आजमगढ़ में मदरसा शिक्षक को अनियमित वेतन मिला, संयुक्त निदेशक समेत चार सस्पेंड
लखनऊ में, आजमगढ़ के एक मदरसा शिक्षक, शमशुल हुदा खान को विदेश में अवैध रूप से वेतन देने के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक समेत चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। शमशुल हुदा खान ने 2013 में ब्रिटिश नागरिकता ले ली थी, फिर भी उन्हें वेतन और पेंशन का भुगतान किया जा रहा था। अधिकारियों पर सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आजमगढ़ के तत्कालीन मदरसा शिक्षक शमशुल हुदा खान को विदेश में रहने के दौरान नियम विरुद्ध वेतन, पेंशन व अन्य देयों का भुगतान किए जाने के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है।
शासन ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक शेष नाथ पांडेय, तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक अधिकारी आजमगढ़ (अब गाजियाबाद में तैनात) साहित्य निकष सिंह, तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आजमगढ़ (अब अमेठी में तैनात) प्रभात कुमार तथा तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आजमगढ़ (अब बरेली में तैनात लालमन को निलंबित किया है।
आजमगढ़ के मदरसा शिक्षक शमशुल हुदा खान ने वर्ष 2013 में भारत की नागरिकता छोड़ दी थी। वह ब्रिटेन में रह रहा था और वहां की नागरिकता भी हासिल कर ली थी। इसके बाद भी शमशुल हुदा खान को गैर कानूनी ढ़ंग से वेतन, पेंशन व अन्य देयों का भुगतान किया जाता रहा।
निलंबित किए गए अधिकारियों पर शासकीय धन की क्षति पहुंचाने व पद का दुरुपयोग के गंभीर आरोप हैं। मदरसा दारूल उलूम अहिले सुन्नत मदरसा अशरफिया मिस्बाहुल उजूम आजमगढ़ के तत्कालीन शिक्षक शमशुल हुदा खान ने 19 दिसंबर, 2013 को स्वेच्छा से भारतीय नागरिकता का परित्याग कर ब्रिटिश नागरिकता ली थी।
इसके बाद भी शमशुल मदरसा प्रबंधक//प्रधानाचार्य व विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से 31 जुलाई, 2017 तक अनियमित रूप से वेतन लेता रहा। अनियिमत ढ़ंग से उसके चिकित्सा अवकाश स्वीकृत किए गए।
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद सेवानिवृत्ति लाभ जीपीएफ व पेंशन प्रदान कर दी गई। इस मामले की जांच अल्पसंख्यक कल्याण के संयुक्त निदेशक ने कराई थी। मामले में एडीएम प्रशासन आजमगढ़ ने 29 जनवरी, 2022 को खान को अनियमित वेतन के रूप में दिए गए 16.59 लाख रुपये की रिकवरी का आदेश जारी किया था।
जिसके विरोध में शमशुल खान ने हाई काेर्ट इलाहाबाद में रिट याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने एडीएम प्रशासन आजमगढ़ के रिकवरी आदेश को निरस्त कर प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को पूरे प्रकरण की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाने तथा समिति की रिपोर्ट के आधार पर सक्षम अधिकारी द्वारा आदेश जारी किए जाने का आदेश दिया था।
जिस पर तीन सदस्यीय समिति गठित की गई थी, जिसमें अपर जिलाधिकारी आजमगढ़, अपर पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ व मंडलीय उप निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण शामिल थे। समिति ने शमशुल खान को दी गई अनियमित पेंशन व वेतन की धनराशि की रिकवरी किए जाने की संस्तुति की थी।
साथ ही मामले में संलिप्त अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही तथा शुमशुल खान के मदरसा शिक्षक रहते हुए आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, सिंगापुर, श्रीलंका व खाड़ी देशों के अलावा दो-तीन बार पाकिस्तान की यात्रा किए जाने की उच्च स्तरीय जांच एजेंसी से पड़ताल कराए जाने की सिफारिश भी की गई थी। एटीएस की वाराणसी इकाई ने भी शमशुल की विदेश यात्राओं को लेकर जांच की थी।

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