चीनी से बनी स्वदेशी मिठाई की बढ़ी मांग, भा रही लखनऊ की रेवड़ी
लखनऊ में स्वदेशी मिठाईयों की मांग तेजी से बढ़ रही है। लोग मिलावटी मिठाईयों से बचने के लिए स्वदेशी मिठाईयों को पसंद कर रहे हैं, जिन्हें पूजा-पाठ में भी चढ़ाया जाता है। दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ उमड़ रही है और हाथी, घोड़ा, गट्टा जैसी मिठाईयां खूब बिक रही हैं। व्यापारी प्रतिदिन लगभग 20 किग्रा मिठाई बेच रहे हैं।

पूजा-पाठ में हाथी, घोड़ा, गट्टा, भुजा-लावा का चढ़ाया जाता है प्रसाद
जागरण संवाददाता, कसया। धनतेरस व दीपावली के पर्व पर लोग मिलावटी मिठाई से दूरी बना रहे हैं। चीनी से निर्मित स्वदेशी खिलौना मिठाई की मांग बढ़ी है। शनिवार को धनतेरस के दिन बाजार में लोगों ने स्वदेशी चीनी के हाथी, घोड़े, बत्तख, गुड़िया आदि आकार के लाल, सफेद, पीले आदि खाद्य रंग से निर्मित मिठाइयां व भुजा लावा की दुकानों पर खूब खरीदारी की।
मान्यता के अनुसार दीपावली में इन्हीं मिठाइयों से मां लक्ष्मी व गणेश को भाग लगाया जाता है। लखनऊ के रेवड़ी की भी खूब बिक्री हो रही है। नगर के गांधी चौक के आसपास फुटपाथ पर दुकानें सजी हैं। त्योहार में चीनी के खिलौने के मिठास सदियों से बरकरार है।
इस बार स्वदेशी मिठाई और खिलौने अधिक बिक रहे हैं। बच्चों और ग्राहकों के मांग के अनुसार पर्याप्त मात्रा में हाथी, घोड़े, रेवड़ी, पेठा, लावा, भुजा आदि मिठाईयां मंगाई गई हैं। बच्चे इन्हें खूब पसंद कर रहे हैं। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष इनकी बिक्री बढ़ी है।
-उपेंद्र मद्धेशिया, दुकानदार
स्वदेशी मिठाईयों को पूजा-पाठ में भी चढ़ाया जाता है। लोग मिलावटी मिठाईयों को छोड़ कर स्वदेशी खरीदना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। हर दिन ग्राहकों की भीड़ उमड़ रही है और खूब बिक्री हो रही है। एक कुंतल हाथी, घोड़ा, गट्टा आदि स्वदेशी मिठाई मंगाया हूं। प्रतिदिन 20 किग्रा बिक रहा है।
-राहुल जायसवाल, दुकानदार
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