UP News: अब अटल विद्यालयों में ‘निराश्रित’ कहलाएंगे ‘राज्याश्रित’ विद्यार्थी, सीबीएसई कराएगा प्रवेश परीक्षा
उत्तर प्रदेश के 18 अटल आवासीय विद्यालयों के निराश्रित बच्चों को अब 'राज्याश्रित विद्यार्थी' कहा जाएगा। अगले सत्र से सीबीएसई के माध्यम से प्रवेश परीक्षा होगी और हर विद्यालय में इनोवेशन लैब स्थापित की जाएगी। यह निर्णय श्रम विभाग की बैठक में लिया गया। विद्यालयों को आदर्श रेजिडेंशियल स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा और सभी छात्रों को स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत लाया जाएगा।
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के 18 अटल आवासीय विद्यालयों में पढ़ने वाले निराश्रित बच्चों को अब ‘राज्याश्रित विद्यार्थी’ कहा जाएगा। यह बदलाव बच्चों को सम्मानजनक सामाजिक पहचान देने के उद्देश्य से किया गया है।
साथ ही अगले सत्र से अटल विद्यालयों में प्रवेश परीक्षा केंद्रीकृत रूप से सीबीएसई के माध्यम से कराई जाएगी। हर विद्यालय में इनोवेशन लैब स्थापित किया जाएगा। यह निर्णय गुरुवार को श्रम एवं सेवायोजन विभाग के प्रमुख सचिव डा. एमके शन्मुगा सुंदरम की अध्यक्षता में हुई विद्यालय समिति की बैठक में लिया गया।
प्रमुख सचिव ने कहा कि अटल आवासीय विद्यालयों को देश के आदर्श रेजिडेंशियल स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा, ताकि श्रमिक परिवारों और वंचित वर्ग के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सम्मानजनक वातावरण मिल सके।
साथ ही सभी छात्र-छात्राओं को स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत लाने के निर्देश दिए गए, ताकि हर विद्यार्थी स्वास्थ्य सुरक्षा के दायरे में आ सके। बैठक में हास्टल व्यवस्था, पोषण, खेलकूद और सह-पाठयक्रम गतिविधियों को बेहतर बनाने पर भी जोर दिया गया।
उन्होंने कहा कि सभी संबंधित विभाग आपसी समन्वय से काम करें, ताकि अटल आवासीय विद्यालय देश के माडल रेजिडेंशियल स्कूल के रूप में स्थापित हो सकें और वंचित बच्चों को बेहतर भविष्य की दिशा मिल सके। श्रमायुक्त मार्कण्डेय शाही, अटल आवासीय विद्यालय की महानिदेशक पूजा यादव, नवोदय विद्यालय समिति के उप आयुक्त बीके सिन्हा व अन्य उपस्थित रहे।
छह मृतक आश्रितों को महिला कल्याण मंत्री ने दिए नियुक्ति पत्र
महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्य ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर आयोजित कार्यक्रम में छह मृतक आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति पत्र प्रदान किए। नियुक्ति पत्र पाने वालों में रश्मि शर्मा, शिखा सविता, सलिल बाजपेयी, सिद्धार्थ सिंह, शरद कुमार और लक्ष्य उपाध्याय शामिल हैं।
मंत्री ने कहा कि अनुकंपा नियुक्ति केवल एक रोजगार अवसर नहीं, बल्कि सरकार की संवेदनशीलता, सहानुभूति और अपने कर्मचारियों के परिवारों के प्रति उत्तरदायित्व का प्रतीक है। शासन का यह प्रयास है कि जिन परिवारों ने विभाग में कार्यरत अपने परिजन को असमय खोया है, उन परिवारों को शीघ्रता से रोजगार उपलब्ध कराकर आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाया जाए।
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