SIR को लेकर हर सवाल का यहां पढ़ें जवाब, किसे फार्म भरना है किसे नहीं..जानें सब कुछ बस एक क्लिक में
SIR Update: विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) को लेकर आम लोगों मन में कई तरह के प्रश्न हैं। उन्हें फार्म भरना चाहिए कि नहीं, या फार्म नहीं भरा तो क्या होगा, मतदाता सूची में नाम कटने से लेकर नाम जुड़वाने की चिंता। इन सब सवालों के जवाब दैनिक जागरण प्रश्न प्रहर में कानपुर के डीएम ने दिए।

जागरण प्रश्न पहर कार्यक्रम में पाठकों के सवालों का जवाब देते जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह। जागरण
जागरण संवाददाता, कानपुर। SIR Update: मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) को लेकर आम लोगों में सबसे बड़ी चिंता नाम कटने, दोबारा जुड़वाने, पते बदलने और आनलाइन फार्म भरने की परेशानी के साथ ही वर्ष 2003 की मतदाता सूची में नाम नहीं होने को लेकर हो रही है। इसके साथ ही बाहर रहने वाले मतदाता, किराये के मकान में रहने वाले हों या पहचान पत्र की समस्याओं को लेकर दैनिक जागरण के प्रश्न पहर में कानपुर (Kanpur) जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने पाठकों के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं हैं। बीएलओ घर-घर सत्यापन कर रहे हैं और आयोग का स्पष्ट निर्देश है कि योग्य मतदाता का नाम किसी हाल में सूची से बाहर नहीं रहना चाहिए। विस्तार से जवाब देते हुए उन्होंने भरोसा दिलाया कि किसी भी पात्र मतदाता को परेशान होने की कतई जरूरत नहीं है। पेश से पाठकों से हुई बातचीत...
- शहर से बाहर हूं, क्या फार्म भरने के लिए आना जरूरी है, मतदाता सूची में नाम कैसे जुड़वा सकते हैं?- तुषार गुप्ता, किदवई नगर
- जिले से बाहर रहने वालों को मतदाताओं को परेशान होने की जरूरत नहीं है। आयोग के पोर्टल (National Voters Services Portal) (NVSP) मोबाइल ऐप (Voter Helpline App) के साथ ही वेबसाइट https://voters.eci.gov.in या https://nvsp.in के माध्यम से आनलाइन फार्म-6 भरा जा सकता है। विवरण व दस्तावेज अपलोड करने के बाद आवेदन स्वीकार होंगे। इसकी संदर्भ संख्या भी मतदाताओं को मिल जाती है। बीएलओ सत्यापन करने के बाद नाम सूची में दर्ज करेगा।
- 2003 की पुरानी मतदाता सूची में नाम नहीं था, क्या अब नया फार्म नहीं भरा जा सकता है?- शैलेश कुमार बाजपेई,जूही लाल कालोनी
- मतदाताओं का अगर 2003 की सूची में नाम नहीं है, तो भी फार्म भरना आवश्यक है। विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान जो गणना फार्म मिलेगा उसे जरूर भरें, ताकि वर्तमान स्थिति के अनुसार आपके मतदाता विवरण सही रूप से दर्ज किए जा सकें। इसके साथ ही अगर 2003 की सूची में परिवार के किसी भी सदस्य का नाम है, तो उसे भी भरा जा सकता है। अगर किसी का भी नाम नहीं हैं, तो भी गणना फार्म भरना आवश्यक है।
- मतदाता सूची में नाम नहीं हैं, बीएलओ कोई सही जानकारी नहीं दे रहे हैं?- भुवन जोशी, बर्रा विश्व बैंक कालोनी
- मतदाताओं को गणना फार्म मिल गए हैं, तो उन्हें भरकर जमा करना आवश्यक हैं। जिनके नाम नहीं मिल रहे हैं, वह फार्म-6 भर सकते हैं। यह नया नाम जुड़वाने का तरीका है। आनलाइन विवरण भरने के बाद बीएलओ आपके पते का सत्यापन कर सूची में नाम जोड़ देता है। किसी भी योग्य मतदाता को बाहर नहीं रखा जाएगा।
- आनलाइन आवेदन की स्थिति कहां देखी जा सकती है, एसआइआर को लेकर भ्रम बहुत ज्यादा फैलाया जा रहा है?- जयप्रकाश तिवारी, विश्व बैंक बर्रा एक
- फार्म जमा करने के बाद स्थिति आयोग की पोर्टल और मोबाइल ऐप दोनों पर देखी जा सकती है। संदर्भ संख्या दर्ज करते ही प्रगति दिखाई दे जाती है। किसी समस्या पर हेल्पलाइन नंबर (1950) से सहायता प्राप्त की जा सकती है।
- एसआइआर में क्या साक्ष्य अनिवार्य हैं, इस फार्म के साथ क्या दस्तावेज जमा करने हैं?- सुरेश अवस्थी, पांडु नगर
- मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के दौरान गणना पत्र में केवल जानकारी भरनी है। जिसमें आधार कार्ड नंबर, इपिक संख्या के साथ ही सगे संबंधियों के नाम और इपिक संख्या की जानकारी देनी है। किसी प्रकार का दस्तावेज देना अनिवार्य नहीं है। जिनके पास आधार नहीं है वे बैंक पासबुक, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन या अन्य मान्य पहचान पत्र की जानकारी देकर आवेदन कर सकते हैं।
- गणना फार्म देने के लिए अपार्टमेंट में बीएलओ नहीं आ रहे हैं, इसके लिए क्या करना होगा या स्वयं संपर्क करना होगा?- नितिन मेहरोत्रा, काकादेव
- बीएलओ विशेष पुनरीक्षण में घर-घर सत्यापन कर रहे हैं। यदि उस समय घर पर न मिलें तो उनका संपर्क नंबर लेकर संवाद करें। आनलाइन फॉर्म भरने वालों का भी पता बीएलओ द्वारा अनिवार्य रूप से सत्यापित किया जाता है। आपके द्वारा जो शिकायत दर्ज कराई है, उसकी जांच करके आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। बीएलओ को गणना फार्म पहुंचाने के साथ ही वापस लाने की भी जिम्मेदारी हैं।
- नाम कट जाने पर दोबारा जुड़वाने की प्रक्रिया क्या है, बूथ बदलने पर क्या करें?- वेद प्रकाश गुप्ता, कल्याणपुर
- मतदाता का नाम कट जाने पर परेशान होने की जरूरत नहीं हैं, जिस मतदाता का नाम कटा है, वह फार्म-6 दोबारा भरें और कारण लिखें। सत्यापन के बाद नाम फिर जोड़ दिया जाएगा। आयोग का उद्देश्य किसी पात्र मतदाता को मतदान से वंचित न रखना है। यह प्रक्रिया आनलाइन भी हो सकती है।
- सरकारी नौकरी में स्थानांतरण होते रहे हैं, ऐसे में नए जिले में नाम जुड़वाने के लिए कौन सा फॉर्म भरना चाहिए?- रमेश सिंह, सनिगवां
- सरकारी या निजी कोई भी मतदाता हो, अगर उसका जिला बदलता है, तो वह जिला या पता परिवर्तन के लिए फार्म-8 भरकर नाम जुड़वा सकता है। विधानसभा या संसदीय क्षेत्र बदलने पर भी यही फार्म लागू होता है। फार्म-8 में नई और पुरानी दोनों जानकारी दर्ज करें और बीएलओ सत्यापन के बाद बदलाव मतदाता सूची में दर्ज कर देता है। कोई भी मतदाता कहीं पर अपना नाम मतदाता सूची में जुड़वा सकता है, लेकिन कोई भी व्यक्ति केवल एक विधानसभा और एक लोकसभा की सूची में नाम दर्ज करा सकता है, जहां वह निवास कर रहा हो, दो विधानसभा और दो लोकसभा क्षेत्रों में मतदाता का नाम नहीं जोड़ा जा सकता है। यदि दो जगह दर्ज है तो पुराने पते वाली प्रविष्टि हटवाने के लिए फार्म-7 भरें।
- क्या 17 वर्ष की आयु वाला युवक भी आवेदन कर सकता है?- मोनू पांडेय, श्याम नगर
- मतदाता सूची में 17 वर्ष से अधिक आयु वाले युवा पूर्व-पंजीकरण करा सकते हैं। 18 वर्ष पूरा होते ही अगली पात्रता तिथि पर उनका नाम स्वतः मतदाता सूची में जोड़ा जाता है। इसके लिए फार्म-6 भरना आवश्यक है। 18 वर्ष पूर्ण होने पर मत डालने का अधिकार मिलता है।
- किराये के घर में रहते हैं, क्या मकान मालिक की अनुमति जरूरी है?- मुहम्मद हैदर आर्य नगर
- मतदाता पंजीकरण के लिए मकान मालिक की अनुमति नहीं किराएदारी अनुबंध, किराया रसीद, बिजली बिल या स्थानीय सत्यापन पर्याप्त है। बीएलओ पड़ोसियों से पुष्टि कर नाम जोड़ता है। भारत का कोई भी नागरिक अपना नाम मतदाता सूची में दस्तावेज के आधार पर जुड़वा सकता है।
इन्होंने भी पूछे सवाल..
अरविंद शुक्ल किदवई नगर, राजेन्द्र भाटिया शास्त्री नगर, मुकेश कुशवाहा श्याम नगर, विश्वनाथ दीक्षित बिल्हौर, उमेश शुक्ल दर्शनपुरवा, महेन्द्र अवस्थी मछली मोहाल, प्रदीप दिवाकर बिठूर, प्रदीप शर्मा फजलगंज,मनोज कुमार शुक्लागंज, चंदग्रभान दुबे बाबू बाबूपुरवा।

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