कानपुर यूनिवर्सिटी की बड़ी पहल, शोध को अंतरराष्ट्रीय मान्यता तो मिलेगा नकद पुरस्कार
कानपुर विश्वविद्यालय ने शोध को अंतरराष्ट्रीय मान्यता दिलाने और शोधकर्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई पहल की है। अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलने पर विश्वविद्यालय की रैंकिंग सुधरेगी और शोधकर्ताओं को नकद पुरस्कार भी मिलेगा। यह कदम शोध कार्यों को बढ़ावा देगा।

छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय।
जागरण संवाददाता, कानपुर। महाविद्यालयों और विश्वविद्यालय में अब ऐसे शिक्षकों एवं शोधार्थियों को नकद पुरस्कार का सम्मान मिलेगा जिनके शोध कार्य को अंतरराष्ट्रीय स्तर की मान्यता मिले और अंतरराष्ट्रीय जर्नलों ने प्रकाशित किया हो। ऐसे शोधकर्ताओं को हरेक शोध कार्य के लिए छह से लेकर 24 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। इसका फैसला छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू), कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में हुई महत्वपूर्ण बैठक में किया गया है। विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उच्च गुणवत्ता वाले शोध कार्यों और प्रकाशनों के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से नई ‘रिसर्च अवार्ड एवं इंसेंटिव नीति’ को जारी किया है। 
विश्वविद्यालय के सेंटर फार एकेडमिक्स में कुलपति की अध्यक्षता में हुई बैठक में विश्वविद्यालय के सभी डीन, निदेशक, विभागाध्यक्ष, प्राधिकारी और अधिकारी उपस्थित रहे। कुलपति ने बताया कि इस नीति का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों और शोधार्थियों को उच्च प्रभाव वाले अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रों के प्रकाशन के लिए प्रोत्साहित करना है, जिससे विश्वविद्यालय की शैक्षणिक और अनुसंधान प्रतिष्ठा को सुदृढ़ता मिलेगी। विश्वविद्यालय में शोध संस्कृति में गुणात्मक परिवर्तन आएगा और शिक्षकों एवं शोधार्थियों के भीतर प्रतिस्पर्धा, नवाचार और उत्कृष्टता की भावना को बल मिलेगा।
स्कोपस और वेब आफ साइंस को बनाया मानक
विश्वविद्यालय की ‘रिसर्च अवार्ड एवं इंसेंटिव नीति’ में स्कोपस और वेब आफ साइंस को मानक बनाया गया है। पुरस्कार के लिए वही शिक्षक और परास्नातक , पीएचडी व पोस्ट डाक्टरल फेलाे शोधार्थी आवेदन कर सकेंगे जिनके शोधपत्र स्कोपस या वेब आफ साइंस इंडेक्स में विश्वविद्यालय संबद्धता सहित प्रकाशित होंगे। प्रकाशति शोधपत्रों को स्कोपस जर्नल रैंकिंग के आधार पर क्यू वन से क्यू फोर तक चार श्रेणियों में बांटा गया। पुरस्कार के दावे भी प्रकाशन व इंडेक्स किए जाने के तीन महीने के अंदर किए जाएंगे।
क्या मिलेगा पुरस्कार
क्यू वन श्रेणी में प्रकाशित शोधपत्र के प्रथम एवं संप्रेषक लेखक को 12,-12 हजार (कुल 24,000) रुपये दिए जाएंगे। इस श्रेणी के साल भर में जितने भी शोध प्रकाशित होंगे सभी को पुरस्कार दिया जाएगा। क्यू 2 श्रेणी में प्रत्येक को आठ हजार (कुल 16 हजार) की राशि दी जाएगी। इस श्रेणी में एक शोधकर्ता के अधिकतम छह दावे मान्य होंगे। क्यू -3 श्रेणी में प्रत्येक को छह हजार (कुल 12 हजार ) मिलेंगे और दावों की सीमा चार होगी। क्यू-4 श्रेणी में प्रत्येक को तीन हजार (कुल छह हजार) के साथ दो दावों की सीमा तय की गई है। प्रत्येक पुरस्कार के साथ एक प्रशंसा-पत्र भी प्रदान किया जाएगा। विश्वविद्यालय ने न केवल शोधपत्र प्रकाशन बल्कि पेटेंट को भी प्रोत्साहित किया है। सीएसजेएमयू द्वारा दायर और स्वीकृत भारतीय या अंतरराष्ट्रीय पेटेंट के लिए 15,000 की नकद राशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान की जाएगी, जिसे प्रमुख अन्वेषक और सह-अन्वेषक के मध्य साझा किया जा सकेगा।

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