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    खराब मौसम और कोहरे ने रोकी ट्रेनों की रफ्तार, गोरखपुर-छपरा रूट पर 29 फरवरी तक नहीं चलेंगी दो जोड़ी पैसेंजर ट्रेनें

    By Jagran NewsEdited By: Pragati Chand
    Updated: Sun, 03 Dec 2023 04:01 PM (IST)

    सर्दी के मौसम का असर अब ट्रेनों की रफ्तार पर होने लगा है। गोरखपुर-छपरा रूट पर गाड़ियों की कम संख्या के कारण परेशान यात्रियों की मुसीबत और बढ़ने वाली है। अब मौसम की खराबी के चलते रेल प्रशासन की ओर से दो जोड़ी सवारी गाड़ियों को निरस्त किए जाने के निर्णय ने इस रूट के यात्रियों को चिंतित कर दिया है।

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    खराब मौसम और कोहरे ने रोकी ट्रेनों की रफ्तार। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता, पडरौना। खराब मौसम व कोहरा को देखते हुए पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने गोरखपुर-छपरा रूट पर चलने वाली दो जोड़ी सवारी गाड़ियों के संचलन को तीन दिसंबर से 29 फरवरी तक के लिए निरस्त कर दिया है। अब इस रूट पर 05156 गोरखपुर-छपरा, 05155 छपरा-गोरखपुर और 05190 कप्तानगंज-थावे, 05189 थावे-कप्तानगंज सवारी गाड़ी का संचलन नहीं होगा। यह जानकारी होने के बाद से इस रूट के यात्रियों में मायूसी है। उनका कहना है कि तीन माह तक ठंड के मौसम में बसों से यात्रा करना कष्टदायी होगा।

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    गोरखपुर-छपरा रूट पर गाड़ियों की कम संख्या के कारण परेशान यात्रियों की मुसीबत और बढ़ने वाली है। ठंड के मौसम में ट्रेन से की जाने वाली यात्रा को हर तरह से सुरक्षित माना जाता है। रेल प्रशासन की ओर से दो जोड़ी सवारी गाड़ियों को निरस्त किए जाने के निर्णय ने इस रूट के यात्रियों को चिंतित कर दिया है। व्यवसायी वर्ग भी परेशान है, उनका कहना है कि सवारी गाड़ियों के बंद होने के बाद बसों से गोरखपुर तक की यात्रा परेशानी भरी होगी।

    क्षेत्र के रोगियों को मेडिकल कालेज गोरखपुर जाने-आने के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। महंत अवेद्यनाथ नगर के रहने वाले व्यवसायी वीरन गुप्ता ने बताया कि कुशीनगर जनपद के उत्तरी-पश्चिमी हिस्से में अभी भी पर्याप्त संख्या में रोडवेज की बसें नहीं चलती हैं। ठंड के मौसम में सवारी गाड़ियों का संचलन न होने से हर वर्ग के लोगों को परेशानी झेलनी पड़ेगी।

    सेमराहर्दो के रहने वाले अधिवक्ता घनश्याम सिंह ने बताया कि ट्रेन से यात्रा को सुरक्षित माना जाता है, किराया कम लगता है और लगेज ले जाना आसान रहता है। बसों से लंबी दूरी तक की यात्रा कष्टदायक और थकाऊ साबित होती है। ट्रेन नहीं चलेगी तो परेशानी होगी।

    व्यवसायी मनीष शुक्ल ने बताया कि पडरौना का व्यवसायी वर्ग गोरखपुर से सामान की खरीदारी करता है। ट्रेन से सामान लाना काफी सुविधाजनक रहता है। बसों से छोटा लगेज ही लाया जा सकता है। तीन माह तक ट्रेनों को निरस्त नहीं करनी चाहिए। अधिवक्ता खान जफरुल्लाह ने कहा कि कुशीनगर जनपद के उत्तरी क्षेत्र के रोगी ट्रेन से ही मेडिकल कालेज गोरखपुर उपचार कराने जाते-आते हैं। विश्वविद्यालय के विद्यार्थी भी ट्रेन से आवागमन करते हैं। रेलवे के इस निर्णय से सभी परेशान होंगे।