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    बिजली चोरी मामले में केस्को ने उपभोक्ताओं को दी बड़ी राहत, पहली बार सीधे 50 % तक छूट

    Updated: Fri, 14 Nov 2025 08:17 PM (IST)

    कानपुर विद्युत आपूर्ति कंपनी (केस्को) ने बिजली चोरी के मामलों में उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए जुर्माने पर सीधे 50% तक की छूट की घोषणा की है। इस कदम का उद्देश्य उपभोक्ताओं को आर्थिक बोझ से राहत दिलाना और बिजली चोरी के मामलों का समाधान करना है, जिससे कंपनी और उपभोक्ता दोनों लाभान्वित होंगे।

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    जागरण संवाददाता,कानपुर। केस्को उपभोक्ताओं के लिए राहत का बड़ा मौका एक दिसंबर से शुरू होगा। विभाग पहली बार बिजली चोरी के मामलों में मूलधन पर सीधे 50 प्रतिशत तक छूट देने जा रहा है। इसके साथ ही सामान्य बकाये पर तीन चरणों में सरचार्ज में सौ प्रतिशत और मूलधन में 25 से लेकर 15 प्रतिशत तक चरणबद्ध तरीके से छूट मिलेगी। उपभोक्ता इस छूट का लाभ किस्तों में भी ले सकते हैं।

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    इसके साथ ही बिजली चोरी के मुकदमों में कुल जुर्माने के मूलधन में 50 प्रतिशत तक छूट दी जाएगी। बुधवार को केस्को मुख्यालय सभागार में जानकारी देते हुए प्रबंध निदेशक सैमुअल पाल एन ने बताया कि बिजली बिल राहत योजना में पहली बार मूलधन में छूट प्रदान की जा रही है। योजना तीन चरणों में एक दिसंबर 2025 से 28 फरवरी 2026 तक चलेगी। पहले चरण के लिए पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिसका लाभ एक दिसंबर से 31 दिसंबर तक मिलेगा। प्रथम चरण में सरचार्ज में सौ प्रतिशत और मूलधन में 25 प्रतिशत की छूट मिलेगी। दूसरे चरण में मूलधन पर 20 प्रतिशत और तीसरे में 15 प्रतिशत छूट दी जाएगी।

     

     

    योजना केवल दो किलोवाट तक के घरेलू और एक किलोवाट तक के वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के लिए है। इस दायरे में कुल 27,775 ऐसे उपभोक्ता हैं, जिन पर 88 करोड़ 48 लाख रुपये से अधिक का बकाया है। इनमें 23,181 घरेलू उपभोक्ताओं पर 72.99 करोड़ रुपये, जबकि 3,134 वाणिज्यिक उपभोक्ताओं पर 10.84 करोड़ रुपये का बकाया दर्ज है। नेवर पेड श्रेणी में भी घरेलू और वाणिज्यिक मिलाकर 1,443 उपभोक्ता हैं, जिन पर लगभग 4.64 करोड़ रुपये बकाया है।

     


    सबसे बड़ी राहत उन 6,022 उपभोक्ताओं को मिलेगी जिन पर बिजली चोरी के मामले दर्ज हैं। इन पर कुल 68 करोड़ 84 लाख रुपये से ज्यादा की बकाया राशि है। पहली बार विभाग ने ऐसे विवादित प्रकरणों में राजस्व निर्धारण के दौरान मूलधन पर 50 प्रतिशत तक छूट देने का फैसला किया है। हालांकि न्यायालय में विचाराधीन मामलों में उपभोक्ताओं को पंजीकरण कराने के बाद शपथ पत्र भी देना होगा, जिसमें मुकदमा वापस लेना अनिवार्य होगा। प्रबंध निदेशक ने कहा कि इस योजना से वर्षों से लंबित मामलों का तेजी से निस्तारण होगा और उपभोक्ता भी आसानी से बकाया जमा करा सकेंगे।

     


    गरीब उपभोक्ताओं को ध्यान में रखते हुए मासिक किस्तों में बकाया जमा करने की सुविधा भी दी गई है। इससे उन्हें एकमुश्त भुगतान का दबाव नहीं झेलना पड़ेगा। केस्को प्रबंध निदेशक सैमुअल पाल एन ने बताया कि योजना में सहयोग करने वाले केस्को के अधिशासी अभियंता, एसडीओ और अवर अभियंता को प्रशस्ति पत्र और आर्थिक लाभ अलग से दिया जाएगा।