अब 'कबीरधाम' नाम से जाना जाएगा लखीमपुर का 'मुस्तफाबाद', CM योगी बोले- सेक्युलरिज्म के नाम पर पहचान मिटाने का दौर खत्म
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखीमपुर खीरी में मुस्तफाबाद का नाम बदलकर कबीरधाम करने की घोषणा की। उन्होंने विपक्ष के सेक्युलरिज्म को पाखंड बताया और कहा कि उनकी सरकार धार्मिक स्थलों का पुनरुद्धार कर रही है। योगी आदित्यनाथ ने संत कबीरदास की वाणी को समाज का मार्गदर्शक बताया और राष्ट्रभक्ति पर जोर दिया। उन्होंने भारत की आर्थिक प्रगति और धार्मिक स्थलों के पुनरुद्धार पर भी बात की।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को लखीमपुर खीरी के मुस्तफाबाद स्थित विश्व कल्याण आश्रम पहुंचे, जहां उन्होंने ‘स्मृति प्राकट्योत्सव मेला-2025’ में भाग लिया और पूज्य संतों को नमन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार में प्रदेश के धार्मिक स्थलों का पुनरुद्धार और सौंदर्यीकरण का कार्य किया जा रहा है, जबकि पहले यही पैसा कब्रिस्तान की बाउंड्री बनाने में लगता था।
उन्होंने मुस्तफाबाद का नाम बदलकर कबीरधाम रखने की घोषणा की और कहा कि पिछली सरकारों में अयोध्या को फैजाबाद, प्रयागराज को इलाहाबाद और कबीरधाम को मुस्तफाबाद बनाया गया था। हमने इन स्थलों की पहचान वापस लौटाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष इसे सेक्युलरिज्म के नाम पर करता था, जबकि यह पाखंड है।
संत कबीरदास जी की वाणी आज भी समाज का मार्गदर्शन कर रही
कबीरधाम आश्रम में आयोजित इस भव्य आयोजन में मुख्यमंत्री ने राष्ट्रभक्ति, सनातन परंपरा, विरासत के सम्मान, और विकास की दिशा में सरकार की उपलब्धियों पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि संत कबीरदास जी की वाणी आज भी समाज का मार्गदर्शन कर रही है। उन्होंने निर्गुण भक्ति की वह धारा प्रवाहित की जो समाज की विसंगतियों को तोड़कर आत्मा और परमात्मा का संबंध सरल शब्दों में आमजन को समझाने में सफल रही। मुख्यमंत्री ने कहा कि 'गुरु गोविंद दोनों खड़े काके लागूं पांव...' यह दोहा आज भी हमें गुरु के महत्व का स्मरण कराता है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संतों की वाणी आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी सैकड़ों वर्ष पूर्व थी। उन्होंने कहा कि 'कबीरदास जी ने उस दौर में समाज की जातीय विषमताओं पर प्रहार कर कहा था, ‘जाति पाति पूछे न कोई, हरि को भजे सो हरि का होई।’ यह वाणी हमारे समाज की एकता और अखंडता की आधारशिला है।

देश की एकता को तोड़ने वाली शक्तियों से सावधान रहने की आवश्यकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की एकता को तोड़ने वाली शक्तियों से सावधान रहने की आवश्यकता है। आज भी समाज विरोधी ताकतें आस्था पर प्रहार करने और जाति के नाम पर विभाजन करने की कोशिश कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि अगर हम समय रहते अपनी कमजोरियों को नहीं पहचानेंगे तो ये बीमारियां कैंसर की तरह समाज को खोखला कर देंगी। सीएम योगी ने कहा कि राष्ट्रभक्ति ही सभी समस्याओं का समाधान है। उन्होंने कहा कि “माता भूमि पुत्रोहम्...” यह भूमि केवल मिट्टी का टुकड़ा नहीं, हमारी मातृभूमि और पितृभूमि है। इस धरती की सेवा ही सच्ची उपासना है।
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कुछ ही माह में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनेगा भारत
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हुए परिवर्तन की चर्चा करते हुए कहा कि 2014 से पहले देश पहचान के संकट से जूझ रहा था। भ्रष्टाचार, आतंकवाद और विभाजनकारी राजनीति चरम पर थी। मोदी जी के नेतृत्व में भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है और कुछ ही माह में यह तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनने जा रहा है।
धार्मिक स्थलों के पुनरोद्धार से आस्था और पर्यटन दोनों को बल मिला
उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी जैसे सीमावर्ती जिलों में भी विकास की नई धारा बह रही है। गांव-गांव सड़कें बन रही हैं, मेडिकल कॉलेज की स्थापना हो रही है, एयरपोर्ट का विस्तार किया जा रहा है और ईको-टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि गोला गोकर्णनाथ धाम और कबीरधाम जैसे धार्मिक स्थलों के पुनरोद्धार से आस्था और पर्यटन दोनों को बल मिल रहा है।
गो-सेवा और नेचुरल फार्मिंग पर भी दिया जोर
मुख्यमंत्री ने संत असंगदेव जी महाराज के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि वे धर्म, नशा मुक्ति और राष्ट्र चेतना का अद्भुत कार्य कर रहे हैं। उन्होंने नशा मुक्ति पर बोलते हुए कहा कि नशा नाश का कारण है। विदेशी ताकतें हमारे युवाओं को बर्बाद करने की साजिश रच रही हैं। फोन का इस्तेमाल सीमित करें और आत्मविकास पर ध्यान दें।

सीएम योगी ने गो सेवा और नेचुरल फार्मिंग पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि हर गाय के लिए सरकार 1500 रुपये प्रतिमाह दे रही है। गोमाता के संरक्षण के लिए जनप्रतिनिधियों को गोशालाओं की देखरेख करनी चाहिए। रासायनिक खेती से जमीन ऊसर हो रही है, इसलिए नेचुरल फार्मिंग अपनाएं। एक गाय 30 एकड़ भूमि के लिए पर्याप्त जैविक खाद देती है। यही सच्ची राष्ट्रभक्ति है। उन्होंने कहा कि जल संसाधनों का संरक्षण, खेती की रक्षा और नशा मुक्ति, यही राष्ट्र की सच्ची सेवा है।
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने प्रदेश और देशवासियों को छठ महापर्व की शुभकामनाएं दीं। इससे पूर्व उन्होंने सद्गुरु कबीर पूज्य श्री असंगदेव जी धर्मशला का भूमि पूजन किया।
इस अवसर पर असंग देव जी महाराज, प्रदेश सरकार में मंत्री राकेश सचान, नितिन अग्रवाल, मन्नूलाल कोरी, विधायक अमन गिरी, रोमी साहनी, लोकेंद्र प्रताप सिंह, शशांक वर्मा, योगेश वर्मा, विनोद शंकर अवस्थी, मंजू त्यागी, सौरभ सिंह सोनू, महामंडलेश्वर प्रवक्तानंद सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु और संतजन उपस्थित रहे।

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