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    Lakhimpur Tiger Attack: लखीमपुर में बाघ ने क‍िसान को बनाया निवाला, आक्रोश‍ित ग्रामीणों ने लगाया जाम

    By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj Mishra
    Updated: Fri, 09 Jun 2023 02:14 PM (IST)

    Lakhimpur Tiger Attack लखीमपुर के मझरा पूरब में एक क‍िसान को बाघ ने अपना न‍िवाला बना ल‍िया। घटना की जानकारी ग्रामीणों के लगते ही पूरे इलाके में दहशत फैल गई। गुस्‍साए ग्रामीणों ने गजियापुर में शव रखकर जाम लगाया और वन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।

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    Lakhimpur Tiger Attack: घटना से आक्रोश‍ित ग्रामीणों ने सड़क पर शव रखकर लगाया जाम

    ढखेरवा (लखीमपुर), संवादसूत्र। Lakhimpur Tiger Attack मझरा पूरब में अपने ही गन्ने के खेत में पशुओं के लिए चारा काटने गए ग्रामीण पर बाघ ने हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया है। घटना के बाद जहां परिवार में कोहराम मच गया तो वहीं तराई क्षेत्र के ग्रामीणों में दहशत फैल गई है। शिकार की इस घटना से नाराज ग्रामीणों ने वन विभाग के खिलाफ नारेबाजी की और शव सड़क बीच में रखकर जाम लगा दिया।

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    इसकी जानकारी होने पर एसडीएम राजेश कुमार, सीओ निघासन सहित काफी संख्या में पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई। बफर जोन के उपनिदेशक सुंदरेश भी मजरा पूरा पहुंचे और ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत कराने की कोशिश की। फिलहाल अभी तक ग्रामीणों का जाम लगा हुआ है। बताया जाता है कि मझरा पूरब के गांव औंधइया निवासी शिव कुमार चौहान (45) गुरुवार दोपहर बाद गांव के समीप अपने गन्ने के खेत में पशुओं के लिए चारा काटने गया था।

    गन्ने के खेत में भाग आराम से बैठा था। अचानक बाघ ने उस पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया। देर शाम तक जब शिवकुमार वापस घर नहीं लौटा तब परिवारजन ने उसकी तलाश शुरू किया। शुक्रवार सुबह शिव कुमार का अधखाया शव बरामद किया गया। सो मिलने की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई मौके पर सैकड़ों ग्रामीण पहुंच गए।

    ग्रामीणों ने जब सब को देखा तो वह आक्रोशित हो गए और वन विभाग के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। गजियापुर चौराहे पर चक्का जाम करने की सूचना पर प्रशासन पुलिस और वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे हुए हैं और ग्रामीणों को शांत कराने की कोशिश कर रहे हैं। उपनिदेशक का कहना है कि तात्कालिक सहायता के रूप में 10 हजार तथा आर्थिक सहायता के रूप में मृतक के परिवार जन को पांच लाख की मदद दी जाएगी।

    पखवाड़े भर में हिंसक वन्यजीवों के द्वारा आधा दर्जन ग्रामीणों पर हमले की घटनाओं में दो लोगों की मौत हो चुकी है। आए दिन हिंसक वन्यजीवों द्वारा इंसानों पर हो रही हमले की घटनाओं से तराई इलाके के ग्रामीणों में दहशत के साथ-साथ वन विभाग के प्रति काफी रोष व्याप्त है।