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    यूपी में निकायों में यातायात एवं पर्यावरण अभियंताओं की होगी नियुक्ति, शहरी विकास को मिलेगी नई दिशा

    Updated: Fri, 17 Oct 2025 01:08 AM (IST)

    राज्य सरकार ने शहरी स्थानीय निकायों में यातायात और पर्यावरण प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए निकायों में यातायात एवं पर्यावरण अभियंताओं की नियुक्ति करने का फैसला किया है। इस कदम से शहरों में यातायात व्यवस्था सुधरेगी, पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, और शहरी विकास को नई दिशा मिलेगी। सरकार का यह फैसला शहरी जीवन को बेहतर बनाने में सहायक होगा।

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। निकायों में अब यातायात और पर्यावरण अभियंताओं की भर्ती की जाएगी। उत्तर प्रदेश पालिका (केंद्रीयत) सेवा नियमावली 2025 में इस नए संवर्ग की व्यवस्था की गई है। उत्तर प्रदेश पालिका पर्यावरण सेवा के तहत नगर निगमों में अधीक्षण अभियंता व अधिशासी अभियंता पर्यावरण की भर्ती होगी।

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    नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव पी गुरुप्रसाद ने नियमावली को जारी कर दिया है। उत्तर प्रदेश पालिका यातायात एवं परिवहन अभियंत्रण सेवा के तहत नगर निगमों में अधीक्षण अभियंता व अधिशासी अभियंता यातायात के पदों का सृजन किया गया है।

    इसके अलावा नगर निकायों में सफाई व्यवस्था सुधारने और शहरों के सुनियोजित विकास के लिए मुख्य स्वच्छता अधिकारी, वरिष्ठ नगर नियोजक और नगर पालिका परिषदों में नगर नियोजक की नियुक्ति की जाएगी। नगर निगमों में प्रधान पशु कल्याण अधिकारी और वरिष्ठ पशु कल्याण अधिकारी भी रखे जाएंगे। जो कि गौशालाओं की देखरेख करेंगे।

    गौरतलब है कि कैबिनेट ने 26 सितंबर को उत्तर प्रदेश पालिका (केंद्रीयत) सेवा (29वां संशोधन) नियमावली 2025 को मंजूरी दी थी। इसमें नगर निकायों में कर्मचारियों की भर्ती की सेवा शर्तें स्पष्ट हो गई थी।इस संशेधित नियमावली को जारी करने के साथ ही नगर निकायों में 3601 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया में तेजी आएगी।

    आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी नहीं मनाएंगे दीपावली

    परिषदीय विद्यालयों में 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती के आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों ने इस बार भी दीपावली न मनाने का निर्णय लिया है। पिछड़ा-दलित संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष सुशील कश्यप और संरक्षक भास्कर सिंह के आह्वान पर अभ्यर्थियों ने कहा कि भर्ती में आरक्षण घोटाले के कारण वे पांच साल से न्याय से वंचित हैं।

    मोर्चा के प्रवक्ता राजन जायसवाल ने बताया कि हाईकोर्ट से जीत के बाद भी सरकार की लचर पैरवी के चलते सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो पा रही है।

    प्रवक्ता जगबीर सिंह चौधरी ने चेतावनी दी कि यदि 28 अक्टूबर तक सरकार सुप्रीम कोर्ट में याचियों के पक्ष में हलफनामा दाखिल नहीं करती तो अभ्यर्थी लखनऊ में आंदोलन करेंगे। कई अभ्यर्थियों ने बताया कि नौकरी न मिलने से वे आर्थिक और मानसिक रूप से टूट चुके हैं। हर दीपावली उनके लिए अंधकारमय हो गया है।