पुष्टाहार बजट में बढ़ोतरी, यूपी के एक लाख 89 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों को मिलेगा लाभ
उत्तर प्रदेश में आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए अनुपूरक पुष्टाहार के बजट में महंगाई को देखते हुए बढ़ोतरी की गई है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस फैसले से बच्चों गर्भवती महिलाओं और कुपोषित लाभार्थियों को पर्याप्त और पोषक आहार मिल सकेगा। नैफेड के माध्यम से बजट बढ़ाया जाएगा।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। महंगाई को देखते हुए आंगनबाड़ी केंद्रों पर मिलने वाले अनुपूरक पुष्टाहार के बजट में बढ़ोतरी की सहमति मिल मिल गई है। पिछले कई वर्षों से (2017 से) इस मद में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी, जबकि इस दौरान महंगाई लगातार बढ़ती रही।
ऐसे में अतिरिक्त बजट की मांग नैफेड (एनएएफईडी) के माध्यम से की गई, जो आंगनबाड़ी केंद्रों तक पुष्टाहार पहुंचाने का कार्य करती है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में निर्णय हुआ कि अब महंगाई के अनुपात में बजट बढ़ाया जाएगा, जिससे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और कुपोषित लाभार्थियों को पर्याप्त और पोषक आहार उपलब्ध कराया जा सके।
प्रदेश में हैं एक लाख 89 हजार आंगनबाड़ी केंद्र
प्रदेश में एक लाख 89 हजार आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इसमें करीब दो करोड़ महिलाएं और बच्चे लाभार्थी हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पुष्टाहार का वितरण केंद्र सरकार के सहयोग से किया जाता है। इसमें अनुपूरक पुष्टाहार की चार श्रेणियां निर्धारित हैं।
अभी तक छह वर्ष तक के बच्चों को आठ रुपये प्रति बच्चे के हिसाब से मिलता है। जबकि गर्भवती महिलाओं के लिए 9.50 रुपये प्रतिदिन प्रति महिला निर्धारित है। अति कुपोषित लाभार्थियों के लिए 12 रुपये प्रतिदिन प्रति व्यक्ति मिलता है।
इसके अलावा किशोरियों और अन्य विशेष श्रेणियों के लिए भी अलग-अलग दरें निर्धारित हैं। प्रदेश सरकार के बजट बढ़ाने से न केवल बच्चों और महिलाओं को बेहतर पोषण मिलेगा, बल्कि कुपोषण के खिलाफ राज्य सरकार की लड़ाई को भी मजबूती मिलेगी।

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