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    लखीमपुर में प्राइवेट कर्मचारियों के कब्जे में सरकारी अस्पताल, कभी ऑक्सीजन तो कभी दवाई के नाम पर धनउगाही

    Private employees ares dominating in Government Hospitals प्राइवेट कर्मचारियों ने उनसे ऑक्सीजन प्लांट चालू करने को लेकर डीजल के नाम पर पैसे मांगे। और उनकी माता जी को बिना देखे ही किडनी खराब होने की बात कह कर जिला अस्पताल रेफर कर दिया। धनउगाही का यह कोई नया मामला नहीं है।

    By rakesh mishra Edited By: Dharmendra Pandey Updated: Fri, 13 Jun 2025 03:43 PM (IST)
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    चिकित्सक कक्ष में बैठा हुआ प्राइवेट कर्मचारी

    संवादसूत्र ,जागरण लखीमपुर : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, गोला गोकर्णनाथ में मरीजों से धन उगाही रुकने का नाम नहीं ले रही है। यहां चिकित्सकों की मनमर्जी से तैनात प्राइवेट कर्मचारी कभी मरीजों से इलाज के नाम पर तो कभी ऑक्सीजन प्लांट चालू करने के लिए डीजल के नाम पर धन उगाही करते हुए नजर आते हैं। शुक्रवार को ऐसा ही एक मामला

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    तीर्थ वार्ड संख्या 10 निवासी रामप्रकाश मिश्रा से ऑक्सीजन प्लांट चालू करने को लेकर डीजल के नाम पर पैसे मांगते हुए नजर आ रहा है। जिसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर तेजी से प्रसारित हुआ। वीडियो में राम प्रकाश मिश्रा प्राइवेट कर्मचारी की ओर इशारा करते हुए धन उगाही की बात कर रहे हैं। दरअसल राम प्रकाश मिश्रा की वृद्ध माता की की तबीयत गुरुवार की रात अचानक खराब हो गई। जिसको लेकर उन्होंने सुबह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उन्हें भर्ती कराया।

    रामप्रकाश ने बताया कि उनकी मां को सांस लेने की दिक्कत थी, जिसको लेकर उन्होंने ऑक्सीजन लगाने की गुहार की। तब प्राइवेट कर्मचारियों ने उनसे ऑक्सीजन प्लांट चालू करने को लेकर डीजल के नाम पर पैसे मांगे। और उनकी माता जी को बिना देखे ही किडनी खराब होने की बात कह कर जिला अस्पताल रेफर कर दिया। धनउगाही का यह कोई नया मामला नहीं है। सूत्रों की माने तो यहां हर जहर खाए आने वाले मरीज से दवाई के नाम पर हजारों रुपये प्राइवेट कर्मचारियों के द्वारा वसूल कर बंदर वाट किया जाता है।

    अप्रशिक्षित प्राइवेट कर्मियों के भरोसे चल रहा इमरजेंसी वार्ड

    यहां गोला का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का इमरजेंसी वार्ड अप्रशिक्षित प्राइवेट कर्मियों के भरोसे चल रहा है। दिन या रात में जब कोई मरीज और उसका तीमारदार आपात स्थिति में दवाई लेने के लिए पहुंचता है, तो उसे घंटो चिकित्सक के इमरजेंसी वार्ड में मौजूद न होने के कारण इंतजार करना पड़ता है। जिसको लेकर आए दिन विवाद भी होते रहते हैं। अभी हाल में ही दवा लेने रात को मरीज के साथ आए तीमारदार और इमरजेंसी वार्ड में तैनात प्राइवेट लड़के के बीच अवैध वसूली को लेकर झड़प भी हो गई थी। मजे की बात यह है कि अस्पताल में तैनात इन

    प्राइवेट लड़कों को अस्पताल प्रशासन के द्वारा कोई वेतन अथवा मानदेय नहीं दिया जाता है। यह अवैध रूप से काम कर रहे लड़के मरीज और तीमारदार से मिलने वाले अवैध वसूली पर ही आश्रित है।

    मामला संज्ञान में आया है, अस्पताल में चिकित्सक की सीट व अन्य स्थानों पर प्राइवेट कर्मचारी नहीं बैठ सकते हैं। जांच की जाएगी।

    डा. गणेश कुमार, अधीक्षक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोला

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    अगर किसी कर्मचारी ने मरीज के तीमारदार से धन उगाही की बात की है ,तो कार्रवाई की जाएगी। मरीज को घटना के समय ही फोन कर सूचना देनी चाहिए।

    सीएमओ, लखीमपुर खीरी।