समर्थ पोर्टल पर दिव्यांग बच्चों का डेटा अपलोड भी धीमा, कई जिलों की लापरवाही उजागर
लखनऊ: बेसिक शिक्षा विभाग में एआरपी नियुक्ति और दिव्यांग बच्चों के प्रमाणपत्र अपलोड करने में कई जिलों की लापरवाही सामने आई है। 4400 स्वीकृत पदों में से केवल 2888 एआरपी का चयन हुआ है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने प्रमाणपत्र अपलोड करने और ईसीसीई एजुकेटर चयन प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं, अन्यथा कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग में एकेडमी रिसोर्स पर्सन (एआरपी) की तैनाती को लेकर कई जिलों की लापरवाही सामने आई है। प्रदेश में स्वीकृत 4400 पदों के सापेक्ष अब तक केवल 2888 एआरपी का ही चयन पूरा हो सका है। यह स्थिति विभाग के शीर्ष स्तर पर चिंता का कारण बनी हुई है।
बलिया, कासगंज, मऊ, रायबरेली, मथुरा, हरदोई, मेरठ, गोरखपुर, गोंडा और हमीरपुर जैसे जिलों का प्रदर्शन बेहद खराब है। इन जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे एक माह के भीतर चयन प्रक्रिया पूरी करें, अन्यथा कार्रवाई की जाएगी।
समर्थ पोर्टल पर दिव्यांग बच्चों के प्रमाणपत्र अपलोड करने की प्रगति का भी आकलन किया गया। इसमें भी कई जिलों का प्रदर्शन निराशाजनक पाया गया। विशेष रूप से मऊ, कुशीनगर, एटा, चंदौली, आजमगढ़, अलीगढ़, लखीमपुर खीरी, जौनपुर, गाजीपुर और महोबा में निर्गत दिव्यांगता प्रमाणपत्रों को पोर्टल पर अपलोड करने की गति बेहद धीमी रही है।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने इन जिलों को निर्देश दिया है कि सभी प्रमाणपत्र समर्थ ऐप के माध्यम से तत्काल अपलोड किए जाएं ताकि दिव्यांग बच्चों को योजनाओं का लाभ समय से मिल सके। इसके साथ ही ईसीसीई एजुकेटर चयन की प्रक्रिया में भी सुस्ती दिखाने वाले जिलों को चेतावनी दी गई है। सोनभद्र, अमरोहा, बलरामपुर, कानपुर नगर, उन्नाव, सुलतानपुर, रायबरेली, बदायूं, कन्नौज और मेरठ को कहा गया है कि वे 15 दिनों के भीतर सेवा प्रदाता चयन की कार्रवाई पूरी करें।

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