Lalitpur News: महिला से अश्लील टिप्पणी करने पर मड़ावरा चिकित्सा अधीक्षक पर गिरी गाज, जखौरा में तबादला
ललितपुर के मड़ावरा में चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अविनाश कुमार को पदावनत कर जखौरा स्थानांतरित कर दिया गया। उन पर महिला कर्मचारी ने अश्लील टिप्पणी और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। जांच के बाद यह कार्रवाई हुई। सीएमओ ने डॉ. अवधेश चन्द्र यादव को नया चिकित्सा अधीक्षक नियुक्त किया है ।

जागरण संवाददाता, ललितपुर। एक सप्ताह तक चले आरोप-प्रत्यारोपों और जाँच पड़ताल के बाद मंगलवार देररात मड़ावरा चिकित्सा अधीक्षक डॉ.अविनाश कुमार को पदावनत करते हुये मड़ावरा से हटाकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जखौरा स्थानान्तरित कर दिया गया।
सीएमओ कार्यालय द्वारा जारी पत्र में उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.अवधेशचन्द्र यादव को मड़ावरा चिकित्सा अधीक्षक बनाया गया है। वहीं डॉ. अविनाश को मेडिकल ऑफिसर बनाया गया है।
गौरतलब है कि डॉ.अविनाश कुमार पर उनकी अधीनस्थ महिला कार्मिक द्वारा अश्लील टिप्पणी करने एवं भ्रष्टाचार में सहयोग के लिये दबाव बनाये जाने का आरोप लगाते हुये उपजिलाधिकारी मड़ावरा एवं जिलाधिकारी के समक्ष शिकायत कर कार्यवाही की माँग की गयी थी।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के पोषण पुनर्वास केंद्र की आहार विशेषज्ञ द्वारा शिकायत के बताया गया था कि अधीक्षक द्वारा किचन में अधोमानक खाद्य सामग्री भेजी जाती है और खुद के खाने-नाश्ते को व्यवस्था एनआरसी की किचेन से की जाती है।
भ्रष्टाचार में साथ नहीं देने पर नौकरी से हटाने की धमकियां दी गयी। मामले में मंगलवार को उपजिलाधिकारी मड़ावरा द्वारा शिकायतकत्री के बयान अंकित कर जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को प्रेषित की गयी।
वहीं, मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा भी मामले की जाँच के लिये अपर मुख्यचिकित्साधिकारी डॉ. वीरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में जाँच समिति गठित की गयी थी।
आरोपी चिकित्सा अधीक्षक ने किया था मामले को रफा-दफा करने का प्रयास
अधीनस्थ महिला कार्मिक पर अश्लील टिप्पणी करने के प्रकरण की गम्भीरता और आरोपों में खुद को घिरता देख चिकित्सा अधीक्षक मड़ावरा द्वारा एक आदेश निर्गत करते स्वयं को बचाने का प्रयास करते हुये बताया कि महिला द्वारा लगाये गये आरोपों का प्रकरण स्टाफ के आपसी मतभेद के चलते सतह पर आया था, जिसमें शिकायतकत्री आहार विशेषज्ञ को पोषण पुनर्वास केंद्र के भोजन निर्माण एवं वितरण संबंधी कार्य समेत सभी कार्मिकों पूर्व की भांति कार्य करने के निर्देश देकर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया गया।
जिसकी प्रतिलिपि सीएमओ एवं जांच समिति को भी भेज दी गयी थी। वहीं महिला कार्मिक को आहार विशेषज्ञ एवं किचेन का चार्ज देकर संतुष्ट करने की कोशिश की गयी। जबकि एसडीएम के समक्ष दिये गये बयानों में महिला कार्मिक ने चिकित्सा अधीक्षक द्वारा अश्लील टिप्पणी कर नारी की मर्यादा और सम्मान भंग करने की पुष्टि होना बताया गया है।
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