहे।
शहर में पान मसाला कारोबार का बड़ा नेटवर्क फैला हुआ है। कई छोटी-बड़ी यूनिटें धड़ल्ले से पैकिंग कर रही हैं। बीते वर्षों में नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कई बार छापेमारी की, मगर बड़े कारोबारियों पर सख्त कार्रवाई नहीं हो पाई। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी ने बताया कि कानपुर समेत देशभर की कंपनियों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए दि सिटीजन फाउंडेशन की ओर से एनजीटी में याचिका दायर की गई थी।
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एनजीटी ने सुनवाई करते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और अन्य एजेंसियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। एनजीटी ने कहा है कि आदेशों के बावजूद कंपनियों पर ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हुई, इसका जवाब एजेंसियों को 26 सितंबर तक देना है। इसी आदेश के तहत सैंपल भरकर जांच के लिए भेजे जा रहे हैं।
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