यमुना में गिरी बुजुर्ग महिला ने 14 घंटे तक किया संघर्ष, 50 किलोमीटर तक की तैराकी, हाथ में आया फ्रैक्चर
कानपुर देहात में यमुना नदी में गिरी एक 70 वर्षीय महिला ने 14 घंटे तक तैरकर अपनी जान बचाई। जालौन की रहने वाली मायादेवी हाथ धोते समय नदी में गिर गई थीं। तैरना जानने के कारण वह रात भर संघर्ष करती रहीं। सुबह गोताखोरों ने उन्हें बचाया। ठंड लगने और हाथ में फ्रैक्चर होने के बावजूद, महिला के साहस की सभी ने सराहना की।

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात। यमुना में वृद्धा ने अपने साहस के दम पर 14 घंटे तक यमुना में संघर्ष किया और किस्मत ने भी उसका साथ दिया। शनिवार शाम को गिरी वृद्धा पूरी रात तैरते हुए जीवन बचाने को संघर्ष करती रही और करीब 50 किमी तक दम बनाए रखा।
आखिर में राजपुर के पिचोरा घाट किनारे बहते हुए उसे देखा तो गोताखोरों ने बचाया और अस्पताल लेकर गए। सभी आश्चर्यचकित थे कि आखिर किस तरह से इतने समय व इतनी दूरी तक वृद्धा ने खुद को जिंदा रखा।
तैराकी करने के दौरान ही उसके बाएं हाथ की हड्डी फ्रैक्चर हो गई साथ ही सर्दी उसे लग गई। स्वजन ने गोताखोरों व ईश्वर को धन्यवाद दिया और अपने साथ वृद्धा को लेकर चले गए।
जालौन के थाना कुठौंद के गांव किरवा रामपुर की 70 वर्षीय मायादेवी शनिवार शाम पांच बजे करीब यमुना नदी में हाथ धो रही थीं। उसी समय उनका पैर फिसल गया और वह यमुना में गिर गईं। इससे उनके सिर पर चोट भी लगी, उनको तैराकी आती थी इसके चलते तैरकर संघर्ष करती रहीं।
अंधेरा हुआ और पूरी रात वह संघर्ष करती रहीं और खुद को सुरक्षित रखा। रविवार सुबह सात बजे करीब पिचौरा गांव के घाट के पास वहीं के गोताखोर हरिशंकर व गंभीर मछली मार रहे थे। उनको मायादेवी दिखीं तो यमुना में कूदकर उनको सुरक्षित निकाला और पुलिस बुला ली।
इसके बाद उनको राजपुर पीएचसी ले जाया गया जहां से मेडिकल कालेज भेजा गया। यहां से उनके स्वजन साथ लेकर चले गए। डाक्टर सलिल ने बताया कि 14 घंटे तक संघर्ष करने के कारण वह बुरी तरह से थक चुकीं थीं व सर्दी भी उनको काफी लग गई थी। स्वेटर पहनाने संग कंबल दिया गया।
बुजुर्ग अवस्था होने व तैराकी के दौरान हाथ चलाने से हड्डी भी बाएं हाथ की टूट गई, लेकिन संघर्ष काफी किया और अपने जीवन को सुरक्षित किया। राजपुर थाना प्रभारी सनत कुमार ने बताया कि स्वजन अपने साथ लेकर चले गए हैं। सभी आश्चर्य में हैं कि आखिर कैसे इतने समय तक खुद को सुरक्षित रखा।
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