Lakhimpur: गन्ने की पत्ती तोड़ने गए युवक पर बाघ ने किया हमला, इलाज के दौरान मौत
लखीमपुर में घर से गन्ने की पत्ती तोड़ने गए युवक पर बाघ ने हमला बोल दिया। हादसे में बुरी तरह घायल युवक की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए वन विभाग की टीमें कांबिंग के लिए लगाई गई हैं

लखीमपुर, संवाद सूत्र। मिर्जापुर ग्रंट के ग्राम बाकरगंज में पशुओं के चारे के लिए गन्ने की पत्ती तोड़ने गए युवक को गन्ने में छुपे बाघ ने हमलाकर लहूलुहान कर दिया। हमले में वह बुरी तरह घायल हो गया। इलाज के दौरान अस्पताल में युवक की मौत हो गई। इस घटना से परिवार में कोहराम मच गया। महेशपुर वन रेंज इलाके में बाघ हमलों से मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन बाघ हमले की घटनाएं हो रही हैं।
महेशपुर रेंज की आंवला बीट के ग्राम बाकरगंज निवासी वीरपाल (40) पुत्र रामविलास सुबह करीब नौ बजे पशुओं का चारा बनाने के लिए गन्ने की पत्ती तोड़ने गया था। जहां बाघ ने पीछे से उस पर हमला कर घायल कर दिया। चिल्लाने पर अन्य ग्रामीणों के हल्ला मचाने से बाघ उसे छोड़कर गन्ने में चला गया। तब कहीं उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। अधिक खून निकलने के कारण उसे बचाया नहीं जा सका। घटना की जानकारी पर इलाके में भगदड़ मच गई थी।
बाघ हमलों में अब तक नौ लोगों की मौत हो चुकी हैं। वहीं डेढ़ दर्जन लोग हमले में घायल हो चुके हैं। बाघों की मौजूदगी को लेकर इलाके की संवेदनशीलता दिनों दिनों बढ़ती चली जा रही है। दो साल पहले 21 बाघ व तेंदुआ ट्रैप कैमरे में रिकॉर्ड किए गए थे।जिनकी संख्या बढ़ी भी होगी। विपरीत परिस्थितियों के अनुरूप वन विभाग कोई समाधान नहीं निकाल पा रहा है। वन विभाग में ऊंचे स्तर पर वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए यहां कई बार तमाम योजनाएं बनाई गई, लेकिन वह परवान नहीं चढ़ सकी। सिर्फ लोगों को जागरूकता ही किया जा सका।
बाघों की बढ़ती संख्या दर्जनों गांव के हजारों किसानों के लिए संकट का सबब है। कभी भी किसी भी स्थान पर खेतों में बाघ निकल आते हैं। जिससे खेती किसानी करना कठिन हो गया है। डिप्टी रेंजर राम नरेश वर्मा ने बताया कि घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए वन विभाग की टीमें कांबिंग के लिए लगाई गई हैं। ग्रामीण खेतों में समूह बनाकर हाका लगाते हुए जाएं।

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