World Heart Day 2023: दिल की सेहत के लिए धूम्रपान और अल्कोहल से दूरी जरूरी, हृदय रोग का बढ़ा खतरा
हृदय शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। गर्भ में भ्रूण स्थापित होने के चार सप्ताह बाद हृदय काम करना शुरू कर देता है और पूरे जीवन काल तक बिना रुके धड़कता है। मानव हृदय एक दिन में करीब एक लाख बार धड़कता है। औसतन एक वयस्क व्यक्ति की मुट्ठी के बराबर 298 ग्राम वजन वाला यह मानव अंग हर दिन लगभग 2000 गैलन रक्त पंप करता है।
जागरण संवाददाता, महेवाघाट (कौशांबी)। हृदय शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। गर्भ में भ्रूण स्थापित होने के चार सप्ताह बाद हृदय काम करना शुरू कर देता है और पूरे जीवन काल तक बिना रुके धड़कता है। मानव हृदय एक दिन में करीब एक लाख बार धड़कता है। औसतन एक वयस्क व्यक्ति की मुट्ठी के बराबर और लगभग 298 ग्राम वजन वाला यह मानव अंग हर दिन लगभग 2000 गैलन रक्त पंप करता है। हृदय का प्रमुख काम है धमनियों के माध्यम से ऑक्सीजन और पोषक तत्वों से भरपूर रक्त को ऊतकों और शरीर के अन्य हिस्सों तक पहुंचाना।
हृदय को शरीर की सबसे कठिन काम करने वाली मांसपेशी माना जाता है। हमारे लिए 24 घंटे काम करने वाले हृदय की सेहत को हमारी खराब खाने पीने की आदतें और अस्वस्थ जीवन शैली खतरा पैदा कर रही हैं। हृदय रोग विशेषज्ञ (कार्डियोलॉजिस्ट) डॉक्टर दीपक सेठ के मुताबिक, देश में करीब 23 फीसदी लोगों की मौत हार्ट अटैक से हो जाती है। खराब आदतों में सुधार करके और स्वस्थ जीवन शैली अपना कर हृदय को सेहतमंद रखा जा सकता है।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के पद से सेवानिवृत हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ दीपक सेठ ने विश्व हृदय दिवस के अवसर पर हृदय रोगों के कारण और बचाव के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हृदय की सेहत को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी है। एम्स और आईसीएम आर द्वारा कराए गए शोध के अनुसार, 30 वर्ष से कम उम्र के लोगों में हृदय रोगों का खतरा सबसे तेजी से बढ़ रहा है। बीते 30 वर्षों में हृदय रोगों में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
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हृदय रोग के प्रकार
हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर, एंजाइना, कोरोनरी धमनी की बीमारी, अनियमित दिल की धड़कन, हार्ट वाल्व डिजीज, दिल में छेद, रूमेटिक हार्ट डिजीज, आदि हृदय रोग तेजी से बढ़ रहे हैं। जानकारी के अभाव में लोग काफी दिनों तक कार्डियोलॉजिस्ट के पास नहीं पहुंच पाते हैं।
हृदय रोग के लक्षण
हृदय के सभी रोगों में कुछ सामान लक्षण दिखाई देते हैं। छाती में दबाव या भारीपन, थकान और कमजोरी, सांस फूलना, शरीर के ऊपरी हिस्से जैसे हाथों जबड़े गार्डन आदि में बार-बार दर्द होना, चक्कर और पसीना आना, मिताली और धड़कन में तेजी से वृद्धि के लक्षण हृदय रोग होने पर सभी या एक से अधिक समान लक्षण दिखाई देते हैं।
हृदय रोग के कारण
हृदय रोग के कारण उसके प्रकार पर निर्भर करते हैं। लेकिन बीड़ी, सिगरेट और अन्य तरह का धूम्रपान, अल्कोहल का सेवन, तनाव,अधिक वजन होना, अधिक वसा युक्त आहार का सेवन, अस्वस्थ जीवन शैली, व्यायाम न करना आदि ऐसे कारण हैं जिनका दुष्प्रभाव सभी तरह के हृदय रोगों के लिए जिम्मेदार होता है।
हृदय रोगों से बचाव के उपाय
जन्मजात होने वाले कुछ हृदय रोग वंशानुगत करण से होते हैं। लेकिन कुछ हृदय रोगों में गर्भवती महिलाएं अपने खान-पान और जीवन शैली में सुधार करके बचाव कर सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान शराब और सिगरेट के सेवन से भ्रूण को हृदय रोग के अलावा दूसरी गंभीर बीमारियों का भी खतरा पैदा हो जाता है। हालांकि हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर, एंजाइना आदि हृदय रोगों को जीवन शैली में सकारात्मक परिवर्तन करके रोका जा सकता है। धूम्रपान, अल्कोहल और तनाव हृदय के सबसे बड़े दुश्मन साबित हो रहे हैं। इनसे दूरी बनाकर दिल की बीमारियों का खतरा काफी हद तक काम किया जा सकता है। इतना ही नहीं, बीमारी होने के बाद उसे ठीक भी किया जा सकता है।
इसके साथ ही जिन लोगों को उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हाई कोलेस्ट्रॉल की स्थितियां है, उन्हें अधिक सावधानी की जरूरत है। इन बीमारियों को नियंत्रित नहीं रखने पर हृदय रोगों के होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। खानपान के मामले में संतृप्त वसा युक्त (सैचुरेटेड फैट) खाद्य पदार्थ धमनियों के भीतर कोलेस्ट्रॉल की गांठे पैदा करने के लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार होते हैं। इसलिए, फास्ट फूड और घर से बाहर दुकानों पर मिलने वाले समोसा पकौड़ी आदि खाद्य पदार्थ से परहेज करना चाहिए। पाम तेल और रिफाइंड दिल के बहुत बड़े दुश्मन साबित हो रहे हैं। इनसे परहेज करें। प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट का व्यायाम प्राणायाम मेडिटेशन और कम से कम 2 लीटर पानी का सेवन हृदय को स्वस्थ रखने के लिए जरूर करना चाहिए।
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तनाव दिल और दिमाग दोनों का दुश्मन
भागम भाग और आपाधापी वाली जीवन शैली में लगभग हर किसी को तनाव का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना संक्रमण काल के बाद से आर्थिक और सामाजिक दशाओं में भारी बदलाव पैदा हो चुका है। मौजूदा समय में युवा पीढ़ी तनाव की शिकार है। इसलिए, 30 से कम उम्र में हृदय रोग के मामले बड़ी तादात में सामने आ रहे हैं। तनाव से बचाव बचाव के लिए प्राकृतिक तरीकों की मदद ली जा सकती है। हृदय रोगों से बचने के लिए तनाव प्रबंधन बहुत आवश्यक है।