कानपुर में खाद की कमी, विभाग का आश्वासन- परेशान न हों किसान, अभी 6995 मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध
कानपुर देहात में गेहूं की बुआई के समय किसान खाद और बीज के लिए संघर्ष कर रहे हैं। समितियों में डीएपी की कमी से किसानों को परेशानी हो रही है, लेकिन कृषि विभाग का कहना है कि अभी भी पर्याप्त डीएपी उपलब्ध है। किसान रबी फसलों की बुआई में लगे हैं, लेकिन समय पर खाद न मिलने से चिंतित हैं। कृषि विभाग ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस साल अधिक यूरिया वितरित किया गया है।

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात। गेहूं बोआई का महत्वपूर्ण समय होने के कारण किसान खाद और बीज के लिए संघर्ष कर रहे हैं। समितियों में पर्याप्त मात्रा में डीएपी उपलब्ध नहीं होने के कारण किसानों भारी भीड़ उमड़ रही।
लंबे संघर्ष के बाद कुछ ही किसानों को डीएपी मिल पा रही जबकि कुछ लोग इधर उधर समितियों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। कुछ हार थककर निजी दुकानों से महंगे दाम पर खरीदकर काम चला रहे हैं। वहीं कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि किसान परेशान न हों अभी भी 6995 मीट्रिक टन डीएपी खाद उपलब्ध है।
रबी फसल के तहत वर्तमान में लाही, चना के अलावा खास तौर पर किसान पलेवा से बचने के लिए बारिश की नमी में ही गेहूं की बुआई पर अधिक जोर दे रहे हैं। बारिश को हुए कई दिन गुजरने के कारण धूप निकलने से खेतों की नमी तेजी से खत्म होती चली जा रही है तो दूसरी तरफ किसानों को समय पर सुविधाजनक तरीके से डीएपी और यूरिया नहीं मिलने से बेचैनी है।
जिले में कुल 99 साधन सहकारी समितियां हैं जिनमें 78 संचालित हैं इसके अलावा 500 से अधिक निजी दुकानों को भी लाइसेंस दिया गया है। सभी समितियों में एक साथ और पर्याप्त मात्रा में डीएपी की उपलब्धता नहीं होने से जहां उपलब्ध होती है किसानों की भीड़ इकट्ठी हो जाती है जिससे वितरण में चुनौती के साथ ही सभी किसानों को डीएपी नहीं मिल पा रही और बोआई पिछड़ रही है।
जिला कृषि अधिकारी डा. उमेश कुमार गुप्ता ने बताया कि जिले में पिछले वर्ष की अपेक्षा अप्रैल से अब तक करीब 22 प्रतिशत से अधिक यूरिया का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि अभी भी सहकारी समितियों में 2756 व निजी में 4239 को मिलाकर कुल 6995 मीट्रिक टन डीएपी की उपलब्धता है।
इसी प्रकार सहकारी समितियों में 5618, निजी में 10531 को मिलाकर 16149 मीट्रिक टन यूरिया व 7032 मीट्रिक टन एनपीके उपलब्ध है।

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