यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ 3 सितंबर को कानपुर में, IIT में कार्यक्रम में होंगे शामिल
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आइआइटी कानपुर में समन्वय कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। यह कार्यक्रम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सस्टेनेबल टेक्निक के विकास पर केंद्रित है जो उद्योग जगत की जरूरतों के अनुसार है। इस कार्यक्रम में शोधकर्ता स्टार्टअप प्रतिनिधि और उद्यमी भाग लेंगे। टीसीएस के टेक्नोलाजी हेड हैरिक विन मुख्य वक्ता होंगे।

जागरण संवाददाता, कानपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को सुबह आइआइटी कानपुर में आयोजित समन्वय कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। कार्यक्रम का आयोजन उद्योग जगत की आवश्यकताओं के अनुरूप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सस्टेनेबल टेक्निक विकास को लेकर किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में शोधकर्ता और स्टार्टअप के प्रतिनिधि उद्यमी भी शामिल होंगे। टीसीएस के टेक्नोलाजी हेड हैरिक विन कार्यक्रम के मुख्य वक्ता होंगे इस अवसर पर टीसीएस और एक स्टार्टअप कंपनी के बीच एमओयू भी किया जाएगा।
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के क्षेत्र में ट्रांसलेशनल रिसर्च यानी बड़े स्तर पर व्यावहारिक रूप इस्तेमाल होने वाली तकनीक के शोधकर्ताओं का आइआइटी के समन्वय आयोजन में मार्गदर्शन किया जाएगा। ऐसे शोध करने वालों आइआइटी की ओर से पुरस्कृत भी किया जाएगा और स्टार्टअप शुरू करने के लिए अनुदान व वित्तीय सहायता प्राप्त करने में मदद की जाएगी। दो दिवसीय आयोजन समन्वय के मुख्य वक्ता टीसीएस के सीटीओ डा. हैरिक विन होंगे। कार्यक्रम में शामिल होने वाली विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधि बताएंगे कि सीएसआर यानी कारपोरेट सोशल रिस्पांस्बिलिटी के तहत किस तरह से अनुसंधानकर्ताओं की मदद की जा सकती है।
आइआइटी कानपुर का समन्वय आयोजन पूरी तरह से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में ट्रांसलेशनल रिसर्च पर केंद्रित है। दो और तीन सितंबर को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में ऐसे अनुसंधानों को प्रदर्शित किया जाएगा जो उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप एआइ के प्रयोग से बदलाव लाने में सक्षम हैं। समन्वय में शोधकर्ताओं के प्रतिभाग के लिए आइआइटी ने पंजीकरण प्रक्रिया भी शुरू कर रखी है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस के चीफ टेक्नोलाजी आफिसर डा. हैरिक विन को उद्योग क्षेत्र में आइटी संबंधी बदलाव , संज्ञानात्मक आटोमेशन का विशेषज्ञ माना जाता है।
कार्यक्रम को दो भागों में बांटा गया है जिसमें पहले पैनल में एआइ, सस्टेनबिलिटी और साइबर सिक्योरिटी के उन अनुसंधानों की चर्चा की जाएगी जो उद्योग क्षेत्र में बड़े बदलाव करने में सक्षम हैं। दूसरे दिन होने वाली चर्चा में विशेषज्ञों से सीएसआर फंड की मदद से एआइ, सस्टेनबिलिटी और साइबर सिक्योरिटी अनुसंधानों को आगे बढ़ाने की जरूरत और उपायों के बारे में बताया जाएगा।
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