मंत्री के खिलाफ भाजपा नेताओं ने खोला मोर्चा, पूर्व जिलाध्यक्षों ने लगाए वसूली के आरोप
कानपुर देहात में भाजपा नेताओं ने मंत्री प्रतिभा शुक्ला और उनके पूर्व सांसद पति अनिल शुक्ल पर वसूली और कार्यकर्ताओं को जाति के आधार पर बांटने का आरोप लगाया है। पूर्व जिलाध्यक्ष मनोज शुक्ला और राजेश तिवारी समेत कई नेताओं ने प्रेस वार्ता कर 22 आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि अनिल शुक्ला ब्राह्मणों के बड़े नेता बनने का प्रयास कर रहे हैं और खनन माफिया को संरक्षण दे रहे हैं।

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात। कानपुर देहात में भाजपा में अंर्तकलह शांत नहीं हो रही है। भाजपा नेताओं ने ही भाजपा सरकार की मंत्री और उनके पति पर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि मंत्री और उनके पति वसूली करते है। आरोप लगाया कि जाति के आधार पर कार्यकर्ताओं को बांटने में जुटे हैं।
महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला व उनके पूर्व सांसद पति अनिल शुक्ल वारसी के खिलाफ पूर्व जिलाध्यक्ष मनोज शुक्ला व राजेश तिवारी के साथ अन्य भाजपा नेताओं ने सोमवार को मोर्चा खोल दिया। उन्होंने प्रेसवार्ता कर दोनों पर 22 आरोप लगाए। प्रेसवार्ता में ज्यादातर ब्राह्मण नेता थे। उन्होंने दावा किया कि अनिल शुक्ला ब्राह्मणों का बड़ा नेता बनने का प्रयास कर रहे हैं और भाजपा कार्यकर्ताओं को जाति के आधार पर बांट रहे हैं। वह खनन माफिया को संरक्षण देते हैं और दबाव बनाकर चंदा वसूलते हैं।
बता दें कि प्रतिभा शुक्ला और उनके पति अनिल शुक्ल अकबरपुर के भाजपा सांसद देवेंद्र सिंह भोले पर पूर्व में कई आरोप लगा चुके हैं। 25 जुलाई को दोनों अकबरपुर कोतवाली में धरने पर छह घंटे बैठे रहे थे। तब भी भोले पर कई आरोप लगाए थे। भोले ने तो कोई जवाब नहीं दिया था, लेकिन जिन नेताओं ने प्रेसवार्ता की, उन्हें सांसद गुट का माना जाता है। प्रतिभा और अनिल ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कार्रवाई की बात कही है।
प्रेस वार्ता में पार्टी के वरिष्ठ नेता डा. सतीश शुक्ला ने कहा कि डिप्टी सीएम से जिस तरह से पूर्व सांसद ने फोन पर बात की व रिकार्डिंग प्रसारित कराई वह निंदनीय है। इस तरह की कार्यशैली भाजपा की नहीं रही। पूर्व जिलाध्यक्ष राजेश तिवारी ने कहा कि 2017 से पहले दोनों बसपा व सपा में रहे हैं। पूर्व में अनिल शुक्ल ने कई ब्राह्मण नेताओं को एससी-एसटी एक्ट में फंसाया, उनकी मुंहबोली बहन ने समाज को गाली दी।
मड़ौली कांड को लेकर भी सवाल उठाया कि मां बेटी की हत्या के मामले में दंपती ने कहा था कि महिलाएं धमकाने के लिए ऐसा कर लेतीं हैं। भाजपा सांसद को वह सांसद नहीं मानते और चुनाव में विरोध किया था, उनके खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं। चेयरमैन अकबरपुर के खिलाफ भी गलत भाषा बोलते हैं।
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