शुद्ध पेयजल के लिए ग्रामीणों को नहीं देना होगा 50 रुपये, कार्यदायी संस्था करेगी पानी टंकी के संचालन का काम
लखीमपुर खीरी में जल निगम की पानी की टंकियों के संचालन में आ रही बाधा अब दूर होगी। राज्य सरकार ने नई नीति लागू की है जिसके तहत ग्रामीणों से वसूली रद्द कर दी गई है। अब कार्यदायी संस्था टंकियों की मरम्मत और संचालन करेगी जिससे ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मिल सकेगा।

संवाद सूत्र, लखीमपुर। जल निगम की पानी की टंकियां केवल इसलिए शोपीस बन जाती हैं कि उनके संचालन के लिए ऑपरेटर नहीं मिलते हैं। कारण यह कि ऑपरेटरों को मिलने वाला मानदेय ग्रामीणों से प्रतिमाह पानी के बदले वसूलने जाने वाली प्रतिमाह 50 से किया जाना था, लेकिन कभी ग्राम पंचायतों में यह वसूली नहीं हो पाई, क्योंकि ग्रामीणों ने पानी का राजस्व कभी नहीं दिया।
नतीजा यह हुआ कि ऑपरेटर को मानदेय नहीं मिल पाया और पानी की टंकी का संचालन ठप पड़ गया, लेकिन अब राज्य सरकार ने इस पालिसी में बदलाव किया है। नई पालिसी के मुताबिक, प्रतिमाह वसूले जाने वाले 50 रुपया की वसूली को रद कर दिया है।
अब ग्रामीणों से धनराशि नहीं वसूला जाएगा। बल्कि, ग्रामीणों की जगह अब कार्यदायी संस्था को पानी की टंकी के संचालन का कार्य सौंपा गया है। जिले की 116 पुरानी परियोजनाएं जिनसे पानी की सप्लाई नहीं हो रही है, उनकी मरम्मत कराकर कार्यदायी संस्था कराएगी और टंकियों पर खुद ऑपरेटर रखेगी।
उनका मानदेय भी खुद देगी और 10 वर्ष तक पानी की टंकी का संचालन भी करेगी। जल निगम के एई दीन प्रभाकर का कहना है कि टंकियों के आपरेटरों को मानदेय न मिलने के कारण संचालन बाधित रहता था।
इस कारण ग्रामीण भी शुद्ध पेयजल से वंचित हो जाते थे, लेकिन नई पालिसी के आने से अब यह समस्या नहीं रहेगी। कार्यदायी संस्था खुद पानी की टंकियों का रखरखाव करेगी और अपना आपरेटर रख कर 10 वर्ष तक संचालन कार्य करेगी।
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