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    लखीमपुर में भी होगी निलंबित आइएएस अफसर अभिषेक प्रकाश की संपत्तियों की जांच, विजिलेंस विभाग कस रहा शिकंजा

    Vigilance department probe लखीमपुर के जिलाधिकारी रहे अभिषेक प्रकाश पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। उनकी आय से अधिक संपत्ति की विजिलेंस जांच तेज हो गई है। अभिषेक प्रकाश सितंबर वर्ष 2011 से जुलाई 2012 तक लखीमपुर खीरी जिले के डीएम रहे हैं। विजिलेंस उनकी चल-अचल संपत्तियों का ब्योरा इकट्ठा कर रही है।

    By rakesh mishra Edited By: Dharmendra Pandey Updated: Mon, 19 May 2025 05:36 PM (IST)
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    खीरी में भी होगी पूर्व डीएम अभिषेक प्रकाश की विजिलेंस जांच, आय से अधिक संपत्ति में घिरे

    संवादसूत्र, जागरण. लखीमपुर : यूपी इंवेस्ट के सीईओ पद से निलंबित चर्चित आइएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश की मुश्किलें अब काफी बढ़ती जा रही हैं।

    सर्तकता अधिष्ठान (विजिलेंस) ने जिला प्रशासन से लखीमपुर खीरी में उनके जिलाधिकारी के पद पर तैनाती के दौरान उनके या परिवार के सदस्यों द्वारा खरीदी गई संपत्ति व शस्त्र लाइसेंस का ब्योरा तलब किया है। सर्तकता अधिष्ठान अभिषेक प्रकाश पर एक सौर ऊर्जा कंपनी से कमीशन मांगने की जांच तो कर ही रहा हैं, साथ में आय से अधिक संपत्ति का मामला भी खोल दिया है।

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    लखीमपुर के जिलाधिकारी रहे अभिषेक प्रकाश पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। उनकी आय से अधिक संपत्ति की विजिलेंस जांच तेज हो गई है। अभिषेक प्रकाश सितंबर वर्ष 2011 से जुलाई 2012 तक लखीमपुर खीरी जिले के डीएम रहे हैं। इसके अलावा वह लखनऊ, बरेली, अलीगढ़, मेरठ, हमीरपुर, नोएडा, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद और वाराणसी में भी तैनात रहे हैं। सर्तकता अधिष्ठान (विजिलेंस) अब कई एजेंसियों के माध्यम से उनकी चल-अचल संपत्तियों का ब्योरा इकट्ठा कर रही है।

    सूत्रों के अनुसार, अभिषेक प्रकाश ने विभिन्न जिलों में अपने परिवारजन व रिश्तेदारों के नाम पर कई संपत्तियां खरीदी हैं, जो उनकी ज्ञात आय से कहीं अधिक मानी जा रही हैं। विजिलेंस टीम इन संपत्तियों की रजिस्ट्री, लेनदेन और निवेश के दस्तावेज खंगाल रही है। जांच से बचने के लिए अभिषेक प्रकाश सतर्कता अधिष्ठान के सामने पेश नहीं हो रहे हैं। अब आय से अधिक संपत्ति का मामला उनके लिए नई परेशानी बन गया है।

    इस मामले में एआइजी स्टांप अल्का सिंह ने बताया कि अभिषेक प्रकाश के खिलाफ उनकी तैनाती वाले सभी जिलों में जांच चल रही है। खीरी जिले में स्टांप की खरीद से संबंधित जानकारी सामने आने पर रिपोर्ट सर्तकता अधिष्ठान को भेजी जाएगी।