यूपी में सचेंडी से महाराजपुर तक बनेगी रिंग रोड, 854 करोड़ आएगी लागत; जानें कब तक होगा तैयार
कानपुर में ट्रैफिक जाम से राहत मिलने की उम्मीद है क्योंकि एनएचएआई द्वारा बनाई जा रही रिंग रोड का पहला चरण अगले साल अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा। सचेंडी से महाराजपुर तक का 23.32 किमी का हिस्सा खुलने से जीटी रोड पर 40% तक ट्रैफिक कम होगा। 4077 करोड़ रुपये की लागत वाली इस 93 किमी लंबी रिंग रोड का 34% काम पूरा हो चुका है।

जागरण संवाददाता, कानपुर । ट्रैफिक जाम से जूझ रहे शहर को जल्द ही बड़ी राहत मिलेगी। नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआइ) की ओर से बनाई जा रही रिंग रोड का पहला चरण अगले साल अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा।
सचेंडी से महाराजपुर तक 23.32 किमी लंबे इस हिस्से को यातायात के लिए भी खोल दिया जाएगा। इंजीनियरों का कहना है कि जैसे ही यह पैकेज तैयार होगा, जीटी रोड पर वाहनों का दबाव 40 प्रतिशत तक कम होगा।
करीब 40,077 करोड़ रुपये की लागत से बन रही यह रिंग रोड 93 किलोमीटर लंबी होगी। एनएचएआइ इसे चार चरणों में तैयार कर रहा है। अधिकारियों के मुताबिक अभी तक परियोजना का 34 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। लक्ष्य है कि वर्ष 2027 तक पूरे रिंग रोड का निर्माण पूरा कर दिया जाए। रिंग रोड के पहले पैकेज में सचेंडी से महाराजपुर तक हिस्सा शामिल है।
854.60 करोड़ रुपये हो रहे खर्च
इस पर 854.60 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं, जिसमें से 593.63 करोड़ रुपये सिर्फ भूमि अधिग्रहण में खर्च हुए हैं। इस पैकेज के निर्माण कार्य की जिम्मेदारी राज कंस्ट्रक्शन कंपनी सौंपी गई हैं। अब तक मंधना से सचेंडी तक लगभग पांच किलोमीटर सड़क का निर्माण दोनों ओर पूरा हो चुका है। आगे महाराजपुर तक समतलीकरण व पुल-पुलिया का काम तेजी से चल रहा है।
एनएचएआइ ने इस पैकेज को अक्टूबर 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। इंजीनियरों का कहना है कि मुख्यालय से अनुमति लेने के बाद इस पैकेज को वाहनों के आवागमन के लिए खोला जाएगा।
फिलहाल सचेंडी, पनकी, चकेरी और रामादेवी जैसे इलाकों में घंटों जाम की समस्या रहती है। रिंग रोड बनने के बाद बाहरी भारी वाहन शहर में प्रवेश नहीं करेंगे, जिससे मुख्य मार्गों का दबाव घटेगा। इससे औद्योगिक क्षेत्रों को भी फायदा होगा।
पैकेजवार स्थिति
पैकेज-1 (23.32 किमी, सचेंडी-महाराजपुर): निर्माण कार्य जारी, पांच किमी सड़क बन चुकी।
पैकेज-2 (27.87 किमी, आटा से मंधना व ट्रांसगंगा): इसमें गंगा पर 3.2 किमी लंबा पुल शामिल है। टेंडर रूस की एलएलसी मल्टी इंटर रीजनल कंपनी को दिया गया है।
पैकेज-3 (17.45 किमी, बदरका से हरबंस-उचेती): हिलवेज कंपनी (ऋषिकेश) के पास निर्माण कार्य। यह हिस्सा डिफेंस कॉरिडोर, चकेरी एयरपोर्ट और प्रयागराज हाईवे को जोड़ेगा।
पैकेज-4 (24.55 किमी, जरकला से पकरी): समतलीकरण कार्य पूरा, जिम्मेदारी राज कंस्ट्रक्शन कंपनी को।
रिंग रोड में तेजी से निर्माण से किया जा रहा है। पैकेज वन में मंधना से सचेंडी तक पांच किमी तक रिंग रोड पूरी हो चुकी है। इसके आगे तेजी से समतलीकरण का कार्य किया जा रहा है। अक्टूबर 2026 तक इस पैकेज को आवागमन के लिए खोलने की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इससे जीटी रोड पर ट्रैफिक लोड घटेगा। -पंकज यादव, परियोजना निदेशक, एनएचएआइ
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