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    PF Scam case : केस्को में पकड़ा एक और मामला, कर्मचारी के करीब दो लाख रुपये हजम

    By Akash DwivediEdited By:
    Updated: Sat, 04 Sep 2021 08:02 AM (IST)

    केस्को के संविदा कर्मचारियों के साथ पिछले दिनों बड़ा पीएफ घोटाला हुआ था जिसमें मुकुल दुबे नाम के युवक ने ढाई सौ से अधिक कर्मचारियों का 60 लाख रुपये से अधिक हजम कर लिया था। दैनिक जागरण की खबर पर क्राइम ब्रांच ने मुकुल को गिरफ्तार कर जेल भेजा था

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    संविदा कर्मचारियों में अपनी पीएफ की रकम को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बन गई

    कानपुर, जेएनएन। गरीब और भोले भाले केस्को संविदा कॢमयों के भविष्य निधि (पीएफ) की रकम डकराने का एक और मामला प्रकाश में आया है। केस्को की एक सेवा प्रदाता कंपनी में राजेश शर्मा काम करता था, मगर उसका पीएफ का पैसा कंपनी की महिला ठेकेदार के पति राजेश यादव के नाम पर पीएफ खाते में जमा हो रहा था। सालों बाद यह मामला पकड़ में आया तो एक बार फिर केस्को के संविदा कर्मचारियों में अपनी पीएफ की रकम को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बन गई।

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    केस्को के संविदा कर्मचारियों के साथ पिछले दिनों बड़ा पीएफ घोटाला हुआ था, जिसमें मुकुल दुबे नाम के युवक ने ढाई सौ से अधिक कर्मचारियों का 60 लाख रुपये से अधिक हजम कर लिया था। दैनिक जागरण की खबर पर क्राइम ब्रांच ने मुकुल को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। अब बर्रा-दो निवासी राजेश शर्मा का मामला सामने आया है। वह वर्ष 1992 से केस्को में संविदा पर काम कर रहा है। इस समय गोविंद नगर विद्युत कालोनी सबस्टेशन में तैनात है। राजेश ने बताया कि वर्ष 2013 में उसने कुमुद यादव की इक्रा एजेंसी में काम किया। उस वक्त कंपनी की ओर से उसे पीएफ एकाउंट का यूनिवर्सल एकाउंट नंबर (यूएएन) नंबर दिया गया। केस्को की सूची में उसके नाम पर ही यह यूएएन नंबर चढ़ा हुआ हुआ है। पिछले दिनों जब पीएफ घोटाला सामने आया तो उसे भी शक हुआ, क्योंकि उसके मोबाइल पर भी कोई एसएमएस नहीं आता था। संविदा केस्को संगठन के महामंत्री दिनेश सिंह भोले की मदद से जब उसने पीएफ कार्यालय से इस यूएएन नंबर को चेक कराया तो पता चला कि यह नंबर तो राजेश यादव का है और पूरे दस्तावेज राजेश यादव के ही लगे हैं। दस्तावेजों के आधार पर सामने आया कि राजेश यादव ठेकेदार कुमुद यादव का पति है। यानी उसके नाम का पीएफ राजेश यादव के नाम से जमा हो रहा था। केस्को की सूची में उसने गलत जानकारी देकर उसे धोखे में रखा। मामला यहीं तक सीमित नहीं रहा, जब उन्होंने और जांच की तो पता चला कि वर्ष 2019 में बैक डेट में उसके नाम पर एक नया पीएफ एकाउंट जनरेट किया गया, जिसमें केवल 12 हजार रुपये जमा हैं।

    इनका ये है कहना

    ऐसा कोई मामला संज्ञान में नहीं है। जांच कराई जाएगी। अगर ऐसा हुआ है तो कार्रवाई होगी। - चंद्रशेखर अंबेडकर, प्रवक्ता, केस्को