कौशांबी के चर्चित लोहंदा कांड में चार्जशीट दाखिल, प्रतापगढ़ की SIT की कार्रवाई, क्या था पूरा मामला?
कौशांबी के लोहंदा कांड में एसआइटी ने चार्जशीट दाखिल कर दी है, जिसमें प्रधान भूप नारायण पाल समेत पांच आरोपी हैं। यह मामला एक बालिका से दुष्कर्म के झूठे आरोप से शुरू हुआ था, जिसके बाद आरोपी के पिता रामबाबू तिवारी ने आत्महत्या कर ली थी। जांच में दुष्कर्म का आरोप झूठा पाया गया। अदालत ने फरार आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है।

कौशांबी में सैनी के लोहंदा कांड का एसआइटी ने खोला राज, चार्जशीट दाखिल, मुख्य आरोपी फरार है।
जागरण संवाददाता, कौशांबी। बालिका के साथ कथित तौर पर हुए दुष्कर्म मामले में बेगुनाह को जेल भेजे जाने व उसे निर्दोष साबित कर पाने में विफल रहे आरोपित के पिता रामबाबू तिवारी के जान देने के लिए मजबूर होने वाले चर्चित लोहंदा कांड से लगातार झूठ से पर्दा उठ रहा है। पहले दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली बालिका बयान से मुकरी अब रामबाबू तिवारी के जान देने के लिए मजबूर किए जाने के प्रकरण की जांच कर रही प्रतापगढ़ की एसआइटी ने सच्चाई का राजफाश किया।
एसआइटी की जांच पूरी, पांच को बनाया आरोपित
एसआइटी ने अपनी जांच पूरी कर कोर्ट में घटनाक्रम की साजिश रचने वाले प्रधान भूप नारायण पाल सहित पांच लोगों को आरोपित करार देते हुए चार्जशीट अदालत में दाखिल कर दिया है। अदालत ने मामले में फरार प्रधान सहित तीन आरोपितों के खिलाफ गैर जनामती वारंट जारी कर फरारी की उद्घोषणा की है। मामले की अगली तारीख 11 नवंबर नियत की गई है।
सैनी के लोहंदा गांव की क्या थी घटना?
सैनी क्षेत्र के लोहंदा गांव की यह घटना काफी दिल दहला-देने वाली रही। घटनाक्रम की शुरुआत एक बालिका के साथ दुष्कर्म की फर्जी घटना से हुई थी। इसमें बालिका के पिता ने 28 मई 2025 को सैनी पुलिस को दी तहरीर में आरोप लगाया था कि उसकी आठ वर्षीय बेटी गांव में एक व्यक्ति के यहां हो रहे रामायण पाठ में शामिल होने गई थी।
बालिका से किया गया था दुष्कर्म
इस दौरान वहां रहे सिद्धार्थ तिवारी ने बालिका को सुनसान स्थान पर ले जाकर दुष्कर्म किया। पुलिस ने बिना किसी जांच के घटना की रिपोर्ट दर्ज कर की व आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जेल में बंद सिद्धार्थ को उसके बेबस पिता दिवंगत रामबाबू तिवारी निर्दोष बताते रहे लेकिन किसी ने उनकी एक नहीं सुनी। बेटे व समाज से वह नजरें तक नहीं मिला पा रहे थे।
आरोपित के पिता ने जहर खाकर दी थी जान
रामबाबू तिवारी यही कहते रह गए गए कि ग्राम प्रधान भूप नारायण पाल से उनका भूमि विवाद व चुनावी रंजिश है। प्रधान की साजिश से उनके निरअपराध बेटे को जेल भिजवाया गया लेकिन कोई अफसर कुछ सुनने को तैयार नहीं था। इससे आजिज आकर रामबाबू तिवारी ने चार जून 2025 को सैनी कोतवाली के बाहर जहर खाकर जान दे दी थी।
शरीर पर लिखा था सुसाइड नोट
मौत से पहले उन्होंने अपने शरीर पर स्केच से सुसाइड नोट भी लिखा था, जिसमें प्रधान की साजिश से बेटे को फर्जी मुकदमें में जेल भेजे जाने का जिक्र था। इस मामले में दिवंगत रामबाबू तिवारी बड़े बेटे अक्षय तिवारी की तहरीर पर पुलिस ने प्रधान भूप नारायण पाल, उसके भाई विपन पाल, पिता जगत नारायण पाल, धर्मेंद्र पाल व पीड़िता के पिता के खिलाफ हत्या का मुकदमा पंजीकृत किया।
आक्रोशित लोगों ने हाईवे जाम किया था
पांच जून को पोस्टमार्टम के बाद शव अंतिम संस्कार के लिए ले जा रहे स्वजन व ग्रामीणों ने हाईवे जाम कर हंगामा किया। इस पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर बितर किया। इस मामले में चौकी प्रभारी की तहरीर पर 15 नामजद सहित अज्ञात लोगों के खिलाफ हाईवे जाम सहित कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया। गंवई सियासत से शुरु हुए चर्चित कांड से प्रदेश की सियासत में भूचाल आ गया।
जांच में दुष्कर्म का मामला झूठा निकला
मामले में एसपी राजेश कुमार ने एसआइटी का गठन किया तो दुष्कर्म का मामला झूूठा निकला। खुद पीड़िता ने कोर्ट में बयान देकर कहा कि उसे मां ने ऐसा कहने को बोला था। बताया कि वह दोस्तों के साथ रामायण पाठ आयोजन स्थल पर पत्थर फेंक कर कैथा तोड़ रही थी तभी एक पत्थर सिद्धार्थ के घर के टीनशेड पर गिरा। इससे नाराज सिद्धार्थ ने उसे दो थप्पड़ जड़े थे।
कोर्ट ने आरोपित सिद्धार्थ को जमानत दे दी
कोर्ट में बयान होने के बाद मुकदमे से दुष्कर्म की धारा विलोपित की गई, जिससे सिद्धार्थ को अदालत ने जमानत दे दी। इसके बाद पूरे मामले की जांच एडीजी के आदेश पर तीनों मुकदमों की जांच एसआइटी प्रतापगढ़ को सौंपा गया।
जांच अधिकारी ने कोर्ट में दाखिल की चार्जशीट
जांच अधिकारी ने करीब एक महीने पहले हत्या को धारा को हत्या के लिए विवश करने की धारा में तब्दील कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। मुकदमे की पैरवी कर रहे अधिवक्ता उपेंद्र नाथ शुक्ला बताते हैं कि पुलिस ने आरोप प्रधान भूपनारायण पाल के भाई व पीड़िता के पिता को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। प्रधान, उसके पिता जगत नारायण पाल व धर्मेंद्र पाल अदालत से गिरफ्तारी पर रोक लगाने का आदेश लिए थे।
11 नवंबर को नियत की गई है तारीख
चार्जशीट दाखिल होने के बाद सीजेएम कोर्ट से पहले वारंट फिर गैर जमानत वारंट जारी कर 11 नवंबर की तारीख नियत की गई है। अब 30 अक्टूबर को कोर्ट ने फरार चल रहे प्रधान भूपनारायण पाल, जगत नारायण पाल व धर्मेंद्र पाल के फरारी की उद्घोषणा जारी की है।

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