Pitru Paksha 2025: हरिपदी गंगा में स्नान कर पितरों को अर्पित किया जल, कासगंज के घाटों पर उमड़े श्रद्धालु
श्राद्ध पूर्णिमा से पितृपक्ष शुरू हो गया है। कासगंज के गंगा घाटों पर भक्त पितरों को जल अर्पित करने के लिए उमड़ पड़े। हरिपदी गंगा में स्नान कर विधिपूर्वक तर्पण किया गया। यह क्रम 16 दिनों तक चलेगा जिसमें तीर्थ पुरोहितों को दान दिया जाएगा। चंद्रग्रहण के कारण मंदिरों के कपाट बंद रहे जो ग्रहण के बाद खुलेंगे और पूजा पाठ शुरू होगा।

जागरण संवाददाता, कासगंज। रविवार को श्राद्ध पूर्णिमा के साथ पितृपक्ष प्रारंभ हो गए हैं। गंगा घाटों पर सुबह से ही पितरों को जलदान करने के लिए श्रद्धालु भक्तों की भीड़ जुट गई। हरिपदी गंगा में स्नान करने के बाद श्रद्धालु भक्तों ने अपने पितरों को विधिविधान पूर्वक जलदान किया। यह क्रम लगातार पितृ पक्ष के दौरान 16 दिन तक जारी रहेगा। संतों, तीर्थ पुरोहितों, ब्राह्मण और ज्योतिषाचार्य को भोज आदि कराकर दान दक्षिणा भी दी जाएगी।
पितृ पक्ष के पहले दिन रविवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगाघाटों पर पहुंचे। तीर्थ नगरी स्थित हरिपदी गंगाघाट, लहरा घाट, कादरगंज घाट और कछला गंगाघाट पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ रही। हरिपदी गंगाघाट पर श्रद्धालुओं ने सबसे पहले गंगा स्नान किया। मंत्रोच्चारण के साथ पितरों को जलदान किया।
पितृपक्ष के पहले दिन हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी
हाथों में कुश (घास) लेकर अपने पितराें का ध्यान कर उन्हें जल पिलाया। जौ, काले तिल, सफेद कपड़ा, चावल आदि से तर्पण किया। सुबह भाेर के साथ ही हरिपदी गंगाघाट पर श्रद्धालु पहुंचन लगे। दूर दराज क्षेत्रों से आने का क्रम बना रहा। दोपहर दो बज तक गंगाघाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ दिखाई दी। घाटों पर राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के श्रद्धालुओं ने पहुंचकर तीर्थ पुरोहितों से तर्पण सहित अन्य धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराए।
16 दिन जारी रहेंगे पितृ पक्ष
श्रद्धालुओं ने पितरों के जलदान और तर्पण के बाद तीर्थ पुराेहितों, ब्राह्मणों, साधु और संतों को भोज कराए, काग (कौआ)भी जिमाए। तीर्थ पुरोहित एवं ज्योतिषाचार्य डॉक्टर गौरव दीक्षित ने बताया कि पितृ पक्ष 16 दिनों तक जारी रहेंगे। प्रतिदिन गंगाघाट पर श्रद्धालु अपने पितरों को जलदान और तर्पण करने पहुुंचेंगे। धर्म ग्रंथों के मुताबिक इन 16 दिनों में कोई शुभ कार्य नहीं किया जाएगा। छौर कर्म भी नहीं हाेंगे। इन दिनों काग भोग, गोभोज की भी मान्यता है।
चंद्रग्रहण काे लेकर 12 बजे से शुरू हुए सूतक
पितृ पक्ष का शुभारंभ होते ही चंद्रग्रहण भी लगेगा। रात नौ बजकर 58 मिनट से एक बजकर 26 मिनट तक चंद्रग्रहण की अवधि निर्धारित हैं। इसके चलते दोपहर 12 बजे से सूतक लग गए हैं। मंदिरों, देवस्थानों के कपाट बंद हो गए। श्रद्धालु भक्तों ने दोपहर 12 बजे से पहले ही पूजा पाठ एवं अन्य धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कर लिए। सूतक रात एक बजकर 26 मिनट तक जारी रहेंगे। चंद्र ग्रहण पूरी होने के साथ ही सूतक स्वयं समाप्त हो जाएंगे।
नगर के प्रमुख चामुंडा देवी मंदिर, शीतला माता मंदिर, पारनामठ, भूतेश्वर मंदिर, शेरनाथ मंदिर, किला शंकर गढ़ मंदिर, बाराद्वारी स्थित हनुमान मंदिर, सोराें गेट स्थित हनुमान मंदिर सहित शहर के सभी मंदिरों के कपाट बंद रहे। इसी क्रम में तीर्थ नगरी के द्वारिकाधीश मंदिर, भगवान वराह मंदिर, सोमेश्वर मंदिर, नवदुर्गा मंदिर, काल भैरव मंदिर सहित अन्य मंदिराें के कपाट बंद रहे। शाम के समय संध्या आरती भी मंदिरों में नहीं हुई। सोमवार की सुबह से ही पूजा पाठ का क्रम शुरू होगा।
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